गर्मी में लाइन का झंझट खत्म वॉट्सएप पर होगा हाउस टैक्स जमा, सुविधा लेने को करना होगा ये आसान काम
हाउस टैक्स जमा करने को गर्मी में जाना और रसीद खोने की समस्या अब आगरावासियों को परेशान नहीं करेगी। अब हाउस टैक्स जमा करने के लिए उपभोक्ताओं को भुगतान ऑनलाइन करने की सुविधा के साथ रसीद व्हाट्सएप पर पीडीएफ फॉर्मेट में उपलब्ध कराई जाएगी।

हाउस टैक्स जमा करने को गर्मी में जाना और रसीद खोने की समस्या अब आगरावासियों को परेशान नहीं करेगी। आगरा नगर निगम ने नागरिक सुविधा को बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। अब हाउस टैक्स जमा करने के लिए उपभोक्ताओं को भुगतान ऑनलाइन करने की सुविधा के साथ रसीद व्हाट्सएप पर पीडीएफ फॉर्मेट में उपलब्ध कराई जाएगी। इससे रसीद को खोने या गुम करने की चिंता खत्म हो जाएगी और लोग इसे डिजिटल रूप में हमेशा के लिए सुरक्षित रख सकेंगे।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि यह सुविधा पारदर्शिता और नागरिक सुविधा बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है। अब लोगों को रसीद की फिजिकल कॉपी रखने की जरूरत नहीं होगी। टैक्स चाहे ऑनलाइन जमा करें या कैश काउंटर से, रसीद सीधे उनके मोबाइल पर भेज दी जाएगी। यह सुविधा नगर निगम की सेवाओं को स्मार्ट और नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सुविधा पाने के लिए यह करना होगा
जो भी टैक्स धारक इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें अपने संबंधित जोन में स्थित नगर निगम कार्यालय में जाकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट कराना होगा। यह एक बार का कार्य है जिसके बाद वे इस आधुनिक सुविधा का आसानी से लाभ उठा पाएंगे।
व्हाट्सएप से बिल जमा कराने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि
नगर निगम की डिजिटल पहल को शहरवासियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि व्हाट्सएप के माध्यम से हाउस टैक्स जमा करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो डिजिटलीकरण की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है। वर्ष 2023-24 में जहां 5,900 लोगों ने हाउस टैक्स के रूप में एक करोड़ रुपये जमा किए थे, वहीं वर्ष 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 28,936 हो गई है।
इन उपभोक्ताओं से नगर निगम को कुल 9 करोड़ 83 लाख रुपये की प्राप्ति हुई है। यह बढ़ता आंकड़ा इस डिजिटल माध्यम की लोकप्रियता और सुविधा का प्रमाण है। इस पहल से हाउस टैक्स जमा करना न सिर्फ आसान हुआ है, बल्कि रसीद प्राप्त करने की प्रक्रिया भी पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित हो गई है। यह पहल प्रशासनिक दक्षता और नागरिक सुविधा के बीच संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण बन रही है।