बोले कासगंज: सीएम से एक ही गुहार, तीर्थ नगरी में बहे विकास की धार
Agra News - उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम जारी है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर, और मथुरा में बांके बिहारी मंदिर के लिए कॉरिडोर का...
उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर के साथ सरयू के घाटों का उद्धार... और अब मथुरा के वृंदावन में सुप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भी कॉरिडोर की कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार की योजना को सुप्रीम कोर्ट की सहमति मिल गई है। ऐसे में धर्म और तीर्थ नगरी सोरों में भी बहुमुखी विकास की मांग उठ रही है। हिन्दुस्तान के बोले कासगंज अभियान के दौरान यहां के प्रबुद्ध लोगों ने संवाद किया। इसमें मांग की कि सोरों जी समेत यहां के सभी प्रमुख तीर्थों का समग्र विकास करें।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कासगंज के समग्र विकास के लिए लोगों को एक बड़े पैकेज की आस है। तीर्थ नगरी सोरों, सहावर, गंजडुंडवारा व पटियाली व अमांपुर के लोगों को धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के विकास समेत कस्बों में बाई-पास निर्माण की मांग लोग लंबे समय से कर रहे हैं। कासगंज शहर में ड्रेनेज सिस्टम, जाम से निजात के लिए पार्किंग, नदरई एक्वाडक्ट को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग भी काफी पुरानी है।तीर्थ नगरी सोरों में पुरोहित व स्थानीय लोग सोरों के समग्र विकास के लिए बड़े पैकेज की घोषणा चाहते हैं। हरिपदी गंगा स्थित वराह मंदिर का कॉरीडोर का निर्माण, पंचकोसी परिक्रमा के चौड़ीकरण, सूकरक्षेत्र विकास परिषद का गठन, पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करना लोग जरूरी समझते हैं। राजस्थान व मध्यप्रदेश से रेल व सीधी रोडवेजे बस सेवा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बहुत जरूरी है। जिससे सुविधाजनक तरीके से लोग सोरों से आवागमन कर सकें। सहावर कस्बा में जाम से लोग बहुत परेशान हैं। ऐसे में जाम की समस्या से निजात पाने के लिए सहावर के लोगों को बाईपास निर्माण की घोषणा की उम्मीद है। गंजडुंडवारा में हथरकघा उद्योग को भी मुख्यमंत्री से एक बूस्टर डोज की जरूरत है। जिससे इस उद्योग को पंख लगें और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके। गंजडुंडवारा के लोग कस्बा में जलभराव से निपटने के लिए बेहतर ड्रेनेज सिस्टम व बाईपास निर्माण भी चाहते हैं। पटियाली अमीर खुसरो की जन्मस्थली है। इसके साथ ही पाटलावती का प्राचीन मंदिर भी है। पटियाली के लोग चाहते हैं कि उन्हें विकास के लिए पैकेज की घोषणा की जाए। गंगावन के संरक्षण को को बने जैव विविधता पार्क: पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कासगंज ने अपना एक मुकाम बनाया है। मानव निर्मित घना गंगा व भागीरथ वन, पचलाना में मानव निर्मित वनों में लाखों पौधे रोपित किए गए जो अब वृक्ष बन चुके हैं। इन वनों के संरक्षण की बहुत जरूरत है। इन वनों में हिरण व पक्षियों की दर्जनों प्रजातियों को संरक्षण मिलता है। दरियागंज झील पर हर वर्ष सर्दियों के दिनों में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। गंगावन में जैव विविधता पार्क व दरियावगंज झील को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हों तो पर्यटकों की संख्या में अधिक वृद्धि होगी। जनपद के लोगों की मांग है कि इन वनों के संरक्षण के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए। नदरई पुल का करें विकास बढ़ेगी पर्यटन की आस शहर के नदरई एक्वाडक्ट इंजीनियरिंगा बेजोड़ नमूना है। इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए। जिससे इस स्थान पर पर्यटकों में वृद्धि हो सके। इस स्थल पर पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएं। एक्वाडक्ट के आस-पास पर्यटकों को बैठने के लिए स्थान व झूले आदि लगाए जाएं।-अनुपम शर्मा, कारोबारी मटर के लिए मुख्यमंत्री से मंडी समिति की गुहार मोहनपुरा स्थित मटर मंडी के लिए स्थायी मंडी बनाई जाए। जिससे व्यापारी व मटर की पैदावार करने वाले किसानों के लिए सुविधा हो। मटर मंडी की वजह से कासगंज-सिकंदाराराऊ मार्ग पर जाम के हालात रहते हैं। किसान व व्यापारी दोनों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मोहनपुरा में मटर मंडी बनवाएंगे। -दीपक गुप्ता, सराफा व्यापारी सहावर में बाईपास की है लंबे समय से मांग सहावर के लोग बाईपास निर्माण की मांग लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। कस्बा में बाईपास नहीं होने से हर समय जाम की समस्या बनी रहती है। साहलग व त्यौहारों के समय में जाम की समस्या अधिक बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि सहावर में बाईपास निर्माण को स्वीकृति देंगे। -राजा भारद्वाज, सहावर जिला मुख्यालय तक के लिए चलाई जाएं रोडवेज की बसें सरकार ने सहावर में तहसील तो बनाई है। कस्बा के विकास के लिए मुख्यमंत्री से बड़े पैकेज की लोगों को उम्मीद है। सहावर में रोडवेज बस स्टैंड के साथ ही बसों का संचालन भी शुरू होना चाहिए। जिससे लोगों को हर समय जिला मुख्यालय तक जाने के लिए रोडवेज बसें उपलब्ध हों। - आमोद सक्सेना, सहावर सोरों वासियों की भी सुने सीएम साहब सोरों में सबसे बड़ी समस्या बंदरों की है। बंदर यहां आने वाले यजमानों एवं श्रद्धालुओं से सामान छीन लेते हैं। काट लेते हैं। हरिपदी गंगा के घाटों कूड़ेदान नहीं हैं। घाटों पर गंदगी रहती है। प्रमुख स्नान पर्व के अवसर पर राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि प्रदेशों के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण श्रद्धालुओं को ठहरने की समस्या होती है। अत: सरकार को श्रद्धालुओं के ठहरने हेतु धर्मशाला/अतिथि गृह का प्रबंध करना चाहिए। -रामधार दुबे बाहरी प्रदेशों से आने वाले यजमानों को अपने पुरोहितों को खोजने के लिए भटकना पड़ता है। कभी-कभी किसी और पुरोहित के यजमान का पूजन कोई और पुरोहित करा देता है। विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या के निराकरण के लिए प्रशासन को नगर यजमान-पुरोहित सुविधा केंद्र की स्थापना करनी चाहिए। वहीं पुरोहित भी इस केंद्र पर अपने यजमानों के आगमन की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।-रामू बड़गैयां हरिपदी गंगा के घाटों पर महिलाओं को वस्त्र बदलने हेतु चेजिंग रूम उपलब्ध नहीं हैं। जो चेंजिंग रूम उपलब्ध हैं, उनमें अंदर से लॉक नहीं लगता। इससे महिलायें स्नान करने के उपरांत वस्त्र बदलने को लेकर असुरक्षा की भावना महसूस करती हैं। अत: प्रशासन को सभी घाटों पर चेंजिंग रूमों का प्रबंध करना चाहिए। वहीं घाट पर बंदरों का भी आतंक रहता है। बंदर घाटों पर गंदगी भी फैलाते हैं। यजमान भी बंदरों के आतंक से भयभीत रहते हैं। - दुर्गेश कुमार तीर्थ नगरी में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शौचालयों की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। नगर पालिका द्वारा बनवाये गए सामुदायिक शौचालय रखरखाव के आभाव में बदहाल हो चुके हैं। अधिकांशत: शौचालय गंदे रहते हैं अथवा उनकी सीटें टूटी पड़ी हुई हैं। कुछ शौचालयों में पानी का इंतजाम नहीं है और जिनमें पानी आ रहा है उनकी टंकियां टूटी पड़ी हैं। - कैलाश चंद्र मिश्रा सोमवती अमावस्या आदि विशेष स्नान पर्व के मौके पर कई प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं एवं अस्थि विसर्जन को आने वाले यजमानों के निजी वाहनों को ट्रैफिक डायवर्जन के चलते नगर में प्रवेश नहीं मिलता। यातायात कर्मी इन्हें बाहर से पड़ोसी जनपद में स्थित कछला गंगा घाट भेज देते हैं। इससे अन्य प्रदेशों से आने वाले यजमानों की भावनाएं आहत होती हैं एवं पुरोहितों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। - चेतन महेरे हिन्दुस्तान के बोले कासगंज अभियान के दौरान तीर्थ नगरी सोरों समेत सहावर, गंजडुंडवारा, पटियाली और अमांपुर के समग्र विकास को लेकर चर्चा करते स्थानीय लोग। संवाद के दौरान लोगों ने कहा कि प्रदेश के अन्य तीर्थ स्थलों की तर्ज पर सोरों जी में भी विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार बजट पास करे और सुविधाओं पर काम कराए।- मल्लू सेठ
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