पड़ताल: पुरोहित नहीं दे रहे हलफनामा, फंसा विवाह का पंजीकरण
Aligarh News - उत्तर प्रदेश में नए विवाह पंजीकरण नियमों ने दंपतियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब पंडित का हलफनामा और शादी का वीडियो अनिवार्य कर दिया गया है। कई दंपति अपने माता-पिता की अनुपस्थिति में रजिस्ट्रेशन नहीं...

पड़ताल: पुरोहित नहीं दे रहे हलफनामा, फंसा विवाह का पंजीकरण नए नियम लागू होने के चलते तहसील से वापिस हो रहे आवेदन शादी के 45 साल बाद रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे दंपति वापस लौटे खून के रिश्ते में मां-बाप जिंदा नहीं, बेटा-बेटी विदेश में रहते हैं शादी का रजिस्ट्रेशन कराने को परिवारीजन ही बन सकते गवाह बीते दस दिनों में एक भी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है पड़ताल: शादी रजिस्टर्ड करानी है तो बच्चों को लेकर आना अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। शादी रजिस्ट्रेशन के नए नियमों ने रजिस्ट्रेशन कराने वाले की सिरदर्दी बढ़ा दी है। परिवार की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह करने वालों का रजिस्ट्रेशन होना मुश्किल हो गया है।
दरअसल ऐसे जोड़ों को अब पुरोहित हलफनाम नहीं दे रहे हैं। जबकि नए नियमों के तहत यह अनिवार्य किया गया है। बीते 10 दिनों में अलीगढ़ में एक भी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है। शादी एक पवित्र बंधन माना जाता है। जहां सिर्फ दो लोग आपस में नहीं जुड़ते हैं, बल्कि दो परिवार भी जुड़ते हैं। लेकिन, आजकल सोनम रघुवंशी मामले के साथ-साथ सोशल मीडिया पर ऐसी कई खबरें वायरल हो रही हैं, जो शादी जैसे पवित्र बंधन पर सवाल खड़ा कर रही हैं। ऐसे में यूपी में शादी रजिस्ट्रेशन के नियम भी कड़े हो गए हैं। 0-पंडित-पुरोहित का शपथ पत्र देना होगा कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए अब पंडित, पुरोहित या शादी कराने वाले व्यक्ति का शपथ पत्र देना जरूरी होगा। इस शपथ पत्र में पंडित का नाम, पिता का नाम, परमानेंट एड्रेस और रेजिडेंस एड्रेस के साथ आधार कार्ड की कापी भी लगेगी। 0-शादी का वीडियो पहले सिर्फ फोटो या कार्ड से ही शादी रजिस्टर हो जाती थी। लेकिन, अब शादी रजिस्ट्रेशन के लिए कोर्ट में शादी की वीडियो रिकॉर्डिंग भी जमा करनी होगी। रिकॉर्डिंग का पेन ड्राइव एक शपथ पत्र के साथ देना होगा। जिसमें शादी की डिटेल्स शामिल होंगी। 0-शादी रजिस्टर्ड करानी है तो बच्चों को लेकर आना शादी रजिस्टर्ड करानी है तो बच्चों को लेकर आना। आपको जरूर ये अटपटा लग रहा होगा लेकिन यूपी में लागू किए गए नए शादी रजिस्ट्रेशन नियमों ने ऐसी ही स्थिति बना दी है। रजिस्ट्रार कार्यालय में रोजाना शादी रजिस्टर्ड कराने के लिए पहुंचने वालों को नए नियमों का झटका लग रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उनको हो रही है जिनके माता-पिता जिंदा नहीं हैं और बच्चे विदेश में रहते हैं। इसके चलते बीते एक सप्ताह में एक भी शादी रजिस्टर्ड नहीं हो सकी है। 0-यह हैं शादी रजिस्ट्रेशन के नए नियम एआईजी स्टांप बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि नए नियमों के तहत, शादी रजिस्टर कराने के लिए अब माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, बेटी-बेटा की मौजूदगी जरूरी होगी। बिना परिवार की अनुमति के कोर्ट में शादी नहीं की जा सकती है। नए नियमों के मुताबिक, कोर्ट में मैरिज रजिस्ट्रेशन के समय माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दानी या बालिग बच्चे का होना जरूरी है। पुराने नियमों में परिवार के सदस्य का होना जरूरी नहीं था। गवाह के तौर पर दोस्त या किसी जान-पहचान वाले को लोग ले जाते थे। लेकिन, नए नियमों में माता-पिता या परिवार की परमिशन जरूरी कर दी गई है। शादी का रजिस्ट्रेशन सिर्फ उसी जिले में होगा, जहां लड़का-लड़की या उनके अभिभावक का निवास हो। हालांकि, विशेष मामलों में थोड़ी छूट भी मिली है। 0-वर्जन नए नियमों से फर्जी शादी, फर्जी सर्टिफिकेट्स और धोखाधड़ी के मामलों को कम करने का प्रयास किया जाएगा। नए नियमों का पालन नहीं करने पर कोर्ट में शादी रजिस्ट्रेशन नहीं होगा और सर्टिफिकेट भी नहीं मिलेगा। -कार्तिकेय गुप्ता, रजिस्ट्रार
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