मैं गोशालाओं के खिलाफ हूं...मंत्री दिलावर के बयान पर भड़का विपक्ष... जानें पूरी बात
राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर गाय और गोशालाएं सियासी तूफान की वजह बन गई हैं। ताजा मामला पाली जिले का है, जहां राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के एक बयान ने बीजेपी को घेरने का मौका कांग्रेस को दे दिया है।

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर गाय और गोशालाएं सियासी तूफान की वजह बन गई हैं। ताजा मामला पाली जिले का है, जहां राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के एक बयान ने बीजेपी को घेरने का मौका कांग्रेस को दे दिया है। मंत्री दिलावर ने एक बातचीत के दौरान कह दिया— "मैं गोशालाओं के खिलाफ हूं", और फिर क्या था... सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक हड़कंप मच गया।
बयान बना बवाल की जड़
मंगलवार, 17 जून को मंत्री मदन दिलावर पाली जिले के बर गांव में एक गोशाला के निरीक्षण पर पहुंचे थे। साथ में सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत और राज्य मंत्री ओटाराम देवासी भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान अविनाश गहलोत ने स्थानीय गोशाला की तारीफ की, कहा कि— "ये लोग अच्छा काम कर रहे हैं, एक्सीडेंट हो तो भी पहुंच जाते हैं।" इसी बीच शिक्षा मंत्री दिलावर ने तपाक से कहा— “मैं दूसरी तरह का आदमी हूं... मैं गोशालाओं के खिलाफ हूं।”
ये बात वहां मौजूद किसी ने रिकॉर्ड कर ली और कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कांग्रेस ने इसे लपक लिया और सीधे-सीधे भाजपा को गोमाता विरोधी पार्टी करार दे दिया।
टीकाराम जूली का तीखा हमला
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा—
“गोमाता का अपमान, कब तक सहेगा राजस्थान? गोमाता के नाम पर वोट, असलियत में गोशालाओं के विरोध में भाजपा! यही है भाजपाइयों का असली चेहरा।”
जूली यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा—
“जब भाजपा के मंत्री ही गोशालाओं के विरोध में बयानबाजी करें, तो यह साफ हो जाता है कि ‘गोसेवा’ भाजपा के लिए सिर्फ चुनावी हथियार है। ये आस्था या संवेदनशीलता का विषय नहीं, सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है।”
फर्जी गोशालाओं पर सफाई दी दिलावर ने
बयान पर बवाल बढ़ता देख खुद मंत्री मदन दिलावर को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा—
“मैं फर्जी गोशालाओं के खिलाफ हूं, जो गायों के नाम पर फंड लेते हैं लेकिन सेवा कुछ नहीं करते।”
हालांकि, दिलावर की यह सफाई तब आई जब वीडियो ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी थी और कांग्रेस को भाजपा पर हमले का मौका मिल चुका था।
चुनावी हथियार बनाम आस्था का सवाल
इस विवाद ने एक बार फिर राजस्थान में गाय और गोशालाओं को लेकर राजनीति को गर्मा दिया है। कांग्रेस इसे भाजपा की कथनी और करनी में फर्क बता रही है, वहीं भाजपा इस बयान को तोड़मरोड़कर पेश करने की बात कह रही है। लेकिन सच यही है कि खुद सरकार के मंत्री की जुबान पर आए शब्दों ने विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा थमा दिया।
राजनीति में गोमाता बनीं सबसे बड़ा मुद्दा
राजस्थान में गोमाता और गोशालाएं हमेशा से चुनावी राजनीति का हिस्सा रही हैं। भाजपा खुद को 'गौरक्षक' बताती रही है, लेकिन अब उसी पार्टी के मंत्री की जुबान से निकले बयान ने उनकी साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस इसे भाजपा की ‘पाखंडी राजनीति’ बता रही है।
अब देखना ये होगा कि इस बयान का कितना असर भाजपा की छवि पर पड़ता है, और क्या यह गोशाला विवाद आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बनकर उभरेगा? पर एक बात तय है— राजस्थान की राजनीति में 'गोमाता' फिलहाल चुनावी अखाड़े की सबसे बड़ी मुद्दा बन चुकी हैं।
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