बोले अयोध्या-सड़कों के ‘ब्लैक स्पॉट के लिए संकेतक भी नहीं, जोखिम में जान
Ayodhya News - अयोध्या में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। प्रशासन चिंतित है लेकिन ब्लैक स्पॉट्स की समस्याओं को ठीक करने में कोई रुचि नहीं ले रहा है। इस साल 51 हादसे हुए हैं, जिसमें 28 लोगों की मौत...

अयोध्या। जिले में सड़क दुर्घटनाओं की बाढ़ आ गई है। आए दिन हादसे लोगों की जिदंगी लील रहे हैं। जान गंवाने वालों की बढ़ती संख्या को लेकर प्रशासन व अन्य जिम्मेदार चिंतित हैं, लेकिन कोई जिम्मेदार ‘ब्लैक स्पॉट की खामियों को ठीक करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसलिए बार-बार सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और राहगीरों को जान गंवानी पड़ रही है। सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण खराब सड़क पर सांकेतिक चिह्नों का अभाव, अधिक आबादी वाले इलाके, ओवर स्पीड और अतिक्रमण प्रमुख वजह है। शासन और संबंधित विभाग ब्लैक स्पॉट्स को पहचानकर उन्हें ठीक करने के लिए कई सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन अभी भी कई ब्लैक स्पॉट दुरुस्त नहीं किए जा सके हैं और हालात जस के तस हैं।
इसलिए जिम्मेदारों के दामन से ब्लैक स्पाट का बदनुमा दाग साफ नहीं हो पा रहा है। जिले में एक नेशनल और एक स्टेट हाइवे राहगीरों के सफर को आसान बना रहा है, लेकिन राहगीरों की जीवन लीला समाप्त करने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ रहा है, क्योंकि नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर जगह-जगह ‘ब्लैक स्पॉट का काला दाग लगा है। जिसे छुड़ाने के लिए शासन और प्रशासन की ओर से तमाम कोरे प्रयास हो रहे हैं, लेकिन दाग की की साथ छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। फिलहाल ब्लैक स्पॉट पर ‘ज्यों- ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता ही गया की कहावत सटीक बैठ रही है और नेशनल और स्टेट हाइवे पर मौजूद ब्लैक स्पॉट आए दिन लोगों की जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं। अयोध्या जिले में नेशनल और स्टेट हाइवे पर कुल 32 ब्लैक स्पॉट है। इसमें 28 ब्लैक स्पॉट नेशनल हाइवे, तीन स्टेट हाइवे और एक ग्रामीण इलाके के हाइवे पर ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं। वर्तमान वर्ष- 2025 में महज आठ ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र) पर अब तक 51 हादसे को चुके हैं। हादसे में 28 लोगों की जीवन लीला समाप्त हो चुकी है और 57 लोग घायल हो चुके हैं। नेशनल और स्टेट हाइवे स्थित ब्लैक स्पाट को धोकर दुर्घटनाएं कम करने के लिए शासन और प्रशासनिक स्तर पर तमाम प्रयास किए जाते हैं। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक, वाहनों की ओवर स्पीड़ पर रोकथाम के लिए एंटीसेप्टर वाहन से चेकिंग, वाहन चालकों की जागरूकता के लिए प्रचार वाहन व अन्य प्रयास किए जाते हैं, लेकिन ये सभी प्रयास सड़क पर फर्राटा नहीं भर पा रहे हैं, बल्कि ब्लैक स्पाट और हादसे की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। हादसे के पीछे जागरूकता, सड़क पर अतिक्रमण, आवारा पशु, वाहनों की ओवर स्पीड, सांकेतिक चिन्हों का अभाव व अन्य वजह बताई जा रही है, लेकिन धरातल पर उतारने केलिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। महज औपचारिकता तक सिमटकर रह जा रहा है। इसलिए सड़क हादसे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है और लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। मालूम हो कि स्टेट हाइवे पर कोतवाली अयोध्या के नयाघाट ब्लैक स्पाट पर वर्तमान वर्ष में चार हादसे हुए और दो लोगों की मौत हो गई तथा तीन घायल हुए। इसके अलावा नेशनल हाइवे- 27 लखनऊ- गोरखपुर पर रूदौली कोतवाली क्षेत्र के रौजांगाव में छह हादसे हुए चार की मौत हुई और 18 घायल हुए। रौनाही थाना क्षेत्र के तहसीनपुर ब्लैक स्पाट पर नौ हादसे हुए। इसमें दो की मौत और 12 घायल हुए। कोतवाली नगर के नाका बाईपास पर नौ हाइसे हुए। इसमें चार की मौत और छह घायल हुए। प्रयागराज- अयोध्या नेशनल हाइवे- 330 पर बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के चौरे बाजार ब्लैक स्पाट पर चार हादसे हुए। इसमें दो की मौत हुई और सात घायल हुए। एनएच- 330ए रायबरेली- अयोध्या हाइवे के कुचेरा स्थित ब्लैक स्पाट पर छह हादसे हुए। इसमें तीन की मौत हो गई और आठ घायल हुए। इसके अलावा ग्रामीण इलाके के नवीनमंडी इलाके में सात हादसे हुए छह की मौत हुई और एक घायल हुआ। वहीं तारून थाना क्षेत्र के मीतनपुर ब्लैक स्पॉट पर छह हादसे हुए। पांच लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हुए। इसी तरह कमोवेश अन्य ब्लैक स्पॉट का हाल है, लेकिन कोई सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आ रही है और हादसे दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं साथ ही मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। ‘मौत को दावत दे रही हाइवे पर ट्रकों की अवैध पार्किंग अयोध्या। लखनऊ- गोरखपुर नेशनल हाईवे और सर्विसलेन पर जगह-जगह ट्रकों की अवैध पार्किंग ‘मौत को दावत देती है। लंबे समय से हाइवे के किनारे घेरकर कब्जा जमाए वाहन सुरक्षित सफर में बेमानी साबित हो रहा हैं। जिम्मेदार की आंखों पर पट्टी पड़ी हुई है। जिसकी वजह से राहगीरों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और आए दिन हादसे होते हैं। यहां तक लोगों को जान तक गंवानी पड़ती है। हाइवे पर वाहनों का अवैध अतिक्रमण हादसे को दावत दे रहा है। अयोध्या शहर से सटे गोरखपुर- लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग की सर्विसलेन सहित हाईवे की पटरी पर वाहनों की अवैध पार्किंग यमदूत के रूप में नजर आ रही है। सहादतगंज से लेकर नाका व देवकाली क्षेत्र में हाईवे की सर्विस लेन व अन्य खाली जगहों पर ट्रकों व अन्य भारी वाहनों का कब्जा रहता है। कहीं ट्रक तो कहीं बसों का अतिक्रमण हैं। यहां तक कि सर्विसलेन पर वाहनों की मरम्मत के लिए गैराज तक बना डाला गया है। यहां आए दिन वाहनों का मजमा लगा रहता है और जाम की स्थिति बनी रहती है तथा दुर्घटनाएं भी होती हैं। शासन की ओर से हाईवे पर वाहन खड़ा करने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, लेकिन यहां फरमान का कोई असर नजर नहीं आ रहा है। जिम्मेदार अफसरों का हाईवे से होकर आवागमन भी रहता है, लेकिन अतिक्रमण करने वाले वाहनों पर कार्रवाई नहीं होती। जिसके लिए यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और एनएचएआई पर सवाल खड़े होते हैं। नाका जनौरा के पास आलम यह है कि सर्विसलेन का जीर्णोद्वार कराया गया, लेकिन सर्विसलेन मोरंग मंडी में तब्दील हो चुकी है। हाईवे के दोनों छोर पर सर्विस लेन पर ट्रकों की अवैध पार्किंग का धंधा लंबे समय से फल-फूल रहा है। दक्षिणी दिशा में सर्विसलेन को गैरॉज बना दिया गया है। मालूम हो कि सोमवार को इसी स्थान पर एक बाइक सवार की ट्रक के नीचे दबकर मौत हो गई। इसके अलावा पूर्व में भी कई मौते हो चुकी हैं। माहभर में 16 हजार वाहनों का चालान अयोध्या। यातायात पुलिस ने नियमों का पालन न करने पर मई माह में 15 हजार 878 वाहनों का चालान किया है। यातायात कार्यालय के मुताबिक ओवर स्पीड में 562, बिना हेलमेट 8040, रांग साइड 562, बिना डीएल 668, नो पार्किंग में 2786 चालान किए है। इसके अलावा मोबाइल फोन से वार्ता, ब्लैक फिल्म, बिना सीट बेल्ट व अन्य मामले में कार्रवाई की गई है। बाले जिम्मेदार- 1- सड़क सुरक्षा सप्ताह व सड़क सुरक्षा माह के तहत वाहन चालकों को जागरूक किया जाता है। सड़क सुरक्षा नियमों का अनुपालन न करने पर वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। सड़क हादसे पर अंकुश के लिए वाहनों की चेकिंग के लिए अभियान चलाया जाता है। सीटबेल्ट, मोबाइल फोन, बिना हेलमेट, ओवरलोड व ओवरस्पीड पर कार्रवाई की जाती है। चालकों की जागरूकता के लिए कार्यशाला आयोजित की जाती है और प्रशिक्षण भी दिया जाता है। स्कूलों में भी शिक्षा विभाग के सहयोग से नियमों के पालन के लिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वाहन चालकों को नेत्र परीक्षण भी कराया जाता है। - डॉ. आरपी सिंह, एआरटीओ (प्रवर्तन) अयोध्या। 2- सड़क सुरक्षा के लिए आईटीएमएस के माध्यम से राहगीरों को लागातार उदघोषक के जरिए जागरूक किया जा रहा है। यातायात निरीक्षक व उपनिरीक्षक स्कूलों में बच्चों को याातयात के प्रति जागरूक करते हैं। वाहन चालकों को भी एकत्रित करके जागरूक किया जाता है। हादसे में सुधार के लिए एनएच- 330 पर संबंधित विभाग और सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में अवगत कराया है कि पर्यापत मात्रा में सांकेतिक चिन्ह लगवाएं जाएं। यातायात पुलिस द्वारा भी सांकेतिक चिन्ह लगवाए जा रहे हैं। चिन्हित ब्लैक के आसपास रोड लाइट लगवाने के लिए संबंधित विभाग से पत्राचार किया गया है। टी- जंक्शन पर रम्बल स्ट्रीप बनाने के लिए पत्राचार किया गया है। पेड़ों पर कैट आई लगाने के लिए विभाग से अनुरोध किया गया है। यातायता नियमों का पालन न करने पर चेकिंग के तहत कार्रवाई की जाती है। - एपी सिंह, एसपी यातायात अयोध्या बोले लोग- बिल्डिंग मटेरियल व्यापारी सड़क पर ही मोरंग बालू को गिरवा देते हैं। राहगीर के वाहन बालू मोरंग मे फंसकर अनियंत्रित हो जाते हैं जिससे घटना घट जाती है लेकिन जिम्मेदार सड़क से मोरंग बालू हटवाने मे रुचि ही नहीं लेते। डा़ दिनेश त्रिपाठी सड़क के किनारे अतिक्रमण और लिम्का फैक्ट्री के पास वाहनों की भीड़ लगी होने के कारण यहां पर अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शायद कोई दिन बचता हो कि जिस दिन यहां पर एक सड़क दुर्घटना ना हो रही हो। अंकित चौधरी कुमारगंज से अयोध्या बाईपास तक दर्जनों दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र हैं जहां आए दिन दुर्घटना होती रहती है फिर भी एक भी जगह कहीं भी चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया है। जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना चाहिए। अरुण गुप्ता प्रयागराज हाईवे लोगों के लिए मौत का कुआं बन चुका है। इसका मुख्य कारण डग्गामार वाहन और पटरी दुकानदार हैं। प्रशासन को चाहिए कि डग्गामार वाहन बंद हो और पटरी दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण हटवाया जाए। संजय सिंह बागी सड़क का चौड़ीकरण होना चाहिए। इस सड़क पर भीड़ ज्यादा हो गई है। सड़क चौड़ीकरण न होने के कारण दुर्घटना हो रही है। अगर सड़क की चौड़ीकरण करा दिया जाए तो सड़क दुर्घटना को रोका जा सकता है। जयप्रकाश पटेल प्रशिक्षित लोगों को ही रोड पर गाड़ी चलाने की अनुमति मिले। बिना लाइसेंस धारक को वाहन चलाने से रोका जाए । डग्गामार वाहनों को बंद कराकर सड़क दुर्घटना पर अंकुश लगाया जा सकता है। विवेकानंद मिश्र प्रयागराज हाईवे पर चलना बहुत कठिन काम है। हम प्रत्येक दिन शहर कपड़ा लेने जाते हैं जहां इतनी भीड़ होती है और डर लगा रहता है कि कहीं दुर्घटना का शिकार न हो जायें। शराब पीने वालों की जांच कर उनको सड़क पर गाड़ी न चलाने दिया जाए। रामजी वर्मा नाका से लेकर सुल्तानपुर तक सभी बाजारों में पटरी दुकानदार सड़क के किनारे दुकान लगाते हैं सामान खरीदने वाले वहीं पर खड़े हो जाते हैं जिससे सड़क पर भीड़ लग जाती है और वाहन चलाने वाले लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हैं जिस कारण सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। क्षितिज पटेल सड़क पर चलना एक चुनौती बन गया है क्योंकि इतनी भीड़ है भीड़ के कारण आए दिन सड़क दुर्घटना होती है। सड़क दुर्घटना को सुनकर दिल दहल जाता है। प्रशासन को चाहिए कि सड़क का चौड़ीकरण कर पटरी दुकानदारों से अतिक्रमण को मुक्त कराए। मदन कुमार कसौधन प्रयागराज हाईवे दुर्घटनाओं का सड़क बन गया है। जब तक सड़क का चौड़ीकरण कर डिवाइडर नहीं बनाया जाएगा और बिना लाइसेंस धारक को सड़क पर वाहन चलाने से नहीं रोका जाएगा तब तक सड़क दुर्घटना को नहीं रोका जा सकता है। ओंकार नाथ वर्मा अयोध्या से लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन दुर्घटना घट रही है। इसमे भी विशेष रूप से रौनाही थाना क्षेत्र मे दुर्घटनाओं की बाढ़ सी रहती है जिसका प्रमुख कारण शराब के नशे मे वाहन चलाना है। कप्तान तिवारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवैध कट थे जिसे शिकायतों के बाद बंद करवा दिया गया है फिर भी दो पहिया वाहन चालक डिवाइडर लांघ कर आते हैं जिससे आए दिन दुर्घटना हो रही है। जिम्मेदार इस पर ध्यान दें। अनूप पांडेय दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों मे चेतावनी बोर्ड लगाया जाए साथ ही ऐसे स्थानों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। अगर ऐसा कर दिया जाए तो दुर्घटना का आंकड़ा कम हो सकता है। दुर्गा प्रसाद ट्रेफिक व्यवस्था मे सुधार की आवश्यकता है। क्योंकि आए दिन वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसके कारण प्रतिदिन कई लोग दुर्घटना मे बे-मौत मारे जा रहे हैं। शोभनाथ दुबे
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