बागपत जेल में नहीं हो रही महिला बंदियों की शिफ्टिंग
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बागपत जेल को संचालित हुए पांच वर्ष बीतने को है, लेकिन अभी तक भी जिला जेल में महिला बंदियों को शिफ्ट नहीं किया गया है। जबकि जिला जेल में महिला बंदियों के लिए अलग से बैरक और अहाता बना हुआ है। इतना ही नहीं जेल प्रशासन द्वारा जिला जेल पर महिला स्टॉप की भी तैनाती नहीं की जा रही है। एकमात्र महिला बंदी रक्षक को भी डासना जेल से संबद्ध कर दिया गया है।
बागपत की जिला जेल खेकड़ा तहसील क्षेत्र के अब्दुलपुर गांव जंगल में बनी हुई है। 660 बंदियों की क्षमता वाली इस जिला जेल का उद्घाटन गत 16 मई 2016 को हुआ था। जिला जेल में 630 पुरुष और 30 महिला बंदियों को रखे जाने के लिए बैरक बनी हुई है। उद्घाटन के समय प्रदेश के जेल मंत्री ने इस जेल को आधुनिक जेल का दर्जा दिया था। अब जिला जेल को चालू हुए 5 वर्ष होने को है, लेकिन अभी तक जिला जेल में बागपत की महिला बंदियों को शिफ्ट नहीं किया गया है। अभी भी उन्हें मेरठ ओर गाजियाबाद आदि जिलों की जेल में भेजा जा रहा है, जबकि बागपत की जेल में उनके लिए 30 महिला बंदियों की क्षमता वाली बैरक बनी हुई है। इसके बावजूद बागपत की जिला जेल आज भी महिला बंदियों की शिफ्टिंग की बाट जोह रही है।
बागपत की महिलाओं को भेजा जा रहा मेरठ और गाजियाबाद-
बागपत की जिला जेल में महिला बंदियों की शिफ्टिंग न होने के कारण यहां की महिला बंदियों को मेरठ ओर गाजियाबाद आदि जिलों की जेल में बंद रखना पड़ रहा है। मेरठ की जेल में बागपत की करीब 50 महिला बंदी बंद है, वहीं गाजियाबाद की जिला जेल में भी 10 से अधिक महिला बंदी बंद है। मेरठ ओर गाजियाबाद का जेल प्रशासन कई बार महिला बंदियों को बागपत की जिला जेल में शिफ्ट किए जाने की मांग शासन से कर चुका है, लेकिन आज तक उनकी मांग को शासन ने पूरा नहीं किया है।
एकमात्र महिला बंदी रक्षक को भी गाजियाबाद की संबद्ध
बागपत की जिला जेल में दो महिला प्रधान बंदी रक्षक ओर 5 महिला बंदी रक्षक के पद है। पिछले दिनों शासन ने बागपत की जिला जेल पर तीन महिला बंदी रक्षकों की तैनाती की थी। जिनमें से दो महिला बंदी रक्षक ड्यूटी ज्वाईन करने के लिए बागपत की जिला जेल पर नहीं पहुंची। केवल महिला बंदी रक्षक ने जेल पर पहुंचकर ड्यूटी ज्वाइन की। उसे भी अब गाजियाबाद की जिला जेल से संबद्ध कर दिया गया है।
महिला बंदियों को जेल में शिफ्ट किए जाने की जेल प्रशासन से कई बार मांग की जा चुकी है। स्टॉप की तैनाती के लिए भी प्रतिमाह पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक न तो स्टॉप की तैनाती की गई है और न ही महिला बंदियों को शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जल्द ही फिर से पत्राचार किया जाएगा।
सुरेश कुमार सिंह, जेल अधीक्षक बागपत
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