बोले बहराइच : पार्कों में हरियाली तो दूर, फैली है गंदगी, झूले भी टूट गए
Bahraich News - शहर के पार्क, जो कभी फूलों की खुशबू और बच्चों की किलकारियों से भरे रहते थे, अब अपनी बुरी हालत पर आंसू बहा रहे हैं। स्वर्ण जयंती पार्क, गांधी पार्क और गांधी उद्यान पार्क की देखभाल की कमी के कारण ये...

कभी फूलों की सुगंध से महकने व युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों की किलकारियों तथा चिड़ियों की चहचहाहट से गुलजार होने वाले पार्क अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। स्वर्ण जयंती पार्क रिसिया अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। वहीं गांधी पार्क नानपारा भी वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। इसके अलावा गांधी उद्यान पार्क हाड़ा बसहरी देखरेख के अभाव पूरी तरह अस्तित्वविहीन हो गया। यहां फूलों की सुगंध बिल्कुल गायब हो गई है। ये पार्क जो कभी सुंदर और जीवंत थे, लेकिन अब उनकी देखभाल और रखरखाव की कमी के कारण उपेक्षा और अवहेलना का शिकार हो रहे हैं।
पार्कों की खराब स्थिति बच्चों के मनोरंजन में बाधा डालती है, और यह समुदाय के लिए एक नकारात्मक प्रभाव डालती है। हिन्दुस्तान ने जिले के तीन पार्कों का वर्णन किया है। ये पार्क कभी पिकनिक हुआ करते थे, जो अब दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। ------------- फैक्ट फाइल -10 रुपए टिकट लेकर स्वर्ण जयंती पार्क में प्रवेश दिया जा रहा है -1998 में स्वर्ण जयंती पार्क का निर्माण कराया गया था -1000 लोग हर रोज सुबह व शाम शहर के राजकीय इंदिरा उद्यान पार्क में घूमने आते -------------- बहराइच, संवाददाता। शहर के राजकीय इंदिरा उद्यान, रेलवे स्टेशन पार्क, शाही घंटाघर पार्क के अलावा स्वर्ण जयंती पार्क रिसिया, गांधी पार्क नानपारा तथा गांधी उद्यान पार्क हाड़ा बसहरी प्रमुख हैं। पार्क की देखभाल और रख-रखाव की कमी के कारण झूले टूट गए हैं, गंदगी जमा हो गई है और फुलवारियां नष्ट होने लगी हैं। जिससे पार्क की सुंदरता कम होती जा रही है। पेयजल और शौचालय की अच्छी सुविधा नहीं है। लोगों का कहना है कि पार्क न केवल सौंदर्य मूल्य प्रदान करते हैं बल्कि वे मनोरंजन, अवकाश और सामाजिक गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। राजकीय इंदिरा उद्यान पार्क शहर के हर आम व खास का पसंदीदा पिकनिक स्पाट वाले इस पार्क में सुबह-शाम शहरवासी भ्रमण के लिए आते हैं। इनकी संख्या प्रतिदिन लगभग एक हजार होती है, इनमें युवा, वृद्ध, महिलाएं एवं बच्चे शामिल होते हैं। पहले कभी झूला, चहारदवारी की चित्रकारी बच्चों को लुभा रही थी। बरगद, पीपल, अशोक के विशालकाय वृक्ष से मिलने वाला आक्सीजन का ताजा झोंका और गुलाब के फूलों के बीच बना पाथ-वे युवाओं एवं बुजुर्गों की पसंद बना। लेकिन अब ये इसमें फूलों की सुगंध कम होने लगी है। झुरमुट मुरझाने लगे हैं। इंटरलाकिंग व रोड जर्जर होने लगी है। इसके अलावा शहर के रेलवे पार्क का अस्तित्व खत्म सा हो गया है। शाही घंटाघर पार्क में भी कोई व्यवस्था नहीं है। खराब बड़ा फौव्वारा पार्क की अनदेखी की कहानी बता रहा है। परिसर में कूड़ा-करकट भरा रहता है। यही नहीं यह पार्क अब अपनी वास्तविक स्वरूप से कोसों दूर है। शहर के अच्छे पार्को में शुमार रहे इस पार्क में अब हरियाली नहीं दिखती है। इनसेट स्वर्ण जयंती पार्क की फुटपाथ, झूले और बेंच टूटे, हैंडपंप भी खराब थाना रिसिया क्षेत्र के बभनी गांव में स्थित स्वर्ण जयंती पार्क देखभाल के अभाव में अपनी पहचान खोता जा रहा है। इस क्षेत्र के भौगोलिक स्थित रमणीक वातावरण, हरे-भरे वन को देखते हुए देखते हुए राजकीय स्वर्ण जयंती पार्क की स्थापना के बाद इसका उद्घाटन तत्कालीन आईएएस शालिनी प्रसाद ने 15 अगस्त 1998 में किया था। उन दिनों हर समय जोड़ों से भरा रहता था। रख-रखाव में विभागीय कमी के कारण यह अब अपनी पहचान खोता जा रहा है। स्वर्ण जयंती पार्क में मुख्य गेट एक ही है। जानवरों से बचाव के लिए गेट के पास रस्से बंधे हुए हैं। पहले लोगों का प्रवेश फ्री रहता था, लेकिन इसी वर्ष जनवरी से 10 रुपए की रसीद देकर पार्क के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। फूल पौधों और हरियाली से पार्क अच्छादित है। फव्वारे चालू हालत में हैं। मन मोहने वाले फूलों के झुरमुट थोड़ा-थोड़ा मुरझाने लगे हैं। बच्चों के पसंदीदा झूले टूटे हुए हैं। ओपेन जिम तो है, लेकिन रख-रखाव के अभाव में खराब होते जा रहे हैं। पार्क में टहलने के लिए बने फुटपाथ जर्जर हो गए हैं, जिससे लोगों के पैर अक्सर चोटहिल होते रहते हैं। इनकी मरम्मत की आवश्यकता है। फुटपाथ की मरम्मत के लिए बजट की नितांत आवश्यकता है। पार्क में बना शौचालय खराब हालत में है। सफाई कर्मी का अभाव है। जिससे इसकी साफ-सफाई नहीं हो रही है, जिससे प्रयोग करने योग्य नहीं है। इसके दरवाजे टूटे हुए हैं। वीआईपी शौचालय में अक्सर ताला लगा रहता है। पार्क के अंदर बुजुर्गों के बैठने के लिए बेंच टूटी हुई है, जिस कारण बुजुर्गों को जमीन पर बैठकर पार्क का आनंद लेना पड़ता है। यहां दो हैंड पंप लगे हुए हैं, वे भी खराब हैं। यदि किसी को प्यास लगती है तो अपनी प्यास फौवारे के पानी से बुझानी पड़ रही है। इनसेट स्वर्ण जयंती पार्क में कुल 19 कर्मी तैनात पार्क में दो माली पूर्ण कालिक वेतन पर तैनात हैं, जो अक्सर कार्यशाला में ही कार्य करते नजर आते हैं। इसके अलावा दैनिक वेतन पर करीब 17 कर्मचारी हैं, जो व्यवस्था देखते हैं। रात में प्रकाश की भी व्यवस्था है। यहां मौजूद प्रह्लाद का कहना है कि घूमने के लिए पहले फ्री व्यवस्था थी, लेकिन अब 10 रुपए लेकर आधार कार्ड के साथ इंट्री करानी पड़ती है। समुचित बजट के अभाव में भी पार्क की पूर्ण रूप से देखभाल नहीं हो पा रही है। जिला प्रशासन यदि बजट की व्यवस्था समय से करे, तो पार्क की बदहाली दूर हो। असामाजिक तत्त्वों को लेकर स्थानीय पुलिस नियमित चेकिंग करती रहती है। थानाध्यक्ष मदन लाल ने बताया कि पार्क की बाउंड्री थाना के नजदीक है। इसलिए अक्सर चेकिंग होती रहती है। नियमित गार्डों की ड्यूटी भी लगाई जाती है। इनसेट गांधी उद्यान पार्क में न प्रकाश न शौचालय, खत्म हो रहा अस्तित्व नानपारा तहसील क्षेत्र के गांधी उद्यान पार्क हाड़ा बसहरी उद्देश्यों से काफी दूर है। व्यायाम करने, खेलने तथा समय बिताने के उद्देश्य से ब्लाक बलहा के गांधी पर्यावरण उद्यान पार्क में पानी की समुचित व्यवस्था न होने से हरियाली खत्म हो गई है। भीषण गर्मी के इस मौसम में पार्क में लगे छोटे-छोटे पेड़ पौधे मुरझा गए हैं। छोटा सा मैदान भी बदहाल हो गया है। पार्क के अंदर बना हुआ अमृत सरोवर पूरे पूरे साल सूखा रहता है। जिसके चलते से यह पार्क अपने उद्देश्यों को नहीं पा रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पार्क में एक केयर टेकर इंडिया मार्का नल से पौधों को पानी देकर जीवित रखने का प्रयास करती है। बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। दिन निकलने के बाद व शाम ढलने से पहले सुबह-शाम टहल कर लोग निकल जाते हैं। पानी न होने की वजह से अतृत सरोवर में बच्चे क्रिकेट आदि खेलते हैं। कई वर्षों से गेट, बाउंड्री, बेंच की रंगाई, पुताई तथा सौंदरीकरण न होने से बेंच जर्जर हो गए हैं। --------------- गांधी पार्क में नहीं आई हरियाली, अतिक्रमण की चपेट में पार्क नानपारा कस्बे के गांधी पार्क अभी भी अव्यवस्थाओं का शिकार है। पार्क में कई सुविधाएं और व्यवस्थाएं होनी चाहिए ताकि लोगों को एक सुखद अनुभव मिल सके। इनमें खेल के मैदान, पिकनिक क्षेत्र, टहलने के रास्ते, व्यायाम उपकरण, आराम दायक बैठने की जगह, स्वच्छ शौचालय, पानी के नल और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था शामिल होनी चाहिए। आकर्षक फूल व गमले पार्क की सुंदरता को बढ़ाते हैं, लेकिन ये सभी व्यवस्थाएं नहीं हैं। गांधी पार्क सुबह 6 बजे से 10 बजे व शाम 6 बजे से 10 बजे खुलता है। पार्क की देखभाल के लिए बबलू माली की तैनाती की गई है। गांधी पार्क के बाहर दीवार से सटे तमाम लोगों ने अतिक्रमण कर छोटी सब्जी मंडी लगा रखी है। स्थानीय लोगों ने अस्थाई सब्जी मंडी को दूसरी जग लगाए जाने की मांग की है। -------------- हमारी भी सुनिए मैं जनपद श्रावस्ती से रिसिया पार्क में घूमने आया हूं। पार्क को और सुंदर बनाने की आवश्यकता है। झुरमुट मुरझाने लगे हैं। हरियाली कम होती जा रही है। अशरफ -------------- संडे की छुट्टी होने के चलते रिसिया पार्क का मजा लेने आए हैं परन्तु पार्क में गंदगी है। साफ-सफाई होनी चाहिए। बैठने के लिए भी अच्छी व्यवस्था नहीं है। अहमद --------------- रिसिया पार्क फुटपाथ चलने योग्य नहीं है। ये पूरी तरह जर्जर हो गया है। जरा सी सावधानी हटने पर पैरों गंभीर चोट लग जाएगी। इसकी मरम्मत होने से सुंदरता बढ़ेगी। महमूद ------------------ स्वर्ण जयंती पार्क रिसिया में परिवार के साथ घूमने आया हूं, लेकिन बेंच के टूटी होने से बैठने में बड़ी दिक्कतें आ रही हैं। बेंच की मरम्मत होनी चाहिए। कौशल किशोर ------------------- स्वर्ण जयंती पार्क में वाहन खड़ा करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। वाहनों को इधर-उधर खड़ा करना पड़ता है। ऐसे में चोरी की संभाना रहती है। शाकिर अली ----------------- स्वर्ण जयंती पार्क में शौचालय की सुविधा ठीक नहीं है। इससे पार्क आने वाले लोगों को बड़ी दिक्कतें हो रही हैं। इस ओर विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। प्रियांशु मोदनवाल ------------------- रिसिया पार्क व शौचालय की नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। इससे पार्क की सुंदरता फीकी पड़ जा रही है। जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता है। डस्टिन उलटी पड़ी रहती हैं। अरुण शर्मा ----------------- रिसिया पार्क में स्विमिंग पूल की भी व्यवस्था होनी चाहिए, जिसका लोग गर्मियों में आनंद उठा सके। इससे गर्मी में लोगों की आमद अधिक होगी। विभाग की आय भी बढ़ेगी। संतोष कुमार ------------------ शहर के पार्कों को और बेहतर बनाने की जरूरत है। बैठने व चलने वाले फुटपाथ अच्छे बनाए जाएं। रिसिया पार्क में पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। सरकारी फंड की भी अतिरिक्त व्यवस्था हो। अंकित साहू -------------------- रिसिया के पार्क में पेयजल की बड़ी समस्या है। यहां लगे इंडिया मार्का हैंडपंप खराब पड़े हैं। इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। गर्मी में आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। शानू ---------------- जिले के सभी पार्कों में ओपेन जिम की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। रिसिया पार्क में झूला टूटा हुआ है। इसकी मरम्मत नहीं हो रही है। सुगंधित फूल लगाए जाने चाहिए। शानू --------------- बलहा के गांधी पर्यावरण उद्यान पार्क हाड़ा बसहरी उद्देश्यों से काफी दूर है। यहां पानी की समुचित व्यवस्था न होने से हरियाली खत्म हो गई है। पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। हरीश, चंद्र ----------------- भीषण गर्मी में पार्क में लगे पेड़ पौधे मुरझा गए हैं। छोटा सा मैदान भी बदहाल हो गया है। पार्क के अंदर बना हुआ अमृत सरोवर पूरे पूरे साल सूखा रहता है। जिसके अपने उद्देश्यों को नहीं पा रहा है। मनीष कुमार ----------------- बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। दिन निकलने के बाद व शाम ढलने से पहले सुबह-शाम टहल कर लोग निकल जाते हैं। कच्चे फुटपाथों पर चलने से दिक्कत हो रही है। राम लाल ------------------ पार्क के अमृत सरोवर में पानी नहीं है। बच्चे इमें क्रिकेट खेलते हैं। कई वर्षों से गेट, बाउंड्री, बेंच की रंगाई-पुताई तथा सौंदरीकरण न होने से बेंच जर्जर हो गए हैं। सालिक राम ------------------ स्वर्ण जयंती पार्क रिसिया हरा-भरा बनाए रखने के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। जनवरी 2025 से 10 रुपए प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है। 25 मई से टिकट मिलने लगेगा। पार्क में झूले, ओपेन जिम, हरे-भरे पेड़-पौधे पार्क की शोभा बढ़ा रहे हैं। शासन के निर्देश पर जब से प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है तब से लोगों की आमद न के बराबर हो गई है। मंजीत सिंह, सहायक उद्यान अधिकारी ------------------- सुझाव 01- शहर के राजकीय इंदिरा उद्यान पार्क में टहलने के लिए अच्छे फुटपाथ बनाए जाएं। 02- शाही घंटाघर पार्क में ओपन जिम, हरी घास व सुगंधित फूल पौधे लगाए जाएं। 03- रेलवे विभाग के पार्क का सौंदर्यीकरण किया जाए, जिससे आस-पास के लोग लाभ ले सकें। 04- नानपारा के गांधी पार्क में फूल व पेड़ पौधे लगाए जाएं, जिससे पार्क की सुंदरता आ सके। 05- बलहा के गांधी पर्यावरण उद्यान पार्क हाड़ा बसहरी में प्रकाश, पानी सहित सभी व्यवस्था की जाए। --------------- शिकायत 01- शहर के राजकी इंदिरा उद्यान पार्क में टहलने के लिए अच्छा फुटपाथ नहीं है। 02- शाही घंटाघर पार्क में ओपन जिम, हरी घास व सुगंधित फूल पौधे नहीं लगाए गए हैं। 03- रेलवे विभाग के पार्क का सौंदर्यीकरण न होने से आस-पास के लोग परेशान हैं। 04- नानपारा के गांधी पार्क में हरियाली की व्यवस्था नहीं है पार्क अतिक्रमण की चपेट में है। 05- बलहा के गांधी पर्यावरण उद्यान पार्क हाड़ा बसहरी की हिरयाली सूख गई है यहां कोई व्यवस्था नहीं है। -------- प्रस्तुति- ध्रुव शर्मा, विनोद दुबे, रावेन्द्र शर्मा, जयदीश श्रीवास्तव
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