मान्यता व मानक के बगैर स्कूलों में बेखौफ हो रहा छात्रों का प्रवेश
Balrampur News - बलरामपुर में नीति आयोग के आकांक्षात्मक जिला कार्यक्रम के तहत शिक्षा में सुधार की कोशिशें चल रही हैं, लेकिन बिना मान्यता वाले स्कूल बच्चों के भविष्य के लिए खतरा बन गए हैं। 55 स्कूलों में से 34 की...

बलरामपुर, संवाददाता। एक तरफ नीति आयोग आकांक्षात्मक जिला होने के कारण शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने का नया-नया प्रयोग कर रहा है ताकि बच्चों को अच्छी बुनियादी शिक्षा मिल सके। वहीं दूसरी ओर नीति आयोग के सपने को बिना मान्यता के संचालित विद्यालय साकार करने में बाधक बने हुए हैं। बिना मान्यता के स्कूल संचालित कर निजी विद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मान्यता को लेकर नए मानक जटिल होने से स्कूलों की मान्यता आसानी से नहीं हो पा रही है। ऐसे में बिना मान्यता के संचालित विद्यालय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
बीते शैक्षिक सत्र में मानक पूर्ण न करने के कारण 55 स्कूलों की मान्यता के आवेदन हुए थे। इनमें से 34 आवेदन निरस्त कर दिए गए। निरस्त आवेदन वाले स्कूल बिना मान्यता के ही संचालित कर शिक्षा की दुकान चला रहे हैं। जिले में नर्सरी से पांचवी एवं नर्सरी से आठवीं सहित छठवीं से आठवीं तक मान्यता को लेकर स्कूलों के प्रबंधक की लंबी फॉरेस्ट है। स्कूलों की मान्यता न होने का मुख्य कारण सुरक्षित भवन एवं प्रशिक्षित शिक्षक का अभाव होना है। मान्यता एवं बिना मान्यता के विद्यालयों में योग्यता धारी शिक्षकों का भाव है। इंटर पास एवं स्नातक पढ़ने वाले छात्र तीन से चार हजार रुपये मासिक परिश्रमिक में बच्चों को तालीम दे रहे हैं। ऐसे में निजी स्कूलों में छात्रों की बुनियादी शिक्षा कमजोर होती जा रही है। बिना मान्यता के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का आगे की कक्षाओं में दाखिले के लिए भी परेशानी अभिभावकों को उठानी पड़ रही है। ऐसे विद्यालय छात्रों को पेन एवं अपार आईडी देने में विफल साबित हो रहे हैं। विद्यालयों की मान्यता के मानक बेसिक शिक्षा मान्यता के संशोधित शासनादेश के तहत नए विद्यालय के मानक एवं मान्यता में बदलाव किया गया था। जिसमें स्कूल भवन किराया कम से कम 25 वर्ष के एग्रीमेंट पर होने के शर्त रखी गई थी। नर्सरी से पांचवी कक्षा तक मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय चालान शुल्क पांच हजार एवं छठवीं से आठवीं तक मान्यता के लिए दस हजार रुपए जमा करना होगा। विद्यालय भवन के संबंध में नेशनल बिल्डिंग कोड मानक के अनुरूप होने का प्रमाण-पत्र देना होगा। मान्यता के लिए भवन का निरीक्षण नगर विकास एवं ग्रामीण अभियंत्रण, लोक निर्माण विभाग अथवा सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता से कराया जाएगा। इससे पूर्व मान्यता के मानक जटिल बनाए गए थे। जिसमें एग्रीमेंट एवं किराए के नाम पर मान्यता न देने का प्रावधान किया गया था। साथ ही प्राथमिक स्कूल के मान्यता के लिए चालान शुल्क दस हजार एवं उच्च प्राथमिक के लिए 15 हजार सुरक्षित कोस एक एवं डेढ़ लाख रुपए निर्धारित था। इसमें संशोधन के बाद मान्यता के मानकों का सरलीकरण किया गया है। जिले में 462 निजी विद्यालयों को विभाग ने दे रखी है मान्यता शैक्षिक सत्र 2024-25 में प्राइमरी स्तर पर 15 निजी स्कूलों में छह स्कूलों को मान्यता दी गई है। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग से सभी विकास कार्यों एवं नगर क्षेत्र में 462 विद्यालय मान्यता के पंजीकृत है। बीते वर्ष स्कूलों में नामांकित 56397 छात्र-छात्राओं की अपार आईडी जेनरेट की जानी थी, लेकिन इनमें अधिकांश विद्यालय के बच्चे परिषदीय विद्यालय में भी नामांकित रहे हैं। इसलिए अपार आईडी जनरेट नहीं हो सकी है। नवीन शैक्षिक सत्र में एक बार फिर बिना मान्यता के संचालित विद्यालय अपार आईडी यू डाइस व पेन नंबर दरकिरार कर शिक्षा की दुकान चमकाने में लगे हुए हैं। बिना मान्यता के संचालित दर्जन भारी स्कूलों को मिला नोटिस बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले जिले के 17 बिना मान्यता के संचालित विद्यालयों को बेसिक शिक्षाधिकारी ने नोटिस देकर स्कूल बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्पष्टीकरण तलब करते हुए बिना मान्यता के विद्यालय संचालक पर कड़ी नाराजगी जताई है। बिना मान्यता के संचालित स्कूल संचालकों को शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के धारा-18 के तहत एक लाख जुर्माना एवं अधिनियम का उल्लंघन जारी रहने पर दस हजार तक का प्रतिदिन अतिरिक्त दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने बिना मान्यता के संचालित स्कूलों पर शिकंजा करते हुए 17 विद्यालयों को नोटिस दिया है। इनमें स्टार पब्लिक स्कूल जुआ थान, मदरलैंड पब्लिक स्कूल फुलवरिया, पंडित रोड पब्लिक स्कूल प्रतापपुर चौराहा, न्यू पब्लिक स्कूल दुल्हापुर, शुभम शिवम सत्यम पब्लिक स्कूल नंदनगर, राम आश्रम मेमोरियल पब्लिक स्कूल, विमला देवी शिक्षण संस्थान गांगनार, एसडी पब्लिक स्कूल भिवरा, द महायान स्कूल रतनपुर, हरिश्चंद्र पब्लिक स्कूल लाल नगर, बीएम पब्लिक स्कूल बैजपुर आदि स्कूलों के प्रबंधक को नोटिस देकर तत्काल स्कूल बंद करने के साथ-साथ स्पष्टीकरण तलब किया गया है। कोट बिना मान्यता वाले स्कूलों को किसी भी सूरत में संचालित नहीं होने दिया जाएगा। मान्यता के मानक सरल किए गए हैं। निजी एवं सरकारी विद्यालय में तालीम हासिल करने वाले छात्रों का पैन नंबर व अपार आईडी नहीं बनेगी तो ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को आगे की कक्षा में परेशानी होगी। अभिभावक विद्यालय की मान्यता एवं मानक की जांच करके ही बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराएं। शुभम शुक्ला बीएसए बलरामपुर
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