Dilapidated Animal Hospital in Mishrpurwa Faces Safety Risks for Staff and Animals जान हथेली पर रखकर अस्पताल में पशुओं का करते हैं इलाज, Balrampur Hindi News - Hindustan
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जान हथेली पर रखकर अस्पताल में पशुओं का करते हैं इलाज

Balrampur News - खतरा हर्रैया सतघरवा, संवाददाता। स्थानीय कस्बा के मिश्रपुरवा में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरMon, 26 May 2025 08:27 PM
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जान हथेली पर रखकर अस्पताल में पशुओं का करते हैं इलाज

खतरा हर्रैया सतघरवा, संवाददाता। स्थानीय कस्बा के मिश्रपुरवा में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय कई वर्षो से जर्जर भवन में संचालित हो रहा है। कर्मचारियों के सामने अभिलेख से लेकर दवा सहित तमाम संसाधनों और खुद को सुरक्षित रखना चुनौती बन गया है। इस भवन की छत से बारिश का पानी टपकता रहता है। दीवारों व छतों के प्लास्टर टूटकर गिरते रहते हैं। चिकित्सक व कर्मी जान हथेली पर रखकर यहां पशुओं का इलाज करने को विवश हैं। यह पशु चिकित्सालय महज एक डॉक्टर व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी के सहारे चल रहा है। मिश्रपुरवा में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय में जंगलवर्ती क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग अपने पशुओं का इलाज व टीकाकरण के साथ-साथ संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए यहां आते हैं।

अस्पताल में सरकार ने तो लाखों रुपये खर्च कर संसाधन तो मुहैया करा दिए, लेकिन भवन की जर्जर दशा पर प्रदेश व जिला के उच्चाधिकारियों के साथ जन प्रतिनिधियों की नजर नहीं पड़ रही है। राजकीय पशु चिकित्सालय भवन की स्थापना करीब 40 वर्ष पहले हुई थी। जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। भवन के दरवाजे व खिड़कियां सड़ चुकी हैं। अधिकांश खिड़कियां टूट चुकी हैं। इस भवन में रहना और सामान सुरक्षित रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस भवन का कभी अनुरक्षण तक नहीं हुआ। कर्मचारी भवन की जर्जर हालत देख खुद डरे रहते हैं। कर्मचारियों ने बताया की वे लोग खुद नहीं जानते की शाम तक इस भवन से सुरक्षित घर जा पाएंगे या नहीं। वहीं अस्पताल में लगा हैंडपंप भी महीनों से खराब पड़ा है। पेयजल के लिए कर्मचारियों को दुकान से पानी खरीदकर पीना पड़ता है। साथ ही यहां आने वाले पशु पालकों को भी पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। अस्पताल परिसर में पशुओं के पीने के लिए भी पानी व्यवस्था नहीं है। पशु चिकित्साधिकारी डॉ अजय कुमार ने बताया की इस केंद्र पर उनकी तीन वर्ष पूर्व तैनाती हुई थी। आज तक मरम्मत तो दूर यहां चूना तक नहीं लगवाया गया है। इस सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार आर्य ने बताया कि हैंडपंप जल्द ही दुरुस्त करा दिया जाएगा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी श्याम नगीना ने बताया कि अस्पताल भवन की मरम्मत के लिए डिमांड भेजा जाएगा। धन मिलते ही मरम्मत कार्य कराया जाएगा।

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