ओरल कैंसर ही नहीं फेफड़ों को गलाता है तंबाकू
Bareily News - तंबाकू मौखिक कैंसर और फेफड़ों के लिए घातक है, जिससे हर साल 70 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है। भारत में तंबाकू मृत्यु का प्रमुख कारण है, और 70% कैंसर के मामले तंबाकू सेवन से संबंधित हैं।...

तंबाकू ओरल कैंसर के साथ फेफड़ों को गला देता है। विश्व में हर साल 70 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। साठ लाख से अधिक मृत्यु प्रत्यक्ष तंबाकू उपभोग से होती है। भारत में मौत का प्रमुख कारण तंबाकू है। तंबाकू सेवन करने वालों में दिल की बीमारियों की भी आशंका ज्यादा रहती है। -- 70 फीसद कैंसर की वजह है तंबाकू एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के ओंकोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ.पियूष कुमार के अनुसार तंबाकू सेवन चाहे किसी रूप में हो यह खतरनाक और नतीजा कैंसर है। कैंसर की बड़ी वजह तंबाकू ही है। करीब 70 फीसदी मरीज तंबाकू के सेवन या धूम्रपान से कैंसरग्रस्त होते हैं।
तंबाकू सेवन का नतीजा मुंह और फेफड़ों के कैंसर के रूप में दिखता है। एडवांस स्टेज में होती है तंबाकू के कैंसर एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी विभाग के एचओडी डॉ.ललित सिंह कहते हैं कि तंबाकू का सेवन कैंसर की सबसे बड़ी वजह है। जागरूकता की कमी इसे तेजी से बढ़ा रही है। 70 फीसद केस में कैंसर होने की जानकारी एडवांस स्टेज में मिलती है। उपचार मिलने के बाद भी इन्हें 2.5 साल से ज्यादा जिंदा रहने का मौका नहीं मिलता। ऐसे में तंबाकू से बचाव ही एकमात्र उपाय है। गर्भावस्था और नवजात बच्चों पर प्रभाव एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में गायनी ओंको सर्जन डॉ.मनोज कुमार तांगड़ी कहते हैं कि धूम्रपान का गर्भावस्था के दौरान और नवजात बच्चों पर भी हानिकारक असर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान एक्टिव या पैसिव धूम्रपान से रक्तस्राव, अस्थानिक गर्भावस्था, गर्भस्राव-गर्भपात, बच्चे का समय से पहले जन्म, मृत जन्म और प्लेसेंटा की असामान्यताएं होने की आशंका बढ़ जाती है। गर्भावस्था में मां के धूम्रपान से बच्चों में जन्मजात विकृतियों की आशंका बढ़ती है।
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