Uttar Pradesh Government Declares 17 Posts in Irrigation Department as Dead Farmers at Risk बोले बस्ती : 17 पद समाप्त, सिंचाई पर पड़ेगा प्रभाव, Basti Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsBasti NewsUttar Pradesh Government Declares 17 Posts in Irrigation Department as Dead Farmers at Risk

बोले बस्ती : 17 पद समाप्त, सिंचाई पर पड़ेगा प्रभाव

Basti News - उत्तर प्रदेश सरकार ने सिंचाई विभाग के 17 पदों को मृत घोषित कर दिया है, जिससे बस्ती में काम कर रहे 3412 कर्मियों पर असर पड़ेगा। लगभग 300 नलकूप चालक पद समाप्त होने से किसानों की सिंचाई प्रभावित होगी। यह...

Newswrap हिन्दुस्तान, बस्तीWed, 28 May 2025 03:20 AM
share Share
Follow Us on
बोले बस्ती : 17 पद समाप्त, सिंचाई पर पड़ेगा प्रभाव

Basti News : शासन ने सिंचाई विभाग के 17 पदों को समाप्त करते हुए मृत घोषित कर दिया है। बस्ती में इन पदों पर कुल 3412 कर्मी कार्यरत हैं। समाप्त हो रहे पदों में बस्ती के लगभग 300 पद नलकूप चालक के ही हैं। कारण, बस्ती में सिंचाई विभाग के कुल नौ अलग-अलग शाखाएं काम करती हैं। पदों के समाप्त होने से जमा विभागीय काम ठप होने के कगार पर आएगा तो कई विभाग के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा। इसके विरोध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, सिंचाई विभाग के विभिन्न संवर्ग के कर्मी व संयुक्त मोर्चा खड़ा है।

‘हिन्दुस्तान से बातचीत में सिंचाई विभाग के कर्मियों ने समस्याएं साझा करते हुए समाधान की अपेक्षा की। सिंचाई विभाग में कुल नौ उपविभाग बस्ती में कार्यरत हैं। इनके कर्मी यहां पर किसी ने किसी पद पर तैनात हैं। इनमें नलकूप विभाग, बाढ़ कार्य खंड, गुण नियंत्रक, सरयू नहर खंड, सिंचाई निर्माण, ड्रेनेज, अनुसंधान खंड व राप्ती निर्माण विभाग शामिल है। शासन इन विभागों में कार्यरत 17 पदों को मृत घोषित कर दिया है। अब इस संवर्ग पर कोई भर्ती नहीं होगी। भविष्य में इनसे संबंधित कोई प्लानिंग भी नहीं की जाएगी। इन पदों को समाप्त करने के बाद जनपद के लगभग पांच लाख किसानों के खेतों की सिंचाई पर इसका सीधा असर पड़ेगा, जिससे किसानों की आय घटने की संभावना है। जनपद में सिंचाई विभाग में नियुक्ति नहीं होने पर बेरोजगारी दर और बढ़ेगा तथा कर्मचारी के अभाव में सिंचाई के लिए जो सुविधाए किसान को मिल रहा है, वह अब नहीं मिल पाएगा। कृषि कार्य भी प्रभावित होने की संभावनाए बताई जा रही है। इन पदों को समाप्त होने पर जिले में सिंचाई विभाग के कर्मचारी जमकर विरोध कर रहे है। सिंचाई संघ उत्तर प्रदेश के संरक्षक रामस्वारथ चौधरी, जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के साथ कई दर्जनों कर्मचारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने सिंचाई विभाग को बंद करने के नियत से 17 संवर्ग जैसे आरमेचर, बाइन्डर, पेंटर, टरबाइन मिस्त्री, फिल्टर हाउस ऑपरेटर, बढ़ई, फिटर, मिस्त्री कम ड्राइवर, डुप्लीकेटिंग मशीन ऑपरेटर, रोड रोलर ऑपरेटर, टेलीफोन ऑपरेटर, वेट क्लर्क, टिण्डैल, नयाब टिण्डैल, रनर पदनाम को समाप्त कर दिया है। इन पदों पर मैदानी इलाका होने के कारण बस्ती में लगभग 3000 कर्मी के पद स्वीकृत थे। प्रदेश में इनकी संख्या लगभग ढाई लाख है। इतनी बड़ी संख्या में पदों के मृत घोषित होने पर प्रदेश और जनपद में बेरोजगारी दर में और अधिक बढ़ोत्तरी होगा। साथ किसानों के खेतों की सिंचाई पर असर पड़ेगा। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि जहां सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है। सरकार ने सिंचाई से संबंधित तमाम पदों को मृत घोषित करने के निर्णय लिया है। इससे किसानों की दोगुना आय का सपना अधूरा रह जाएगा। दिलीप पाठक, राजेश गौतम, आशुतोष ने बताया कि जिले में 638 ट्यूबवेल स्थापित किए गए हैं। इन ट्यूबवेल से सरकार द्वारा 31900 हेक्टेयर से अधिक खेतों की सिंचाई करने के लिए लक्ष्य दी जाती है। अगर सिंचाई विभाग में 3500 कर्मियों की नियुक्ति नहीं किया गया तो किसानों के खेतों की सिंचाई हो पाना मुश्किल हो जाएगा। पद समाप्त होने से बढ़ा काम का बोझ बस्ती। कर्मचारियों की कमी के बीच सभी पदों को मृत घोषित के बाद काम करना मुश्किल हो जाएगा। सिंचाई विभाग में कई वर्षों से तमाम पदों पर नियुक्ति नहीं किया गया है। इस विभाग में कर्मचारियों पर कार्य का बोझ ज्यादा है। वहीं सरकार ने लगभग डेढ़ दर्जन पदों को मृत घोषित कर दिया है। मृत घोषित का मतलब है कि सिंचाई विभाग के 17 पदों पर अब कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। इन 17 पदों पर अगर किसी की तैनाती है, तो कार्यरत पदधारकों को पदोन्नति, सेवानिवृत्ति अथवा अन्य कारणों से पद रिक्त किए जाने पर यह पद समाप्त करने का आदेश शासन स्तर से दिया गया है। इससे खेती और किसानी प्रभावित हो जाएंगी₹। गौरतलब हो कि जिले के अधिकतर किसान खेती पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे में उक्त पदों के समाप्त होने से खेती करने में उनहें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। किसानों की आय का जरिया सिर्फ खेती-किसानी अरविन्द कुमार, राजेश कुमार के साथ कई लोगों ने बताया कि सिंचाई विभाग में कर्मचारियों की कमी से किसान ज्यादा परेशान होंगे, क्योंकि किसानों के आय का जरिया सिर्फ खेती किसानी है। खेती किसानी से किसान अपने बच्चों की पढ़ाई व शादी करता है। किसानों के फसलों की सिंचाई समय पर नहीं होने पर किसानों व इनके बच्चों के सपने धरे के धरे रह जाएंगे। इसके साथ यह भी बताया कि इन पदों को हट जाने के बाद नए युवाओं को इस विभाग में कार्य करने का मौका नहीं मिल पाएगा। नलकूपों व नहरों से सिंचाई करने वाले होंगे प्रभावित बस्ती। संतोष कुमार, सुनील पाण्डेय बताते है कि सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव ने नलकूप विभाग, सरयू नहर विभाग के साथ अन्य सिंचाई से संबंधित विभागों में 17 संवर्ग में बस्ती के कुल 3412 पदों को तत्काल प्रभाव से मृत संवर्ग घोषित किया है। यह निर्णय किसान हित में नहीं है। इस निर्णय से बेरोजगारी के दरों में वृद्धि होगा। इन्होंने बताया कि प्रदेश की जनता पहले ही बेरोजगारी से त्रस्त है। इस निर्णय से बेरोजगारी के साथ क्राइम में भी इजाफा होंगे। इसलिए सरकार को इस निर्णय को वापस लेते हुए इन पदों पर नियुक्ति कराई जानी चाहिए। 32 हजार हेक्टेयर से अधिक खेत की सिंचाई होगी प्रभावित : जिले में लगभग 30 लाख की आबादी है। इस जनपद में मुख्य रूप से तीन फसल जैसे धान, गेहूं और गन्ने की फसल तैयार किए जाते हैं। इन फसलों की सिंचाई के लिए 638 ट्यूबवेल, नहरों का निर्माण लगभग सभी ब्लॉकों में किया गया है। इन संसाधनों से किसानों के 31900 हेक्टेयर से अधिक खेतों की सिंचाई प्रति वर्ष करते हैं। यह संसाधन किसानों को आसानी से उपलब्ध कराया जाता है, जिससे इस सिंचाई से किसानों के फसलों का उपज अच्छी खासी हो जाती है। लेकिन सिंचाई विभाग में दर्जनों पदों को हटाने का निर्णय से यहां के किसानों के फसलों की उपज पर काफी असर पड़ेगा। कम फसलों की उपज से किसानों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ सकता है। शिकायतें - सिंचाई विभाग में पहले से ही अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी है। जिससे समय से विभाग का कार्य नहीं होता है। - विभाग में तमाम पदों को समाप्त करने पर किसानी और खेती पर असर पड़ेगा। - जिले में किसानों का मुख्य आय का जरिया खेती है। सरकार के इस निर्णय पर इस पर असर पड़ेगा। - इन पदों को समाप्त होने पर किसानों को समय से सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाएगा। - सिंचाई विभाग में तमाम पद रिक्त पड़े हैं इस पर कई वर्षों से नियुक्ति नहीं की गई है। सुझाव - सिंचाई विभाग में पहले से ही अफसरों व कर्मियों की कमी है। इस कमी को पूर्ण करने के लिए रिक्त पदों पर नियुक्ति हो। - कई पदों को समाप्त करने पर खेती पर असर पड़ेगा। इसलिए इन पदों को बहाल किया जाय। - जिले में किसानों का मुख्य जरिया खेती है, सरकार के इस निर्णय पर बदलाव करने की जरूरत है। - इन पदों को बहाल करके किसानों को समय से सिंचाई का लाभ दिया जाय। - सिंचाई विभाग में कई पद रिक्त पड़े हैं इस पर नियुक्ति की जाए। बोले कर्मचारी उप्र के सिंचाई विभाग में लगभग तीन लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने पर इसका असर युवाओं पर पड़ेगा। बेरोजगारी दर में काफी वृद्धि होगी। राम स्वारथ चौधरी सरकार की इस व्यवस्था से जिले के पांच लाख से अधिक किसानों के उपज पर असर पड़ेगा, जिससे किसानों की उपज कमी आ सकती है और इसका आर्थिक व मानसिक असर पड़ेगा। अशोक कुमार सिंह सरकार का नीयत साफ नहीं लग रही है। सरकार सिंचाई विभाग को प्राइवेट के हाथों में सौंपने या बंद करने की तैयारी में है। इसलिए इस विभाग के पर काटने के बाद तना भी काट दिया जाएगा। गोपाल चन्द शासन स्तर से यह निर्णय अफसरों व कर्मियों के हित में नहीं है। इस निर्णय को वापस सरकार को लेना चाहिए, क्योंकि इस निर्णय के वापस लेने के बाद सही ढंग से कार्य कर सकेंगे। वजीर हसन सिंचाई विभाग में अफसरों व कर्मियों का पद पर नियुक्ति नहीं होने का सीधा असर हम किसानों पर पड़ेगा, जिससे किसानों के खेतों की सिंचाई समय से नहीं हो पाएगी। किसान और परेशान होगा। विजय सिंह वैसे ही शासन स्तर से कर्मियों की नियुक्ति न होने के कारण कर्मियों पर वर्क लोड अधिक था। अब 17 पदों को मृत घोषित होने की दशा में विभाग के अफसरों व कर्मियों अत्यधिक वर्कलोड पड़ेगा। संतोष श्रीवास्तव नलकूप विभाग में कुल 526 पद स्वीकृत है, जिसमें से 262 पदों पर अधिकारी व कर्मचारी तैनात हैं। शेष पदों पर अभी तक कोई तैनाती नहीं की गई है। इसके उलट अब पद को मृत घोषित कर दिया गया। गौरी शंकर जिले में सिंचाई विभाग में 17 संवर्गों में लगभग 3412 पदों को तत्काल प्रभाव से मृत संवर्ग घोषित शासन स्तर से आदेश जारी हुआ है, जिससे अधिकारी व कर्मचारी डर के माहौल में काम कर रहे हैं। तौलू प्रसाद नलकूप विभाग का संचालन स्थानीय पंचायत के माध्यम से कराने पर विचार करने का आदेश शासन स्तर से दिया गया है। पंचायत के हाथों में यह व्यवस्था देने किसानों के हित में नहीं होगा। राजेश कुमार नलकूप विभाग में 638 ट्यूबवेल स्थापित है। इन ट्यूबवेल से पांच लाख से अधिक किसान लाभान्वित होते हैं। कर्मचारियों की भर्ती नहीं करने से किसानों के उपजों पर बुरा असर पड़ेगा। राम सवेरे सिंचाई विभाग किसानों के हित के लिए स्थापित किया गया है। इस विभाग में अफसरों व कर्मियों की कमी होने पर किसानों के खेतों की सिंचाई समय से नहीं हो पाएगी। इन सभी पदों पर नियुक्ति हो। संतोष कुमार सिंचाई विभाग के तहत नलकूप, बाढ़ कार्य खंड, सरयू नहर, सिंचाई निर्माण, ड्रेनेज, अनुसंधान खंड व राप्ती निर्माण आते हैं इन विभागों का उद्देश्य सिर्फ किसानों के हित में कार्य करना है। सुनील पाण्डेय समय से किसानों के खेतों की सिंचाई नहीं होने पर इनके फसलों के उपज कम हो जाएगा, जिससे किसान के आमदनी कम होगी। मृत घोषित किए गए पदों को वापस लिया जाए। उदय नारायन पहले से ही विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी है। एक कर्मचारी से विभाग में चार से पांच पटलों का काम लिया जा रहा है। इन पदों को समाप्त होने पर समस्याएं और बढ़ जाएगी। सुभाष चन्द्र मिश्र इस जिले में कमाई का जरिया सिर्फ किसानी खेती है। अगर समय से इन किसानों के खेतों में पानी नहीं दिया जाएगा तो इनके कमाई पर असर पड़ना तय है। हरिश्चन्द्र शुक्ल सरकार सिंचाई विभाग को प्राइवेट करने के विचार में लग रही है। आउटसोर्सिंग व संविदा को बढ़ावा दे रही है। इससे अधिकारियों व कर्मचारी के परिवार पर असर पड़ेगा। राजकुमार सरकार द्वारा किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए एक ट्यूबल से 50 हेक्टेयर सिंचाई करने का लक्ष्य दिया जाता है। इन पदों को हट जाने के बाद लक्ष्य को पूरा कर पाना आसान बात नहीं है। अभिषेक इस विभाग में तमाम महिलाएं कार्य कर रही हैं,लेकिन तमाम पदों को समाप्त करने से साफ है कि सरकार कर्मचारियों के हित के लिए कोई काम नहीं कर रही है। उर्मिला देवी इन पदों को समाप्त हो जाने से खेती-किसानी प्रभावित होगा। इसलिए सरकार को फिर से सर्वे कराकर इस पदों को समाप्त करने का निर्णय लेने की जरूरत है। इससे किसान भी आक्रोशित हो सकते हैं। सुभावती देवी इस निर्णय पर जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए। सरकार के इस निर्णय से खुलकर विरोध प्रदर्शन करने की जरूरत है, जिससे शासन यह निर्णय बदले। उषा सिंह बोले जिम्मेदार राज्य सरकार ने सिंचाई विभाग के हजारों अधिकारियों व कर्मचारियों के पदों को मृत घोषित कर पदों को समाप्त किये जाने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रान्तीय नेतृत्व काफी गंभीर है। विभिन्न विभागों में हजारों पद खाली है, नियमित नियुक्तियां नहीं होकर आउटसोर्सिंग व सविंदा के पदों पर भर्ती कर पढ़े-लिखे बेरोजगारों के साथ अन्याय किया जा रहा है। सरकार नियमित नियुक्ति करें एवं सिचाई विभाग में मृत घोषित किये गये पदों को तत्काल बहाल कर उस पर तैनाती हो। रामअधार पाल, कार्यवाहक अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।