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डायलिसिस में लापरवाही से हुई एक और मौत की जांच शुरू

Bijnor News - बिज़नौर के मेडिकल अस्पताल में डायलिसिस के दौरान लापरवाही के कारण एक मरीज की मौत हो गई। रविकांत की पत्नी ने आरोप लगाया कि डायलिसिस सेंटर में मशीनें पुरानी थीं और टैक्नीशियन ने 4500 रुपये वसूले। जांच के...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरThu, 19 June 2025 03:16 AM
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डायलिसिस में लापरवाही से हुई एक और मौत की जांच शुरू

बिजली न होने और डीजल न होने से जेनरेटर भी न चल पाने के चलते डायलिसिस के दौरान हुई मौत कोई पहला मामला नहीं। मेडिकल अस्पताल परिसर में एजेंसी की ओर से संचालित डायलेसिस सेंटर पर 30 मई को एक दूसरे मरीज की मौत में भी लापरवाही और अवैध वसूली के आरोप लगे हैं। इसमें डीएम की ओर से गठित त्रिस्तरीय टीम ने बुधवार को मेडिकल अस्पताल पहुंचकर जांच की। प्रक्रिया के तहत संबंधित के बयान भी लिए गए। गौरतलब है कि नगीना क्षेत्र के गांव मुस्तफाबाद उर्फ भूरापुर निवासी रविकांत की पत्नी नीतू ने डीएम से मेडिकल अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस सेंटर में लापरवाही से 30 मई को उसके पति की मृत्यु होने का आरोप लगाया था।

टैक्नीशियन पर 4500 रुपये ऑनलाइन वसूलने के साथ ही मशीन पुरानी व सही से काम न करने की भी शिकायत की थी। आरोप है कि डायलिसिस के दौरान हालत बिगड़ने पर टैक्नीशियन गौरव उनके साथ पति को लेकर आरसी हॉस्पिटल गया था, जहां डा. नेहा जैन ने पति की रास्ते में ही मृत्यु होने की बात कही। आरोप है कि एक एम्बुलेंस ने भी 1700 रुपये वसूले। बयान देने के लिए मेडिकल बुलाया गया डीएम ने जांच को एडीएम न्यायिक अंशिका दीक्षित, सीएमओ डा. कौशलेंद्र सिंह व एएसपी सिटी संजीव वाजपेई की त्रिस्तरीय टीम गठित की थी। जांच के लिए पीड़िता नीतू पक्ष के साथ ही आरोपी टैक्नीशियन, कंपनी मैनेजर, डा. नेहा जैन व अन्य को जांच के तहत बयान देने के लिए बुधवार दोपहर एक बजे मेडिकल अस्पताल बुलाया गया। सीएमएस डा. मनोज सेन, मेडिकल कालेज वाइस प्रिंसिपल डा. तुहिन वशिष्ठ की मौजूदगी में एडीएम न्यायिक अंशिका दीक्षित व सीएमओ डा. कौशलेंद्र सिंह ने सभी से अलग-अलग पूछताछ करने के साथ ही बयान लिए। पहले गंभीर मरीज को इमरजेंसी में ले जाने का है नियम जांच के दौरान एडीएम न्यायिक अंशिका दीक्षित ने विभागीय अफसरों से पूछा, कि अस्पताल में किसी मरीज को रेफर करने पर मेडिकल कालेज रेफर किया जाना चाहिए अथवा निजी डाक्टर के यहां भेजना चाहिए। इस पर मौके पर मौजूद एसीएमओ डा. आरपी विश्वकर्मा ने बताया, कि एजेंसी की ओर से संचालित डायलिसिस सेंटर के टैक्नीशियन को या तो ऑन काल चिकित्सक को बुलाना था, अथवा इसी परिसर में स्थित इमरजेंसी विभाग में मरीज ले जाना था। वर्जन... 30 मई को डायलिसिस सेंटर की कथित लापरवाही से हुई रविकांत की मौत प्रकरण में जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभी बयान दर्ज किए जा रहे हैं। शीघ्र ही टीम रिपोर्ट तैयार कर देगी। - अंशिका दीक्षित, एडीएम (न्यायिक), बिजनौर

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