किसकी नासमझी ने डाली सांसत में मरीजों की जान
Bijnor News - मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे की बिजली आपूर्ति बंद हो गई है। प्रिंसिपल डा. उर्मिला कार्या ने जांच शुरू की, जिसमें पाया गया कि विभागीय टैक्नोलॉजिस्ट की कमी और अधिकारियों की अदूरदर्शिता के कारण यह समस्या...

अस्पताल की 24 घंटे वाली बिजली आपूर्ति बंद क्यों हुई, मेडिकल कालेज प्रिंसिपल के इसकी पड़ताल करने से परत दर परत खुलने लगी है। पूर्व में यहां तैनात रहे विभागीय टैक्नोलॉजिस्ट को बुलवाया तो मालूम हुआ कि कार्यदायी संस्था व बिजली अफसरों की नासमझी के कारण यह व्यवस्था खत्म हुई है तथा आगे भी दोनों सबस्टेशन अदूरदर्शिता से ही बन रहे हैं। प्रिंसिपल डा. उर्मिला कार्या ने इसमें सभी सम्बंधित से जवाब-तलब की बात कही। मेडिकल कालेज प्रिंसिपल ने यहां पर टैक्नोलॉजिस्ट की कमी होने के विषय में अवगत कराते हुए नितांत आवश्यकता बताई थी। इस पर पूर्व में यहां तैनात रह चुके तथा अपर निदेशक कार्यालय से सम्बद्ध होकर कईं जिले देख रहे टैक्नोलॉजिस्ट मांगेराम मंगलवार को यहां पहुंचे।
प्रिंसिपल डा. उर्मिला कार्या के अनुसार टैक्नोलॉजिस्ट ने बताया, कि करीब 12 साल पूर्व विभाग की ओर से दिए गए 8 करोड़ से मुख्य बिजलीघर से सीधी अलग आ रही 33 हजार की लाइन पहले कार्यदायी संस्था लोनिवि और इसके बाद बिजली अफसरों की अदूरदर्शिता से निष्प्रयोज्य हो गई है और इस कारण इससे यहां बन रहे दोनों ही सबस्टेशनों में से किसी को सप्लाई नहीं हो सकेगी। मेडिकल कालेज प्रिंसिपल डा. उर्मिला कार्या के अनुसार टैक्नोलॉजिस्ट से इस बारे में लिखित रिपोर्ट देने को कहा है। प्रकरण में कार्यदायी संस्था लोनिवि/वेस्कॉन के साथ ही पॉवर कारपोरेशन अफसरों से जवाब मांगा जाएगा। ऐसे खत्म कर दिए गए 33/440 केवीए के दोनों सबस्टेशन बिजनौर। प्रिंसिपल डा. उर्मिला कार्या के मुताबिक टैक्नोलॉजिस्ट मांगेराम ने बताया, कि मेडिकल कालेज से सम्बद्ध होने से पहले जिला पुरुष और महिला चिकित्सालय दोनों के अलग-अलग सबस्टेशन थे। मेडिकल कालेज के लिए जहां 200 बेडेड हॉस्पिटल बन रहा है, इस निर्माण के लिए 2022 में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जिला पुरुष चिकित्सालय के लिए संचालित 33/440 केवीए सबस्टेशन खत्म किया गया था और पॉवर कारपोरेशन अफसरों ने फिलहाल 11 केवीए की शहर की लाइन से पुरुष अस्पताल की सप्लाई जोड़ दी थी। इसके बाद कार्यदायी संस्था लोनिवि/वेस्कॉन को उसकी जगह दूसरा 33/440 केवीए का ही सबस्टेशन तैयार करना था, लेकिन अब जो लगभग तैयार हो चुका है वह भी 11/440 केवीए का सबस्टेशन है, जिससे 33 हजार की अलग लाइन से इसमें आपूर्ति नहीं ली जा सकती। दूसरा 33/440 का सबस्टेशन ऐसे खत्म हुआ, कि समय के अनुरूप लोड बढ़वाने के लिए स्टीमेट मांगा तो पॉवर कारपोरेशन अफसरों ने पुराने कनेक्शन पर ही लोड बढ़ाने के बजाए साढ़े चार करोड़ लेकर 33/440 केवीए के जिला महिला अस्पताल वाले सबस्टेशन को डिस्मेंटल कर दिया और ये लाइन भी शहर की आपूर्ति वाली लाइन से जोड़ते हुए दूसरा सबस्टेशन बनाने की बात कही। दूसरा सबस्टेशन भी 11/440 क्षमता का बनाया जा रहा है। इससे अब जिला महिला चिकित्सालय की भी 24 घंटे अलग लाइन से आपूर्ति खत्म हो चुकी है। बिना 24 घंटे आपूर्ति एसएनसीयू में भर्ती रहते नवजात जिला महिला चिकित्सालय के साथ अब यहां मेडिकल कालेज का एमसीएच विंग भी बन चुका है। इसके अलावा यहां विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में समय से पूर्व जन्मे अथवा कम वजन वाले बच्चे अलग-अलग मशीनों पर उपचारित रहते हैं। 24 घंटे आपूर्ति न होने पर तत्काल जेनरेटर चले इसकी स्टाफ को सख्त ताकीद रहती है। अस्पताल स्टाफ का कहना है कि जरा सी गड़बड़ी नवजात बच्चों की जान मुश्किल में डाल सकती है।
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