लाइट कट ने छीन लिया सुहाग और पिता का साया
Bijnor News - नहटौर के सरफराज की डायलिसिस के दौरान अस्पताल में बिजली कटने से मौत हो गई। सरफराज लंबे समय से बीमार थे और उनके दो बच्चे हैं। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उनकी जान गई, जिससे परिवार में मातम फैल...

नहटौर। डायलिसिस का इलाज करने गए सरफराज की लाईट के कट से मौत ही नहीं हुई। एक महिला से उसका सुहाग ओर दो बच्चों से उनके सिर से पिता का साया चला गया। फुलसंदा निवासी सरफराज पुत्र निसार अहमद काफी समय से बीमार चल रहा था।जिसे चिकित्सकों द्वारा डायलिसिस कराया जा रहा था। जिसका उपचार जिला अस्पताल में हो रहा था ग्रामीणों के अनुसार डायलिसिस के चलते सरफराज की हालत में काफी सुधार हो गया था। उम्मीद थी कि आने वाले कुछ समय में वह पहले की तरह हो जाएगा। शुक्रवार की प्रातः को वह घर से परिजनों के साथ डायलिसिस करने के लिए गया था लेकिन जिला अस्पताल के लापरवाह प्रशासनिक सिस्टम के कारण बिजली जाने के साथ-साथ उसकी जान चली गई।
मृतक सरफराज के दो बच्चे हैं। दोनों बच्चे शाम को अपने पिता के लौटने का इंतजार कर रहे थे। करीब चार बजे जैसे ही सूचना मिली तो परिजनों में कोहराम मच गया। भारी संख्या में ग्रामीणों ने सरफराज के घर पहुंच कर संवेदना जताई और उन्होंने मौत का कारण सिस्टम की लापरवाही बताया। टेक्निशयन चला रहा है डायलिसिस विभाग बिजनौर। मेडिकल अस्पताल में संचालित डायलिसिस पीपीपी मोड पर है। कंपनी के कांट्रेक्ट में शामिल होता है कि सेंटर में हर समय एक डाक्टर और टेक्निशियन होना चाहिए। हर तीन बेड पर एक नर्स होनी चाहिए लेकिन यहां एक टेक्निशियन के अलावा कोई नहीं था। गंदगी का अंबार लगा था जबकि डायलेसिस वाले विभाग में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। क्योंकि सेंटर अस्पताल परिसर में चल रहा है तो सीएमएस समेत सभी जिम्मेदारों की यह जिम्मेदारी बनती है कि अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसकी जानकारी उच्चाधिकियों को दें। ऐसा न करने पर डीएम जसजीत कौर ने सीएमएस पर भी कार्रवाई की बात कही है।
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