Uttarakhand s Corbett Landscape Declared Most Beautiful and Biodiverse Forest वनाग्नि से निपटने को नया तकनीकी ऐप लॉन्च , Bijnor Hindi News - Hindustan
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वनाग्नि से निपटने को नया तकनीकी ऐप लॉन्च

Bijnor News - उत्तराखंड के हेड ऑफ फॉरेस्ट धनंजय मोहन ने कॉर्बेट लैंडस्केप का निरीक्षण करते हुए इसे देश का सबसे सुंदर और जैव विविधता से समृद्ध जंगल बताया। उन्होंने वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए नई तकनीक और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरTue, 22 April 2025 12:10 AM
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वनाग्नि से निपटने को नया तकनीकी ऐप लॉन्च

राज्य के हेड ऑफ फॉरेस्ट (हॉफ) ने कॉर्बेट लैंडस्केप का निरीक्षण कर इसको देश का सर्वाधिक सुंदर और जैव विविधता से समृद्ध जंगल करार दिया। उन्होंने कहा कि जंगलों में वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए विभागीय स्तर पर व्यापक तैयारियां की गई हैं। उत्तराखंड के हेड ऑफ फॉरेस्ट (हॉफ) धनंजय मोहन ने कॉर्बेट प्रवास के दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की जैव विविधता को विश्व प्रसिद्ध करार दिया। उन्होंने कहा कि इस बार जंगलों में वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए विभागीय स्तर पर व्यापक तैयारियां की गई हैं। वनाग्नि नियंत्रण को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीक का सहारा लेकर मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। ऐप की मदद से वनाग्नि की प्रत्येक घटना की जानकारी तत्काल संबंधित अधिकारियों तथा वनकर्मियों तक पहुंच जाएगी। जिससे त्वरित कार्रवाई कर वनाग्नि पर काबू पाया जा सकेगा। इसके अलावा राज्यभर में वनाग्नि की घटनाओं पर नजर रखने के लिए मुख्यालय पर इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर्स की स्थापना की गई है। आग की संभावित घटना को रोकने अथवा आग लगने की स्थिति में त्वरित सूचना हासिल करने के लिए विभिन्न समुदायों तथा आम नागरिकों को अभियान से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की सजगता और बेहतर तैयारियों के चलते बीते सालों की अपेक्षा इस साल राज्य में वनाग्नि की घटनाएं काफी कम रही हैं। फील्ड लेवल पर प्रत्येक कर्मचारी की जिम्मेदारी तय किए जाने से आपात स्थिति में तुरंत रेस्पॉन्स सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने लकड़ी तस्करी और वन अपराध को लेकर सख्त रूख अख्तियार करने पर बल दिया। ऐसे मामलों में निचले स्तर पर संलिप्तता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी तथा कर्मचारी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वन संरक्षण में सीमा वर्ती ग्रामीणों तथा निवासियों को भागीदार बनाकर स्थायी मॉडल तैयार किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने कालागढ उपप्रभाग के तहत ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण कर अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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