बैंक मैनेजर, कर्मचारी करते थे बंद खातों से लेनदेन, चार गिरफ्तार
Bulandsehar News - साइबर थाना पुलिस ने निष्क्रिय बैंक खातों के केवाईसी कर करोड़ों का लेनदेन करने वाले गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक फाइनेंस कंपनी का मैनेजर और निजी बैंक के दो कर्मचारी शामिल हैं।...

साइबर थाना पुलिस ने निष्क्रिय बैंक खातों के केवाईसी कर करोड़ों का लेनदेन वाले गिरोह के चार शातिरों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक फाइनेंस कंपनी का मैनेजर और निजी बैंक के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। बंधन बैंक में वर्ष 2022 में एक मजदूर के खाते में 1.95 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया था। आरोपियों के पास से कई चैकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल आदि सामान बरामद किया गया है। पुलिस ने पूछताछ कर आरोपियों का चालान कर दिया है। सोमवार को पुलिस लाइन स्थित सभागार में एसपी क्राइम नरेश कुमार ने बताया कि 18 मई को देवीपुरा क्षेत्र निवासी असलम ने साइबर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया था कि बंधन बैंक में उसने एक खाता खुलवाया था, जिसमें 31 दिसंबर 2022 के कोई लेनदेन नहीं किया था।
इस खाते में कोई अन्य मोबाइल नंबर लगाकर अवैध लेनदेन किया गया है। साइबर थाना पुलिस की जांच में आरोपी बलराम उर्फ बल्ले, अंकित शर्मा, जीतू उर्फ जितेन्द्र, शुभम कौशिक, नवल सैनी, डेविट गौतम व अनुज्ञय प्रताप सिंह का नाम प्रकाश में आया। पुलिस टीम द्वारा चार आरोपी बलराम उर्फ बल्ले निवासी गांव मेहमदपुर सरीका ककोड़, अंकित शर्मा निवासी विश्व बैंक कालोनी, बर्रा थाना बर्रा कानपुर नगर, जीतू उर्फ जितेंद्र कुमार निवासी गढिया मानपुर थाना अगौता, शुभम कौशिक निवासी गांव गिनौरा जनारदार थाना सलेमपुर को दबोच लिया गया। इसमें आरोपी अंकित शर्मा दोराहा त्यौर बुजुर्ग में एक फाइनेंस में मैनेजर है, जबकि आरोपी जीतू उर्फ जितेंद्र एवं शुभम कौशिक एक निजी बैंक में बतौर कर्मचारी हैं। पकड़े गए आरोपियों के पास से 20 चैक बुक, 14 पास बुक, 7 एटीएम कार्ड, एक मोबाइल, एक सिम, एकाउंट ओपनिंग फार्म, लूज चैक भरा हुआ आदि सामान बरामद हुआ। एसपी क्राइम ने बताया कि पकड़े गए चारों आरोपियों का पूछताछ कर चालान कर दिया गया है, जबकि अन्य तीन फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम को लगाया गया है। तीन आरोपी फरार होने में कामयाब तीन आरोपी फरार होने में कामयाब रहे, जिनकी पहचान आरोपी नवल सैनी निवासी चकरपुर-74 गुड़गांव हरियाणा हाल निवासी जोखाबाद मंदिर के पीछे थाना सिकंदराबाद, डेविट गौतम निवासी मालागढ़ थाना अगौता, अनुज्ञय प्रताप सिंह निवासी महमूदपुर थाना ककोड़ के रूप में हुई है। फरार आरोपियों में से भी एक आरोपी बैंक में कार्य करता है। निष्क्रिय बैंक खातों को बनाते थे निशाना एसपी क्राइम ने बताया कि पकड़े गए आरोपी बैंक कर्मचारियों से मिलकर ऐसे बैंक खातों की जानकारी करते थे, जिनमें काफी समय से लेनदेन न हुआ हो या खाताधारक कहीं बाहर चला गया हो या उसकी मृत्यु हो गई हो। इसके साथ ही उन खातों को चिन्हित किया जाता था, जिनको बंद करने के लिए खाताधारक ने प्रार्थना पत्र दिया हो। ऐसे खातों में मोबाइल नंबर बदलवाने तथा होल्ड एवं अनहोल्ड हटवाने के लिए स्वयं ही प्रार्थना पत्र लिखकर और बैंक फार्म भरकर खुद ही केवाईसी एवं सिग्नेचर वैरीफाई कर बैंक मैनेजर से स्वीकृति हासिल कर लेते थे। पीड़ित असलम के खाते में हुआ 1.95 करोड़ का अवैध लेनदेन पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों द्वारा बंद पड़े खातों को एक्टिव कराने के बाद उनमें साइबर ठगी कर ट्रेडिंग के नाम पर मोटी धनराशि मंगाकर अपने साथियों के खातों में ट्रांसफर कर निकाल ली जाती थी। पीड़ित असलम के खाते में गिरफ्तार आरोपियों द्वारा 1,95,53,570 रुपये जमा कराने के बाद निकाले गए थे। जब आरोपियों को यह लगता था कि खाताधारक को खाता चलाने की आवश्यकता नही है तो उस खाते पर एटीएम तथा चैक बुक जारी करा लेते है। इस गिरोह का नेटवर्क करीब 11 राज्यों में फैला हुआ था। बैंक सिस्टम को भी देते थे धोखा साइबर फ्रॉड की शिकायत करने वाले पीड़ित असलम के खाते के संबंध में 11 राज्यों में शिकायतें मिली थी। इसके साथ ही कुछ अन्य खातों में भी संदिग्ध लेनदेन होने पर बैंक सॉफ्टवेयर की तरफ से स्वत: एक मेल जेनरेट होती थी। बैंक में कार्यरत आरोपियों द्वारा उस मेल के प्रतिउत्तर में पॉजीटिव उत्तर देकर बैंक सिस्टम को भी धोखा दे दिया जाता था।
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