बच्चों को पढ़ाने के लिये दिया मकान:
Chandauli News - बच्चों की परवरिश और पढ़ाई के लिये बेच दिया मकानबच्चों की परवरिश और पढ़ाई के लिये बेच दिया मकानबच्चों की परवरिश और पढ़ाई के लिये बेच दिया मकानबच्चों की

पीडीडीयू नगर, हिटी।‘पिता रोटी है कपड़ा है मकान है, पिता नन्हें से परिंदे का बड़ा आसमान है, पिता है तो घर में प्रतिपल राग है, पिता से मां की चूड़ी बिंदी और सुहाग है, पिता है तो बच्चों के सारे सपने हैं, पिता है तो बाजार के सब खैलौन अपने हैं...। पिता पर किसी कवि की कही गई यह लाइनें किसी भी बच्चे के लिए पिता के महत्व, उनके संघर्ष की अहम भूमिका को दर्शाता है। ऐसे ही पीडीडीयू नगर में एक पिता की कहनी है जो बच्चों की परवरिश के लिए मकान तक बेच दिए। ऐसे हैं नगर के रहने वाले संजीव अग्रवाल।
संजीव अपनी मेहनत से कोयले के कारोबार को परवाना चढ़ाया लेकिन समय ने साथ छोड़ दिया तो सब कुछ बिखर गया। स्थिति यह हुई कि जब बच्चे पढ़ने के लिए जाने लगे तो स्कूल की फीस देना मुश्किल हो गया। स्थित यह हो गई थी कि एक कोयला व्यापारी होते हुए भी समय खराब होने पर बच्चों की पढ़ाई के लिए आगरा से पेठा लाकर भी बेचे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बच्चों की पढ़ाई के लिए नगर में अपने आलीशान मकान बेचकर अपने एक बेटी और बेटा को पढ़ाया। वहीं बेटा एस अग्रवाल और बेटी कनिका अग्रवाल ने भी पिता को संघर्षों को जाया नहीं होने दिया। आज बेटी एक अमेरिकन मल्टीनेशनल कंपनी में मुंबई में कार्यरत हो चुकी है जबकि बेटा दिल्ली में सीए बनकर पिता के सपने को साकार कर रहे हैं। वहीं सकलडीहा के नोनार गांव में खेती बारी और सब्जी बेचकर बच्चों की परिवरिश कर रहे रामाश्रय ने अपने बेटे को पढ़ा रहे हैं। उनका बेटा अमन यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा 2025 में जिला टाप करने के साथ ही प्रदेश में नौवें स्थान पर था। अमन कहता है कि ‘पिता खुशी है, पिता सम्मान है, पिता अहसास है, पिता बच्चों का अभिमान है। पौनी गांव के रामाश्रय कुशवाहा दिन रात कड़ी मेहनत करके बच्चों को पढ़ाने में जुटे हैं। पिता की कड़ी मेहनत को देखते हुए बेटों ने आईएएस बनने का सपना संजोया है। इसी तरह चहनियां क्षेत्र के बैराठ गांव निवासी कुर्बान अली टेंट संचालक है। टेंट संचालन कर परिवार में लगभग 20 सदस्यों का खर्च उठा रहे कुर्बान अली बच्चों को पढ़ाने में पीछे नहीं है। अपने सभी शौक की कुर्बानी देकर कुर्बान बेटों की पढ़ाई पर ध्यान दे रहे है। बच्चे भी पिता की कड़ी मेहनत और संघर्ष को देखकर कुछ बनकर आगे बढ़ना चाहते हैं ताकि पिता के सपने को साकार कर सकें। कुर्बान का बेटा वसीम अहमद इस साल यूपी बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में जिला टाप किया था। बाबा कीनाराम इंटर कालेज रामगढ़ के छात्र वसीम का सपना कंप्यूटर इंजीनियर बनने का है। पिता कुर्बान अली ने कहा कि बच्चों को शिक्षित करना ही उद्देश्य है।
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