आकांक्षी जिले में पारम्परिक कारीगर किए जाएंगे प्रशिक्षित
Chandauli News - आकांक्षी जिले में पारम्परिक कारीगर किए जाएंगे प्रशिक्षितआकांक्षी जिले में पारम्परिक कारीगर किए जाएंगे प्रशिक्षितआकांक्षी जिले में पारम्परिक कारीगर किए

चंदौली। आकांक्षात्मक जिलों में शामिल इस जिले में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत विभिन्न ट्रेडों से जुड़े पारम्परिक कारीगरों को उद्यम के आधार पर प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही कार्य को सफल संचालन के लिए आधुनिक तकनीक पर आधारित उन्नत किस्म के टूल किट मुहैया कराया जाएगा। जिले को इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य आवंटित किया गया है। विभागीय अधिकारी आवंटित लक्ष्य की शत-प्रतिशत प्राप्ति के लिए कवायद शुरू कर दी है। योजना में आनलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इसके लिए तिथि निर्धारित कर दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की मत्वाकाक्षी योजनाओं में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना है। इस योजना के तहत जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के पारम्परिक कारीगरों दर्जी, लोहार, राजमिस्त्री, बढ़ई, कुम्हार, हलवाई, नाई एवं धोबी आदि ट्रेडों अथवा दस्तकारी करने वाले कारीगरों को प्रशिक्षित करने के लिए उद्यम के आधार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 1025 लक्ष्य आवंटित किया गया है।
इस ट्रेड से सम्बन्धित कारीगरों को 10 दिवसीय कौशल प्रशिक्षण एवं कार्य को सफल संचालन के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण और आधुनिकतम तकनीक पर आधारित उन्नत किस्म के टूलकिट उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना आधार प्रमाणीकरण के आधार पर ऑनलाइन मोड में संचालित की जा रही है। यह मुख्यमंत्री डैस बोर्ड पोर्टल की महत्वपूर्ण योजनाओं में भी सम्मिलित है। इसलिए जिले के पारम्परिक कारीगर उपरोक्त ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पात्र कारीगर एवं हस्तशिल्प कारीगर विभागीय बेवसाईट पर 30 जुलाई तक अपना आवेदन कर सकते हैं। कारीगरी से जुड़े होने का देना होगा प्रमाण पत्र विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में पात्रता के लिए जाति एक मात्र आधार नहीं होगा। योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए ऐसे व्यक्ति भी पात्र होंगे। जो पारम्परागत कारीगरी करने वाली जाति से भिन्न हों। ऐसे आवेदकों को परम्परागत कारीगरी से जुड़े होने के प्रमाण के रूप में ग्राम प्रधान, अध्यक्ष नगर पंचायत अथवा नगर पालिका एवं नगर निगम के संबंधित वार्ड के सदस्य की ओर से जारी किया गया प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। वहीं इस आशय का शपथ पत्र देना होगा कि इससे पहले वह किसी प्रशिक्षण योजना में टूलकिट एवं मानदेय का लाभ नहीं लिया है। परिवार का कोई एक सदस्य ही योजना का लाभ उठा सकता है। आवेदक को दर्जी, लोहार, राजमिस्त्री, बढ़ई, कुम्हार, हलवाई, नाई एवं धोबी आदि ट्रेडों अथवा दस्तकारी होना आवश्यक है।
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