संभल हिंसा में सांसद बर्क पर शिकंजा, पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट, विधायक पुत्र को क्लीनचिट
संभल में जामा मस्जिद के दौरान भड़की हिंसा के मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। उनके खिलाफ भी कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। हालांकि विधायक के बेटे को क्लीन चिट दे दी गई है।

संभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली समेत 23 आरोपियों के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है। जबकि पहले संदेह के घेरे में आए सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को जांच में क्लीनचिट दे दी गई है। हिंसा में चार युवकों की मौत और 29 पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद मामला न सिर्फ राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया था, बल्कि धार्मिक तनाव की दृष्टि से भी बेहद गंभीर माना गया।
चार्जशीट बुधवार को चंदौसी स्थित एसीजेएम (एमपी-एमएलए) कोर्ट में दाखिल की गई। इससे पहले दिल्ली स्थित आवास पर 25 मार्च को सपा सांसद को नोटिस भेजा गया था। 8 अप्रैल को नखासा थाने में उनसे करीब चार घंटे तक पूछताछ हुई थी। मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली से कोतवाली में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई थी। हिंसा के बाद जांच का फोकस स्थानीय सियासत पर टिक गया था। इसी कड़ी में विधायक पुत्र सुहैल इकबाल को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हालांकि पुलिस ने उन्हें दोषमुक्त मानते हुए चार्जशीट में नाम नहीं जोड़ा है।
एसआईटी ने जिन 23 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, उनमें भीड़ को भड़काने, रणनीतिक तौर पर जुटाने और प्रशासनिक कार्य में बाधा पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि जुटाए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, गवाहों और घटनास्थल की पड़ताल के आधार पर चार्जशीट तैयार की गई है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि इस प्रकरण में नामजद 23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई है।
संभल हिंसा एक नजर में
24 नवंबर 2023 को शाही जामा मस्जिद में प्रशासनिक सर्वे के दौरान जुटी भीड़ अचानक उग्र हो गई। पत्थरबाजी और हंगामे में चार युवकों की मौत हो गई, जबकि 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए। घटना की जांच में सामने आया कि भीड़ को सोची-समझी रणनीति के तहत उकसाया गया था। सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और गवाहियों के आधार पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली, और विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहैल इकबाल की भूमिका संदेह के घेरे में आई। एसाईटी ने पूछताछ के बाद जफर अली को गिरफ्तार कर जेल भेजा, सांसद से थाने में घंटों पूछताछ हुई। हालांकि सुहैल इकबाल को जांच में क्लीनचिट दी गई थी।