वृंदावन में कन्वेंशन सेंटर और डिजिटल म्यूजियम की स्थापना को दी जाए प्राथमिकता, CM योगी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए हैं कि धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखते हुए वहां पहुंचने के मार्गों, जल, शौचालय और विश्राम की सुविधाओं को सुव्यवस्थित किया जाए। मुख्यमंत्री ने वृंदावन में डिजिटल म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर और पर्यावरणीय पथ के निर्माण पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखते हुए वहां पहुंचने के मार्गों, जल, शौचालय और विश्राम की सुविधाओं को सुव्यवस्थित किया जाए। मुख्यमंत्री ने वृंदावन में डिजिटल म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर और पर्यावरणीय पथ के निर्माण को दीर्घकालिक निवेश के रूप में रेखांकित किया। निर्माणाधीन स्वामी हरिदास प्रेक्षागृह में स्वामी हरिदास की प्रतिमा स्थापित की जाए। जवाहर बाग परिसर में पीपीपी मॉडल पर कृष्ण लोक पार्क के निर्माण और वृंदावन परिक्रमा मार्ग पर फसाड के समग्र विकास के निर्देश भी दिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने मथुरा और कानपुर में जनपद एवं मंडल स्तरीय सभी सरकारी कार्यालयों को एक ही परिसर में स्थापित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए निर्देश दिए कि इन दोनों नगरों में इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जाए।
मुख्यमंत्री गुरुवार को मथुरा-वृंदावन और कानपुर महानगर के लिए तैयार ‘विजन 2030’ योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी तथा मथुरा और कानपुर प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान दोनों नगरों से संबंधित प्रस्तुतिकरणों का विस्तृत अवलोकन किया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जवाहर बाग की शेष भूमि को सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री ने राधारानी की अष्टसखियों के मंदिरों तक पहुंचने वाली एप्रोच रोड और परिसर विकास के कार्य को प्राथमिकता पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिसरों में अधिवक्ताओं के लिए उपयुक्त चैंबर, पार्किंग की समुचित व्यवस्था, भोजनालय (फूड कोर्ट) और अन्य नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे कॉम्प्लेक्स प्रशासनिक कार्यों की सुगमता तो बढ़ाएंगे ही, साथ ही आमजन को अनेक कार्यालयों के चक्कर लगाने की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी।
मथुरा-वृंदावन में दीर्घकालीन नगर योजना की जरूरत
मथुरा-वृंदावन के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 50 वर्षों में इस क्षेत्र ने अनियोजित विकास और विरासत के क्षरण का दंश झेला है। प्रत्येक वर्ष करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन से यातायात और सार्वजनिक सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे निपटने के लिए दीर्घकालीन नगर नियोजन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए समेकित अधोसंरचना विकास के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जाने चाहिएं।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मथुरा-वृंदावन के लिए 30,080 करोड़ की अनुमानित लागत से कुल 195 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनमें से 23 पर कार्य आरंभ हो चुका है और शेष 172 प्रक्रियाधीन हैं। ब्रज क्षेत्र में स्थित 36 वनों के इको रेस्टोरेशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने वहां कृष्णकालीन पौधों के रोपण एवं संरक्षण पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि यमुना को अविरल और निर्मल बनाने के लिए जनसहयोग आवश्यक है, और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सामूहिक संकल्प लिया जाना चाहिए।
कानपुर महानगर के बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी कि ‘विजन 2030’ के तहत 37 हजार करोड़ से अधिक लागत से कुल 61 परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। योजना में शहर के भीतरी क्षेत्र के डीकंजेशन, सार्वजनिक परिवहन की मजबूती, औद्योगिक विस्तार, आधुनिक टाउनशिप, स्वास्थ्य एवं शिक्षा संस्थानों की स्थापना, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन आधारित अधोसंरचना के समेकित विकास का खाका प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि न्यू कानपुर सिटी, नॉलेज सिटी, मेडीसिटी, अटल नगर (लैंड पूलिंग मॉडल), ईवी पार्क, एयरोसिटी और मेगा एमएसएमई क्लस्टर जैसी योजनाएं विशेष रूप से नगर की सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए तैयार की गई हैं। न्यू कानपुर सिटी के तहत 153 हेक्टेयर क्षेत्र में 1,169 करोड़ की लागत से ‘सिटी विदिन द सिटी’ विकसित की जा रही है, जिसमें 35,000 की जनसंख्या के लिए 2,000 आवासीय प्लॉट्स और विविध वाणिज्यिक भूखंडों की योजना है।
अतिक्रमण शहर में जाम का मुख्य कारण
परिवहन अवसंरचना के विषय में मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिक्रमण शहर में जाम का प्रमुख कारण है, जिसका स्थायी समाधान प्राथमिकता पर किया जाना चाहिए। उन्होंने स्ट्रीट वेंडरों के सुव्यवस्थित पुनर्वास के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि अधोसंरचना विकास की 29 परियोजनाओं में मास्टरप्लान रोड्स, आउटर रिंग रोड, ट्रांसगंगा ब्रिज, रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस), मेट्रो विस्तार, इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल, रोड जंक्शन सुधार और इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि आईटीएमएस के तहत 102 प्रमुख चौराहों पर इंटेलिजेंट सिग्नलिंग सिस्टम और सीसीटीवी नेटवर्क की स्थापना की योजना है, जिससे ट्रैफिक नियंत्रण को आधुनिक स्वरूप मिलेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शहर के मध्य स्थित वर्तमान बस स्टैंड को शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए तथा जरूरत के अनुसार एकाधिक बस स्टैंड विकसित किए जाएं। उन्होंने शहर के भीतर सिटी बस स्टैंड बनाए जाने और सर्वसुविधायुक्त कन्वेंशन सेंटर तथा अर्बन हाट की स्थापना के भी निर्देश दिए।