विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष : प्रतिदिन 38 टन प्लास्टिक का कचरा बढ़ा रहा है शहर का प्रदूषण
Deoria News - देवरिया में प्रतिदिन 38 टन प्लास्टिक का कचरा निकल रहा है, जो प्रदूषण बढ़ा रहा है। बाजारों में प्लास्टिक के थैले का उपयोग जारी है, जिससे नालियां जाम हो रही हैं। नगर पालिका की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं...
देवरिया, निज संवाददाता शहर में प्रतिदिन निकलने वाला 38 टन प्लास्टिक का कचरा प्रदूषण को बढ़ा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में प्लास्टिक के थैलों में फल, सब्जी व अन्य वस्तुएं बेची जा रही है, जिसके कारण शहर से निकलने वाले कचरे में सबसे प्लास्टिक की मात्रा है। शहर से लेकर देहात तक प्लास्टिक का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। शहर में नालियों के जाम होने का प्रमुख कारण भी प्लास्टिक के वस्तु व पालीथीन ही हैं, शहर के खुली नालियों में प्रतिदिन दुकानदारों, रेहड़ी - पटरी व ठेला व्यवसाई समेत आम लोगों द्वारा पालीथीन, प्लास्टिक की बोतले एवं शराब, जूस की दुकानों पर प्लास्टिक के ग्लास का उपयोग करने के बाद लोगों द्वारा नाली में ही फेंका जा रहा है।
जिससे नाली की सफाई होने के कुछ ही दिन में नाली पालीथीन, प्लास्टिक के बोतल व ग्लास से भर जा रही है और आए दिन जगह- जगह चोक हो रही हैं, जिसके कारण लोगों की मुश्किलें भी बढ़ जा रही हैं। शहर में ठेले खोमचे व चाय की दुकानों सहित अन्य दुकानों पर कूड़ा स्टोर करने के लिए कोई व्यवस्था नही है, एक- दो दुकानों को छोड़ दिया जाए तो किसी भी दुकान, ठेले- खोमचे व चाय की दुकानों पर डस्टबीन नही है, ऐसे में लोग चाय, ठंडा, जूस आदि पीने के बाद प्लास्टिक का गिलास, बट्टा व बोतल नालियों में ही फेंक रहे हैं। यही हाल कपड़े के दुकानादारों का भी है, दुकानों से निकलने वाले अधिकांश पालीथीन को दुकान की सफाई करने के बाद दुकानदार नालियों में ही फेंक दे रहे हैं। घरों से भी निकलने वाला कूड़ा कुछ लोग अपनी सुविधा को देखते हुए नालियों में ही फेंक रहें हैं। वहीं किराना दुकानदार, फल, व सब्जी विक्रेता धड़ल्ले से बिना रोक- टोक के प्लास्टिक के थैले में फल व सब्जी समेत अन्य सामग्री दे रहे हैं, लेकिन इन पर किसी भी जिम्मेदार की नजर नही पड़ रही है। प्लास्टिक के कचरे का ग्राफ दिन- प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जिससे प्लास्टिक के प्रदूषण की वृद्धि भी तेजी के साथ हो रही है। प्लास्टिक के कचरे से निजात पाने के लिए न तो नगर पालिका द्वारा अब तक बेहतर तैयारी की गई है और न ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नगर पालिका के आंकड़ों के अनुसार शहर में प्रतिदिन 68 टन कचरा निकल रहा है, जिसमें करीब 38 टन प्लास्टिक होता है। लोगों को बीमार बना रहा है नालियों से निकला सिल्ट नगर पालिका द्वारा नालों की सफाई करने के बाद नाले से सिल्ट निकालकर सड़क पर ही रखा जा रहा है। जिसे सूखने के बाद उठाकर चिन्हित जगहों पर गिराया जा रहा है, ऐसे में सिल्ट सड़क से उठाने के बाद उसके अवशेष सड़क पर सूख रहे हैं और गाड़ियों के आने- जाने पर धूल बनकर उड़कर लोगों के आंखों व नाक तक पहुंच जा रहा हैं। जिससे लोगों को तरह- तरह की समस्याएं हो रही हैं। अवशेष के उड़कर आंख, नाक तक पहुंचने के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, वहीं बहुत से लोगों को सिल्ट की धूल से एलर्जी भी हो रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।