बोले देवरिया : कमीशन घटाया, प्रोत्साहन योजना भी बंद कर दी, कैसे चले आजीविका
Deoria News - Deoria news : आमजन की छोटी-बड़ी बचत को सहेज कर भविष्य की आर्थिक सुरक्षा की नींव रखने में डाक विभाग के बचत अभिकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह छ
देवरिया। राष्ट्रीय बचत योजनाएं डाकघर से संचालित होती हैं। इसमें जमा रकम सौ प्रतिशत सुरक्षित माना जाता है। एक समय सरकार इसको बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं संचालित कर रही थीं। इन योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने और जन-जन से रुपये जोड़कर डाकघर में जमा कराने में बचत अभिकर्ता प्रमुख भूमिका निभाते आ रहे हैं। पर आज यह अभिकर्ता उपेक्षित हैं। इनका कमीशन घट गया है। प्रोत्साहन योजनाओं का अता-पता नहीं है। हालात यह है कि अपने काम से खुशहाल बचत अभिकर्ता आज काम छोड़ने का मन बना रहे हैं, पर बढ़ती आयु में नया काम शुरू करना उनके लिए कहीं अधिक कठिन है। नेशनल स्मॉल सेविंग एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष कृष्णानन्द गुप्ता कहते हैं कि डाकघर अभिकर्ता का व्यवसाय दो दशक पूर्व तक काफी अच्छा था। एजेंट्स राष्ट्रीय बचत पत्र, आवर्ती जमा, सावधि जमा योजनाओं के साथ भविष्य निधि खाता और एमआईएस में लोगों का निवेश करवाते थे। सबमें कमीशन भी अच्छा मिलता था। पर समय के साथ पीपीएफ, एमआईएस समेत कई योजनाओं को कमीशन के दायरे से बाहर कर दिया गया। इससे आय घट गई।
अभिकर्ता ब्रजेश सिंह का कहना है कि महंगाई बढ़ती जा रही है। सरकार नौकरी वालों का महंगाई भत्ता बढ़ाता जा रहा है। इसके विपरीत अभिकर्ताओं का कमीशन एक दशक पूर्व घटाकर एक प्रतिशत से आधा प्रतिशत कर दिया गया। इससे आय घट गई। वहीं कुछ योजनाओं को बाहर कर दिया गया। इससे अभिकर्ताओं का दोहरा नुकसान हुआ। बा
अभिकर्ता जयराम का कहना है कि हम लोगों के लिए प्रधान डाकघर परिसर में कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी के लिए आरओ मशीन नहीं लगी है। एक वाटर पोस्ट में दो तीन नल लगे हैं। इसमें भी कभी पानी आता है कभी नहीं। महिला अभिकर्ता कुसुम लता पांडेय कहती हैं कि किसी भी डाकघर में अभिकर्ताओं के लिए बैठने की सुविधा नहीं है। हम लोग खाताधारकों के बैठने के लिए बने स्थान पर बैठते हैं। रेनू सिंह का कहना है कि डाकघर में अभिकर्ताओं के लिए शौचालय और यूरिनल नहीं हैं। आखिर जरुरत पड़ने पर कहां जाएं। हम स्टॉफ का वाशरूम यूज करते हैं। सच्चिदानन्द यादव कहते हैं कि अभिकर्ताओं को सरकार शायद देखना नहीं चाहती है।
हर तीन साल पर करवाना होता है नवीनीकरण
राष्ट्रीय बचत अभिकर्ता को प्रत्येक तीन वर्ष पर नवीनीकरण करवाना होता है। जिला बचत अधिकारी के कार्यालय में बचत अभिकर्ताओं को अपने कागजात जमा कराने होते हैं। इसके बाद बचत अधिकारी इन कागजात का परीक्षण करते हैं उसके बाद नवीनीकरण किया जाता हैं। नेशनल स्मॉल सेविंग एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष कृष्णानन्द गुप्ता इस मसले पर कहते हैं कि एक बार सत्यापन के बाद पूरे 60 वर्ष तक सरकारी नौकरी करने पर दोबारा कर्मचारी अधिकारी का सत्यापन नहीं होता है। इसके विपरित सरकार हम बचत अभिकर्ताओं को हर तीन वर्ष पर नवीनीकरण कराने पर विवश करती है। यह कहां का न्याय है। इस पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए।
शिकायतें
1. बचत अभिकर्ता का कमीशन आधा हो गया। एमकेबीवाई में एक प्रतिशत कमीशन कम हो गया।
2. पीपीएफ और एमआईएस को कमीशन के दायरे से बाहर कर दिया गया।
3. अभिकर्ता और कर्मचारी में तालमेल नहीं रहता है।
4. डाकघर में पीने के पानी, बैठने का स्थान और शौचालय तक का इंतजाम नहीं है।
5. हर तीन वर्ष में नवीनीकरण कराना पड़ता है।
सुझाव
1. सुकन्या योजना, केवीपी, पीपीएफ, एमआईएस पर भी कमीशन मिलना चाहिए।
2. डाकघर शाखाओं पर अभिकर्ताओं के बैठने व आरओ वाटर की व्यवस्था होनी चाहिए।
3. घटा कमीशन सरकार पुन: बहाल कर, अभिकर्ताओं को एलआईसी जैसी सुविधा दे।
4. डाकघर नई योजनाओं से अभिकर्ताओं को जोड़े।
5. अभिकर्ताओं को स्टेशनरी और प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
हमारी भी सुनिए
महिला प्रधान क्षेत्रीय बचत योजना (एमपीकेबीवाई) में कमीशन एक प्रतिशत घटा दिया गया है। इससे हमारी आय प्रभावित हो रही है। महंगाई के दौर में परेशानी बढ़ गई है।
- कुसुम लता पांडेय
डाकघर में महिला अभिकर्ताओं के लिए वाशरूम नहीं है। धूप, ठंड और बारिश से बचने के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है। कई बार फर्श पर बैठकर कार्य करना पड़ता है।
- रेनू सिंह
डाकघर बचत अभिकर्ता का कार्य करना चुनौतीपूर्ण है। बाहर से लेकर डॉकघर तक दौड़भाग करने के बाद सुविधाएं नहीं मिलती हैं, तो काफी मुश्किल होती है।
- सुशीला देवी
बचत अभिकर्ताओं पर सरकार का ध्यान नहीं है। सरकार ने इसे समाप्त करने का प्लान बनाया हुआ है। इससे हमारी रोजी पर संकट तो है ही, आमजन को भी काफी असुविधा होगी।
- मनोज मिश्र
बचत अभिकर्ताओं का कमीशन सरकार ने घटा आधा कर दिया है। सरकार बढ़ा नहीं सकती थी तो कम से कम जितना मिल रहा था, उतना तो रहने देती। सारी उम्र यहां बीत गई। अब क्या करें।
- वेद प्रकाश शुक्ल
घर पर रहकर अच्छी आय के फेर में हमने बचत अभिकर्ता का कार्य शुरू किया पर अब इसमें वह बात नहीं रही। सरकार बचत योजनाओं से मुंह फेर रही है। हम लोग नुकसान में हैं।
- बृजेश सिंह
सरकार हमारा कमीशन बहाल कर एक प्रतिशत करे। आधा प्रतिशत कमीशन में हमें नुकसान हो रहा है। हम पूरे दिन फील्ड विजिट करते हैं। इसमें अच्छा खासा खर्च आता है।
- ओमप्रकाश दूबे
परिसर में उत्तर ओर एक शौचालय बना है। यह वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। एक वाटर पोस्ट है। इसमें गर्मी में गरम और सर्दी में ठंडा पानी आता है। कई बार वह भी नहीं मिलता है।
- सच्चिदानन्द यादव
बचत अभिकर्ता को भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ताओं की तरह विभाग से सुविधा मिलनी चाहिए। हमें कमीशन और सुविधा दोनो से वंचित होना पड़ता है। यह ठीक नहीं है।
- ओमप्रकाश सिंह
हमें स्टेशनरी जैसे जमा और निकासी स्लिप समेत कई चीजों के लिए अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। यह पर्याप्त मात्रा में मिलना चाहिए। कम आय में यह खर्च भारी पड़ता है।
- जयराम
बचत अभिकर्ताओं को गर्मी, सर्दी में फील्ड से आने में काफी दिक्कत होती है। डाकघर पहुंचने पर बैठने की अच्छी हवादार कक्ष की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे हम अच्छी तरह कार्य कर सकेंगे।
- दीपनारायण सिंह
एलआईसी अभिकर्ताओं से कहीं अधिक परिश्रमपूर्ण कार्य करने के बावजूद हमें कमीशन कम मिलता है। अन्य सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। यह कष्टदायक है।
- सुरेश यादव
पूरे डाकघर में घूम आइए कहीं भी अभिकर्ताओं के बैठने के लिए जगह नहीं है। काउंटर के सामने लगी कुर्सियों पर बैठने पर खाताधारकों को दिक्कत होती है। हम कैसे कार्य करें।
- अजय कुमार गुप्ता
बोले जिम्मेदार
बचत अभिकर्ताओं का कमीशन तय करना राष्ट्रीय स्तर का विषय है। इस पर कोई भी फैसला केंद्र सरकार स्तर से हो सकेगा। हॉल में बैठने की व्यवस्था है। इसका उपयोग अभिकर्ता और खाताधारक सभी करते हैं। पीने के लिए आरओ पानी का डिस्पेंसर हाल में रखवाया गया है। अलग काउंटर पर काम चल रहा है। शीघ्र अभिकर्ताओं के लिए एक काउंटर खोला जाएगा। अभिकर्ता जो भी समस्या लेकर आएंगे उसके निस्तारण का पूरा प्रयास किया जाएगा।
अजय कुमार पांडेय, अधीक्षक, डाकघर देवरिया मंडल
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