Poor Road Conditions in Etah City Causing Daily Struggles for Residents बोले एटा: मिनी बाईपास की समस्या: यहां सड़क में गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क है, Etah Hindi News - Hindustan
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बोले एटा: मिनी बाईपास की समस्या: यहां सड़क में गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क है

Etah News - एटा शहर में मारहरा दरवाजा चौक से पटियाली गेट चौकी तक सड़क की स्थिति बेहद खराब है। पिछले 20 वर्षों से इस सड़क की मरम्मत नहीं की गई है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कई बार...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाSat, 26 April 2025 06:20 PM
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बोले एटा: मिनी बाईपास की समस्या: यहां सड़क में गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क है

एटा। मारहरा दरवाजा चौक से लेकर पटियाली गेट चौकी तक सड़क की हालात बहुत ही खराब है। सड़क खराब होने के कारण यहां तक जाने के लिए ई रिक्शा चालक भी तैयार नहीं होते है। बीच-बीच में सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण वाहनों का चलना मुश्किल हो रहा है। पिछले बीस वर्षो से इस सड़क का यही हाल है। इन वर्षो में कितने पालिकाध्यक्ष हुए किसी ने भी सड़क को सही कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। ऐसा भी नहीं है कि इसके लिए कोई शिकायत ना कराई गई हो, तमाम बार शिकायतों के बाद भी किसी ने भी इस सड़क के निर्माण के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।

जीटी रोड अथवा ठंडी सड़क पर जाम लग जाता है तो सिर्फ एक ही सड़क मिनी बाईपास के रूप में काम देते है। सड़क पर गड्ढे होने के कारण चलने में बहुत ही परेशानी होती है। इस सड़क से शीतलपुर, शिवसिंहपुर, अलीगंज रोड आदि स्थानों के लोग सीधे रेवले स्टेशन पर पहुंच जाते है। इसके बाद भी इस सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका है। इस सड़क के निर्माण से लोगों को काफी लाभ होगा। खराब सड़क होने के कारण वाहन भी फंस जाते है। इससे इस सड़क पर जाम लग जाता है। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह सड़क करीब बीस वर्ष पहले बनी थी। इसके बाद किसी ने इस सड़क को सही नहीं कराया।

पुराने शहर के लोगों को सड़क निर्माण का इंतजार: पुराने शहर के लोगों को ऊबड़-खाबड़ पड़े मार्गों के ठीक होने का लंबे समय से इंतजार है। इसके लिए वह आये दिन जिला प्रशासन एवं नगर निकाय विभाग के अधिकारियों के समक्ष अपनी मांग रखते रहते है। फिर भी उनकी बहुप्रतीतित मांग पूरी होती नहीं दिख रही है। चुनाव में चुने गये प्रतिनिधि भी पुराने शहर की सड़कों की ओर ध्यान नहीं दे रहे है। इससे यहां रहने वाले लोगों को काफी दक्कितों का सामना करना पड़ रहा है।

पुराने शहर में स्थित बड़े जैन मंदिर, अग्रवाल समाज का मंदिर, वार्ष्णेय समाज के मंदिर सहित अन्य धर्मस्थल है। जहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पैदल आते है। उनके लिए मंदिरों तक पैदल जाना कष्टदायक रहता है। जनप्रतिनिधि, निकाय प्रतिनिधि आये दिन लोगों को मार्गों की मरम्मत कराने का आश्वासन देते रहते है। मार्गों के निर्माण को पहल नहीं कर रहे है। जिससे पुराने शहर के लोगों का इन पर से वश्विास कम होता जा रहा है।

लईक खान ने बताया कि पुरानी बस्ती के नाम से मशहूर पुराने शहर की अधिकांश सड़क, गली-कूचें बेहद खराब स्थिति में है। जहां रहने वाले लोग जिम्मेदारों की अनदेखी का शिकार है। ऊबड़-खाबड़, खराब मार्ग से गुजरते समय कब गिरकर अस्पताल पहुंच जाये। कहां नहीं जा सकता। जिसके बाद वह पुन: चलने लायक हो सकें। इसके लिए उनको हजारों रुपये डॉक्टरों यहां खर्च करना पड़ता है। उसके बाद भी छड़ी, बॉकर के सहारे इधर से उधर टकरने को विवश हो रहे है। फिर भी उनकी बेबसी, लाचारी को महसूस करने वाला कोई नहीं है।

पुराने शहर के लोगों को इन मार्ग, गलियों और कूचों के सुधार की कोई नहीं उम्मीद। जिस-जिस से शिकायत करते है। वह उनको जल्द ठीक कराये जाने का आश्वासन दे देता है। उसके बाद पुन: जब उसके पास जाते है। तब उनके कार्यालय के बाहर खड़े चौकीदार मिलने तक नहीं देते है। कुछ लोग इस बदहाली से पीछा छुड़ाने के लिए पुराने शहर को बॉय-बॉय कर चुके हैं।

-नाजीस

मारहरा दरवाजा से कटरा मोहल्ला तक पहुंचने के लिए ऊबड़-खाबड़ मार्ग, गढडे राहगीरों को मुसीबत बने हुए है। यह मार्ग भी पुराने शहर से नए शहर की ओर पहुंचने के लिए लोगों का सहारा बना हुआ है। इस मार्ग से होकर लोग गलियों से गुजरकर शांतिनगर, अरुणानगर, जीटी रोड तक पहुंचने का सफर तय करते है। लोगों का सहारा बन रहे इस मार्ग की मरम्मत को कोई जिम्मेदार नजर नहीं आ रहा है।

-हीरालाल

पुराने शहर की मशहूर जैन गली भी इस मुसीबत से अछूती नहीं है। प्रतिदिन मंदिर आने-जाने के लिए सैकड़ों जैन समाज के महिला-पुरुष, बच्चे, युवक-युवतियां पैदल आने के लिए इस मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें टूटे मार्ग, सीवरेज कार्य में ऊबड़-खाबड़ होने के कारण गुजरने में दिक्कत होती है। फिर भी लोग बिना किसी शिकायत के अपने नियम को करने में लगे हुए है।

-शानू

गली बल्देव सहाय की हालत भी कुछ अलग नहीं है। सीवरेज कार्य ने यहां भी हालत खराब कर रही है। गलियां ऊंची-नीची हो गई है। खरंजा, पड़जा की ईट आधी अंदर और आधी बाहर है। जहां पैदल गुजरते समय लोग ठोकर खाकर औंधें मुंह गिरने को विवश हैं। गिरने के बाद चीख सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़ते है। थोड़ी देर सभी मिलकर जिम्मेदारों को कोसते हैं और फिर पुराने ढर्रे पर लौट जाते हैं।

-शहनबाज

शहर की प्रमुख रामलीला गढ़ी भी पुराने शहर का प्रमुख हिस्सा है। इस तक पहुंचने वाले मार्ग खराब स्थिति में है। इन मार्गों की हालत खराब करने में सबसे बड़ा हाथ सीवरेज कार्य का है। सीवरेज के दौरान ठेकेदारों ने काफी पुरानी और अच्छी सड़क को तोड़कर अपना मंसूबा तो पूरा कर लिया। उसके बाद ठेकेदार, विभाग ने इन मार्गों को लोगों के उपयोग लायक बनाने के बारे में आज तक नहीं सोचा है।

-फहीम

पटियाली गेट से होकर मारहरा दरवाजा तक बसा मोहल्ला फूलबाग की गलियां गंदगी, जलभराव, ऊबड-खाबड़ होने के साथ-साथ बदबूदार है। इस मोहल्ले में लगभग सौ परिवार रहते है। इनमें से अधिकांश प्रतिदिन कमाने और खाने वाले लोग है। संकरी और ऊबड-खाबड़ मार्ग यहां के लोगों के लिए नियति बन गया है। फिर भी किसी को इन्हें परेशानी से निजात दिलाने की नहीं पड़ी है।

-हसीन

शहर में सड़कों का बुरा हाल है। पटियाली गेट से भूतेश्वर तक जाने वाली सड़क वर्षो से खराब पड़ी है। इस सड़क से होकर आधे शहर के लोग गंतव्य की ओर जाते है। उसके बाद भी नगर पालिका परिषद, जिला प्रशासन को इसकी मरम्मत कराने की कोई चिंता नहीं है। परेशान हाल लोग उनकी ओर समस्या निस्तारण के लिए टकटकी लगाये हुए हैं। फिर भी उनको समस्या का हल होता नजर नहीं आ रहा है।

-शाहरुख खान

पुरानी बस्ती, कटरा मोहल्ला, फूलबाग गली में हजारों परिवार रहते है। इनके निकलने के लिए यह एकमात्र सड़क है। इस सड़क के खराब होने के कारण लोग गली-कूंचों से होकर गुजरने को विवश है। सीवरेज कार्य के दौरान इस मार्ग की हालत और भी खस्ता हो गई। जिस पर पैदल चलने वाले ही ठोकरें खा रहे है। दोपहिया, चारपहिया से गुजरने वाले भी परेशान हैं।

-रहीश

पूरे शहर से शवों को अंतिम संस्कार के लिए हिन्दू, जैन समाज के लोग इसी मार्ग से होकर गुरजते हैं। पैदल अर्थी को लेकर जाते समय भी लोग नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी को लेकर तंज कसते हुए जाते है। कईबार पुरानी बस्ती के लोगों ने इस मार्ग निर्माण के लिए प्रशासन और नगर पालिका परिषद में आवाज उठायी है। उसके बाद भी यह मार्ग खराब पड़ा हुआ है।

-वारिस

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