बोले एटा: आंबेडकर नगर के नलों में नहीं है पानी, हैंडपंप भी सूखे
Etah News - आंबेडकर नगर में पानी की गंभीर कमी है। कई वर्षों से नगर पालिका की जल आपूर्ति नहीं हुई है। हैंडपंप भी खराब हैं, जिससे लोग परेशान हैं। सीवरेज कार्य के बाद सड़कों की स्थिति भी खराब हो गई है। नगर पालिका से...
शहर की दलित बस्ती के नाम से बसे हुए आंबेडकर नगर में इस तपती दोपहरी में पीने के लिए पानी भी नहीं है। पानी की आपूर्ति भी पानी की टोटियों में नहीं आता। जो हैंडपंप पर लगे है वह भी खराब है। आंबेडकर नगर में सुबह से लेकर शाम तक लोग बिना पानी के परेशान रहते है। हिन्दुस्तान टीम ने बोले एटा के तहत इस मोहल्ला के लोगों से वार्ता की तो उन्होंने खुलकर बताया कि यहां तो वर्षों से नगर पालिका का पानी नहीं आ रहा है। मोहल्ले में अधिकांश लोग दैनिक कार्य करने वाले होते है। पानी ना मिलने के कारण परेशानी होती है।
गरा रोड पर आंबेडकर नगर बसा हुआ है। इस नगर में प्रमुख रूप से दो वार्ड आते हैं। मोहल्ले की प्रमुख गली के हिसाब से वार्ड की पहचान है। इसमें आंबेडकर पार्क बना हुआ है। इस पार्क में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। जो हैंडपंप लगा है वो भी खराब है, जिसमें पानी नहीं आता। दिन भर इस पार्क में महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की भीड़ रहती है। जब प्यास लगती है तो ये लोग इधर-उधर दुकानों पर जाते हैं। पालिका का कोई भी जिम्मेदार यहां का हाल देखने के लिए नहीं आता। ऐसा भी नहीं है कि इस मामले की जानकारी किसी को न हो। शिकायतें करने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जिन घरों में खुद के पानी के संसाधन नहीं है वह सबसे अधिक परेशान रहते हैं। पानी की टोटियों में पानी भी नहीं आता। कभी कभार पानी आ भी जाए तो उसका फ्लो बेहद कम कम रहता है। सीवर के बाद नहीं बनाई गई सड़क: जल निगम की ओर से सीवरेज डालने के लिए सड़क खोदी गई थी। उसके बाद ठेकेदार ने सड़क को समतल नहीं किया है। जो सड़क भी डाली गई वह मनमाने तरीके से डाली गई है। पूरे मोहल्ले की सड़कें ऊंची नीची हो गई है। वाहनों के निकलते समय काफी डर लगता है। पैदल चलने वालों को भी सबसे अधिक परेशानी होती है। सड़क पर चलते समय कहीं कोई बुजुर्ग गिरकर चुटेल ना हो जाए। जबकि तमाम अधिकारियों की गाड़ियां आती जाती रहती है। इन लोगों ने भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। पानी की आवश्यकता हर व्यक्ति को होती है। यह मूलभूत सुविधाओं में शामिल है। उसके बाद भी अंबेडकरनगर में कई दशक बाद भी पानी नहीं मिल सकी है। 15 से 20 हजार की आबादी वाले मोहल्ले में लोग समर्सिबल पंप, हैण्डपंप लगाकर पानी की व्यवस्था कर रहे है। -अजय कुमार हल्की बारिश में मोहल्ले में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। गलियों में नालियों की गंदगी एकत्रित हो जाती है। उससे घरों के सामने निकलने के लिए रास्ता तक नहीं बचता है। नगर पालिका को बरसात से पूर्व नाले-नालियों की सफाई कार्य कराना चाहिए। -विक्रम सिंह विमल आंबेडकर नगर में आज तक नगर पालिका परिषद की वॉटर सप्लाई नहीं मिली है। घरों में पेयजल आपूर्ति के लिए कनेंक्शन को कराये गये है। इसमें पानी आज तक नहीं आया है। मोहल्ले के लोग पेयजल आपूर्ति के लिए निजी संसाधनों पर निर्भर है। -बलवीर भास्कर पेयजल के अलावा भी अन्य समस्यायें है। जिनके बारे में नगर पालिका परिषद को अवगत कराया गया है। आज तक उनका निस्तारण नहीं हो सका है। आंबेडकरनगर की गलियों में गंदगी व्याप्त रहती है। सफाई कर्मचारी यहां शराब पीकर पड़े तो रहते है। -प्रदीप कुमार आंबेडकर नगर की नालियां गंदगी से अटी हुई है। नियमित रूप से इनकी सफाई का कार्य नहीं हो रहा है। नगर पालिका परिषद को चाहिए मोहल्ले की गलियों की नियमित सफाई कराने का कार्य कराये। जिससे लोगों को परेशानी न हो।-अयोध्या प्रसाद गौतम पानी की किल्लत से मोहल्ला के लोग परेशान रहते हैं। पानी के लिए लगाये गये इंडिया मार्का हैण्डपंप पानी नहीं दे रहे हैं। खराब पड़े हुए हैण्डपंप को ठीक कराने की ओर किसी का ध्यान नहीं है। मोहल्ला में मूलभूत सुविधाओं के अभाव से लोग जूझ रहे है। -विजय, अंबेडकरनगर, एटा आंबेडकर नगर में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। कई बार इस बारे में नगर पालिका परिषद को अवगत कराया गया है। उसके बाद भी कोई सुधार नहीं आ रहा है। पालिका की ओर से लगाये गये सफाई कर्मचारी सप्ताह में एकाध दिन आकर औपचारिकता पूरी कर जाते है। -गोपाल प्रसाद पेयजल लोगों के लिए जरूरी सुविधा है। जिन लोगों के पास संसाधन है वह तो आसानी से पानी ले रहे है। जिनके पास मंहगे संसाधन नहीं है वह प्रतिदिन पानी के लिए मेहनत करने को विवश है। गर्मी में पेयजल की किल्लत से जूझने वाले लोगों के लिए प्रतिदिन दिक्कत भरा रहता है। -सुखवीर सिंह चैतन्य आंबेडकरनगर की मुख्य सड़क शाम होते-होते पार्किग का रूप ले लेती है। जिससे बाहर से मोहल्ले में आने वाले दोपहिया, चारपहिया वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रतिदिन सुबह से रातभर मुख्य मार्ग पर सैकड़ों वाहन खड़े रहते है। -महेन्द्र सिंह सीवरेज डालने के लिए सड़क खोदी गई। उसके बाद ठेकेदार ने सड़क को समतल नहीं किया है। मनमाने ढंग से सड़क डाली गई है। इसकी वजह से पैदल चलने में भी लोगों को ठोकर लगती है। इस बारे में कई बार जिला प्रशासन और संबंधित विभाग को अवगत कराया गया है। -धर्मेद्र आंबेडकर नगर में सीवरेज डाली गई है। सीवरेज पाइप लाइन डालने के बाद भी आज तक घरों को इससे जोड़ा नहीं गया है। जिससे यहां के लोगों को सीवरेज का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। उल्टे सीवरेज डलने की वजह से मार्ग की हालत खराब हो गई है। -अनंत प्रताप सिंह
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