पाकिस्तान के लिए जासूसी में गिरफ्तार CRPF जवान का बैंकॉक कारोबारी से कनेक्शन, NIA ने खंगाला घर
जांच टीम को पता चला कि बैंकॉक के कारोबारी पन्नेलाल के खाते से उसके खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया था। यह पैसा ISI एजेंट द्वारा हवाला के जरिए सीआरपीएफ जवान के खाते में भेजने की आशंका है। टीम ने पन्नेलाल का खाता सीज कर दिया है। जांच के लिए शनिवार भोर में एनआईए की टीम खजनी स्थित पन्नेलाल के घर पहुंची।

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले सीआरपीएफ के जवान को पिछले दिनों एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था। जांच में जुटी टीम को पता चला कि बैंकॉक के कारोबारी पन्नेलाल के खाते से उसके खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया था। यह पैसा आईएसआई एजेंट द्वारा हवाला के जरिए सीआरपीएफ जवान के खाते में भेजने की आशंका है। टीम ने पन्नेलाल का खाता सीज कर दिया है। जांच के लिए शनिवार भोर में एनआईए की टीम खजनी स्थित पन्नेलाल के घर पहुंची। यहां उसके बच्चों से पूछताछ करने के बाद लैपटॉप व अन्य दस्तावेज लेकर चली गई और पन्नेलाल के बेटे अमन को चार जून को दस बजे दिल्ली आफिस में तलब किया है।
दरअसल, सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियां उसके खाते को खंगलाने में जुटी तब पता चला कि गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र के रहने वाले पन्नेलाल के बैंक खाते से उसे पैसा भेजा गया है। इसके बाद से एनआईए की टीम गोरखपुर के खजनी में उसके पैतृक गांव पहुंची लेकिन यहां पता चला कि पन्नेलाल बैंकॉक में कारोबार करता है उसके बाद टीम उसके भाई पूर्व प्रधान मुन्नी लाल को लेकर उसके गोरखपुर स्थित घर पहुंची जहां पन्नेलाल के बच्चों से पूछताछ की और पैसे के लेनदेन के बारे में जानकारी हासिल की। आठ घंटे तक पड़ताल करने के बाद लैपटाप व अन्य दस्तावेज लेकर टीम लौट गई और पन्नेलाल के बेटे अमन को नोटिस देकर चार जून को दिल्ली बुलाया है।
पांच महीने पहले पन्नेलाल आए थे गांव
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पन्नेलाल पांच महीने पहले घर आए थे। परिवारीजन यह नहीं बता पाए कि वह बैंकाक में किस तरह के कारोबार से जुड़े हैं हालांकि बताया जा रहा है कि पन्नेलाल 1992 से वहीं रहते हैं।
बैंकाक में इस तरह से चलता है हवाला का खेल
बैंकाक में ब्याज और हवाला का कारोबार बड़े पैमाने पर चलता है। अगर किसी को भारत में पैसा देना होता है तो बैंकाक में पैसा मिलने के बाद भारत में पैसा उपलब्ध कराया जाता है। अगर बैंकाक में एक लाख रुपये मिला तो भारत में दस हजार रुपये काट कर 90 हजार रुपये दिया जाता है।
सीआरपीएफ जवान के खाते में ट्रांसफर पैसे की जांच में जुटी एजेंसियां
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ जवान को भी इसी तरह कुछ रुपये मिलने थे लेकिन यहां पन्नेलाल और उसके परिवार के खाते से ट्रांसफर करने की वजह से यह लोग जांच के घेरे में आ गए हैं। हालांकि पन्नेलाल के बेटे ने कहा कि उन्हें चाय की दुकान पर मिले एक व्यक्ति ने 15 हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा था और इसके बदले कैश दिया था। एनआईए अभी यह नहीं बता रही है कि कितने पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। लैपटॉप व अन्य दस्तावेजों की जांच के बाद स्थिति और साफ होने की बात कही जा रही है।
8 घंटे तक चली तलाशी
आठ घंटे तक तलाशी और पूछताछ के बाद व्यवसायी के बेटे को चार जून को दिल्ली ऑफिस पर तलब कर टीम लौट गई। छापेमारी के दौरान प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी मौजूद रही। एनआईए की कार्रवाई से हड़कम्प मचा रहा। टीम ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जबकि व्यवसायी के बेटे ने 15 हजार रुपये के ट्रांजेक्शन में पूछताछ की बात कही।
खजनी क्षेत्र के रावतडाड़ी गांव निवासी पन्नेलाल बैंकाक में कारोबार करते हैं। शनिवार की भोर में करीब चार बजे उनके घर एनआईए की टीम पहुंची। घर पर पन्नेलाल के भाई पूर्व प्रधान मुन्नीलाल मिले। उन्होंने बताया कि उनके भाई बैंकाक में रहते हैं। टीम ने पन्नेलाल के बेटे और बेटी के बारे में पूछा तो मुन्नी लाल ने बताया कि उनके भाई का परिवार गोरखपुर के मकान पर रहता है। जिसके बाद मुन्नी लाल को अपने साथ लेकर गोरखपुर आजाद नगर पूर्वी स्थित पन्नेलाल के मकान पर टीम पहुंची। यहां करीब साढ़े 12 बजे तक टीम ने घर की तलाशी के साथ ही परिवार के सदस्यों से पूछताछ की।
गुजरात की महिला को बेटे-बेटी ने किया था ट्रांजेक्शन
बताया जा रहा है कि पन्नेलाल के बेटे अमन के बैंक खाते से चार जनवरी को गुजरात की रहने वाली अनीता देवी के खाते में 15 हजार रुपये भेजा गया था। टीम उसी ट्रांजेक्शन के बारे में पूछताछ करने आई थी। अमन ने बताया कि वह चाय की दुकान पर बैठा था तभी कोई आया और कहा कि खाते में पैसा हो तो इस एकाउंट में भेज दीजिए, मैं इसके बदले मैं कैश दे दूंगा। अमन ने दस हजार रुपये अपने खाते से तो वहीं पांच हजार रुपये उसकी बहन शिवानी ने अपने खाते से ट्रांसफर कर दी थी। एनआईए इस बात को मानने को तैयार नहीं है। टीम को शक है कि पन्नेलाल के कहने पर ही ट्रांजेक्शन हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में केस भी दर्ज किया गया है। टीम ने मोबाइल का एक्सेस भी लिया है। उसी आधार पर उसका डाटा खंगालने में टीम जुटी हुई थी। हालांकि पूछताछ के बाद बाहर निकली टीम ने मीडिया से कुछ बताने से इंकार कर दिया है। एनआईए टीम ने अमन और उसकी दोनों बहनें शिवानी और शिवाली से पूछताछ की। इसके बाद अमन को 4 जून को दिल्ली कार्यालय में पहुंचने के लिए नोटिस देकर टीम वापस हो गई।
परिवार पर बल प्रयोग का आरोप
पन्नेलाल यादव के भतीजे दीपक यादव ने मीडिया को बताया कि एनआईए की कार्रवाई के दौरान उनकी नाबालिग बेटी पर बल प्रयोग किया गया। इसके अलावा, घर में मौजूद महिलाओं के साथ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल हुआ। दीपक ने दावा किया कि आठ घंटे की कड़ी पूछताछ के बावजूद एनआईए को कोई ठोस सबूत नहीं मिला। थाईलैंड में कारोबारी पन्नेलाल के बड़े बेटे अमन यादव ने भी परिवार पर कथित उत्पीड़न की शिकायत की।
लखनऊ से आई थी एनआईए की विशेष टीम
छापेमारी का नेतृत्व लखनऊ से आई एनआईए की विशेष टीम ने किया, जिसके प्रमुख राजेश कुमार पांडेय थे। उनके साथ मनीष कुमार, वकील खान और गोरखपुर प्रशासन की तरफ से अपर उपजिलाधिकारी प्रशांत वर्मा व अपर नगर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी तथा दो नायब तहसीलदार मौजूद रहे। सुबह 4 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई दोपहर 12:30 बजे तक चली।
राजस्व टीम और पुलिस प्रशासन का मौन
खजनी पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में कोई बयान देने से इनकार कर दिया है। एनआईए की टीम ने भी मीडिया से दूरी बनाए रखी और कोई जानकारी साझा नहीं की। थाइलैंड में कारोबार करते हैं पन्नेलाल यादव
पूर्व प्रधान मुन्नीलाल के मुताबिक उनके भाई पन्नेलाल यादव थाइलैंड में करीब 25 साल से कारोबार करते हैं। वह कौन से कारोबार करते हैं इसके बारे में कोई ठोस जानकारी किसी के पास नहीं है। हालांकि उसी कारोबार से जुड़े लेनदेन का यह मामला बताया जा रहा है।