अनुपयोगी साबित हो रहे सामुदायिक शौचालय, जिम्मेदार अनजान
Gangapar News - पालपट्टी, हिन्दुस्तान संवाद। जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या अनदेखी जिसके कारण गांवों में बने सामुदायिक

जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या अनदेखी जिसके कारण गांवों में बने सामुदायिक समुदायिक शौचालयों का ताला तक नहीं खुल सका। गांवों को साफ-सुथरा बनाने की मंशा लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके गांवों में बनाए गए सामुदायिक शौचालय स्थानीय प्रशासन से लेकर तहसील प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही के चलते बेकार साबित हो रहे हैं। गांवों में बने शौचालयों में न तो सीट बैठाई गई है और न ही पानी की व्यवस्था ही की गई है। शौचालयों में पूरे समय ताला लटकता रहता है। परिणाम स्वरुप गांव के लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर है। इसका जीता जागता उदाहरण विकासखंड मेजा के ग्राम पंचायत कौहट में बनाया गया सामुदायिक शौचालय हैं।
जिसमें आज तक न हीं सीट बैठाई गई है और न ही पानी की उचित व्यवस्था ही की गई है। गांव निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बलराम पाल उर्फ सचिन पाल ने बताया कि गांव से लेकर तहसील प्रशासन तक कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी आज तक किसी जिम्मेदार की नजर इस शौचालय को उपयोग लायक बनाने की ओर नहीं गया है। अब तो हार मानकर सभी ग्रामीण शौचालय की ओर देखते तक नहीं बल्कि शौच के लिए बाहर चले जाते हैं। कुछ इसी तरह का हाल न्याय पंचायत सुजनी के आधा दर्जन अन्य ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों का भी है। कुल मिलाकर गांवों में बने शौचालय गांव में शोपीस मात्र बनकर रह गए हैं और आज भी लोग प्राचीन तरीके से शौच के लिए घर से बाहर जाने को विवश है। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी मेजा अमित कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, हमें इस बात की जानकारी नहीं थी अब जानकारी हुई है दिखवाते हैं।
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