तालाबों से उड़ रही धूल, पशुपालक और किसान चिंतित
Gangapar News - पालपट्टी, हिन्दुस्तान संवाद। इस समय मई महीने का दौर चल रहा है जिससे पेयजल की
इस समय मई महीने का दौर चल रहा है जिससे पेयजल की समस्या विकराल रूप ले रहा है। पेयजल न केवल मनुष्यों के दर्द का कारण बना है बल्कि, पशु पक्षी भी पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। इन सब के बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार मेजा तहसील के ग्राम पंचायत चांद खम्हरिया गांव के पुराने तालाबों से धूल उड़ रही है। जिसके चलते मवेशियों को पानी नहीं मिल रहे। चांद खमरिया गांव निवासी इंद्रेश कोल ने बताया कि हमारे ग्राम सभा में पुराने 10 से अधिक तालाब हैं जिसमें एक भी तालाबों में पानी न होने से गांव और क्षेत्र के पशु पक्षी जंगली जानवर पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और इस पर शासन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
वहीं भीषण गर्मी के चलते आम जनमानस अपने लिए तो किसी तरह से पानी की व्यवस्था कर पा रहा है वही जानवरों के लिए मुसीबत बना हुआ है। चांद कटरा गांव निवासी राज आदिवासी ने बताया कि प्यास बुझाने के लिए दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण तालाबों के पास आते हैं पानी न मिलने पर उन्हें निराश होकर दूसरे जलाशय की तलाश करनी पड़ रही है। चांद कटरा गांव निवासी अमित ने बताया कि हमारे गांव के तालाब बेलन नहर से जुड़े हुए हैं समय रहते तालाबों में पानी नहीं भरा जा सका जिसके चलते आज भीषण गर्मी में पशु पक्षी जंगली जानवर पेय जल के लिए भटक रहे हैं।
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