दर्जनों गांव के लोगों को नहीं मिल पा रही खारे पानी से निजात
Gauriganj News - अमेठी। संवाददाता तहसील क्षेत्र अमेठी के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग खारा

अमेठी। संवाददाता तहसील क्षेत्र अमेठी के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग खारा पानी पीने को मजबूर हैं। इसके साथ ही दैनिक काम भी उसी पानी से करते हैं। जिसके चलते लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जलजीवन मिशन भी लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराने में सफल नहीं हो रहा है। हर घर जल योजना के तहत कई गांवों में पानी की टंकियों का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है। हालांकि जलनिगम विभाग 80 प्रतिशत गांवों में शुद्ध पानी की सप्लाई का दावा कर रहा है। अमेठी ब्लाक के जंगल रामनगर के पूरे मुराई, रणवीर नगर, पूरे प्रेम, भूसूपार, मिस्त्री का पुरवा, पूरे पंडित ओझा का पुरवा, हीरा सोनारी के साथ ही संग्रामपुर विकासखंड में करनाईपुर ग्राम पंचायत के छोटी तथा बड़ी बबुरी, ठेंगहा गांव के कोलवा, रानीपुर तथा भेंटुआ विकासखंड के आधा दर्जन गांवों में लोग खारा पानी पी रहे हैं।
सम्पन्न लोगों ने पेयजल के लिए घर में आरओ लगवा रखा है। कुछ लोग आरओ प्लांट वालों से पानी की बोतल खरीदकर काम चला रहे हैं। लोगों का दर्द 1: हमारे यहां नल का पानी खारा है। जिससे बर्तन साफ करने पर कुछ दिन में फूट जाते हैं। हाथ भी खराब हो जाता है। छोटी तथा बड़ी बबुरी में पानी अधिक खारा है। जिसे पशु भी नहीं पीते हैं। पूजा त्रिपाठी 2: गांव में दो हैण्डपम्प लगा है। सौर्य ऊर्जा की पेयजल टंकी भी है। लेकिन सबका पानी खारा ही आ रहा है। महिलाएं नदी के पानी से कपड़ा व बर्तन साफ करती है। पशु भी वहीं का पानी पीते हैं। गांव से 500 मीटर दूर एक सिंचाई मशीन है। उसी का पानी बबुरी के लोग पीते हैं और भोजन बनाते हैं। सौरभ तिवारी 3:हमारे गांव में एक कुआं है। जिसका पानी ठीक है। उसी के पानी से भोजन बनता है। बाकी पूरे गांव में नल का पानी खारा है। खारा पानी पीने से कई तरह के रोग हो जाते हैं। जलजीवन मिशन के तहत पानी की सप्लाई भी नहीं मिल रही है। जिससे पानी की समस्या बनी हुई है। सिद्धार्थ शंकर 4: गांव का पानी खराब होने के चलते गांव के कई लोग पानी खरीदकर पीते हैं। टंकी का जो पानी आ रहा है वह भी खारा ही है। इससे हम सबको पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग खरीद कर भी पानी नहीं पी सकते। अभिजीत त्रिपाठी बोले जिम्मेदार जल निगम के अवर अभियंता नीरज प्रजापति ने बताया कि तहसील के 122 पुरवों में खारे पानी की समस्या थी। उनमें से 80 प्रतिशत गांवों में मीठा पानी पहुंचा दिया गया है। पूरे प्रेम, मुराई का पुरवा सहित कई गांवों में एनएच द्वारा सड़क पार कराने की अनुमति नहीं मिल रही है। अनुमति मिलते ही पाइप लाइन गांव में पहुंचाई जाएगी। अब 2028 तक कार्यदाई संस्थाओं को पेयजल आपूर्ति पूरा करना है।
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