मई बीती, आया जून,कब आएगा मानसून
Gauriganj News - अमेठी में जून के महीने में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री से ऊपर है। लोग गर्म हवाओं से परेशान हैं। बिजली की आपूर्ति में कमी और जल संकट जैसी...

अमेठी। मई की तपन के बाद जून का महीना भी गर्मी की मार लेकर आया है। आसमान से आग बरस रही है और धरती झुलस रही है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान भी 27 डिग्री से नीचे नहीं आया। जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में भीषण लू और गर्म हवाओं के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। लोग सुबह से ही पंखों और कूलरों के भरोसे बैठे हैं, वहीं दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। गर्मी के कारण वृद्धजन, बच्चे और बीमार लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
सबकी निगाहें मानसून की ओर टिकी हैं। उपनिदेशक कृषि सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि इस बार मानसून को लेकर अच्छी उम्मीदें हैं। पूर्वानुमान के अनुसार 20 जून तक मानसून अमेठी जिले में दस्तक दे सकता है। मई महीने में हुई हल्की वर्षा के चलते कई किसानों ने धान की नर्सरी डाल दी थी। अब मुख्य मानसून की बारिश के साथ ही जिले में धान की रोपाई का कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में वर्षा सामान्य रहने की संभावना है, जिससे खेती-किसानी को बड़ा सहारा मिलेगा। कृषि विभाग भी किसानों को समय पर बीज, खाद और तकनीकी सहायता पहुंचाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि जब तक बारिश नहीं होती, तब तक भीषण गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। जिले में पेयजल की समस्या, बिजली कटौती और गर्मी जनित बीमारियों से लोग त्रस्त हैं। आसमान में नजर आये बादल गुरुवार को गर्मी से कोई राहत नहीं रही, लेकिन आसमान में बादल नजर आये। उमड़ते बादलों को देखकर लोग उम्मीद जता रहे हैं कि अगले एक दो दिन में बरसात हो सकती है। तय रोस्टर के अनुसार नहीं हो पा रही बिजली की आपूर्ति भीषण गर्मी व उमस के बीच बिजली की आंख मिचौली ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार ट्रिपिंग जारी है। कहीं भी रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पर्याप्त बिजली न मिलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है। विद्युत विभाग द्वारा घोषित रोस्टर के अनुसार जिला मुख्यालय पर 24, तहसील मुख्यालय पर 22 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति होनी चाहिए। लेकिन कहीं भी रोस्टर का पालन नहीं हो पा रहा है। अघोषित कटौती और बार-बार ट्रिपिंग से पंखे-कूलर नहीं चल पा रहे हैं। जिससे बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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