बोले गोण्डा: कांशीराम कॉलोनी बेहाल, बदइंतजामी का मकड़जाल
Gonda News - गोंडा जिले में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कई गरीब परिवारों को पक्की छत नहीं मिल पाई है। हालाँकि, पिछले वित्त वर्ष में 4600 सीएम आवासों का निर्माण चल रहा है। कई परिवारों ने...

गरीबों को पक्की छत मुहैया कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से क्रमश: प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है। दोनों योजनाओं के तहत जिले के हजारों परिवारों का पक्की छत का सपना साकार हो चुका है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद तमाम जरूरतमंद परिवार ऐसे हैं जिन्हें पीएम या सीएम आवास योजना के तहत मकान मिलने का इंतजार है। आवास पाने के लिए अफसरों से लेकर जनप्रतिधि तक गुहार लगाते देखे जा सकते हैं। अफसरों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में आवंटित करीब 4600 सीएम आवासों का निर्माण कार्य चल रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 700 आवासों का लाभ अल्पसंख्यक वर्ग के पात्र लाभार्थियों को दिया गया है। हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित चौपाल में लोगों ने जल्द से जल्द आवास दिए जाने की मांग उठाई। गोण्डा। जिले की 1192 ग्राम पंचायतों में तमाम निर्धन परिवार झोपड़ी या कच्चे घर में गुजर-बसर कर रहे हैं। हालांकि शासन प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हजारों लोगों को आवास का लाभ दिया जा चुका है। आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थी के खाते में तीन किस्तों में एक लाख बीस हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा आवास निर्माण की मजदूरी के लिए मरनेगा के तहत 18 हजार रुपये दिए जाते हैं। साथ ही व्यक्तिगत शौचालय के लिए अलग से 12 हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं। वहीं, शहरी क्षेत्र की अगर बात करें तो गोंडा शहर के सिविल लाइन क्षेत्र के पंतनगर, महाराजगंज मोहल्ले में 17 साल पहले बसाई गई कांशीराम कॉलोनी में बुनियादी सुविधाएं दम तोड़ चुकी हैं। इससे यहां के निवासियों का जीना दुश्वार है। झोपड़ी में गुजर बसर कर रहे परिवार, नहीं मिल रहा लाभ शासन प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी जिले के तमाम ऐसे परिवार हैं जिन्हें आवास योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि सर्वे कार्य पूरा हो गया जरूरतमंदों को आवास सूची में शामिल किया गया है। इन्हें प्राथमिकता के आधार पर आवास आवंटित किया जाएगा। हिन्दुस्तान की मुहिम बोले गोंडा में बेलसर ब्लॉक क्षेत्र की नंदिनी, मनकापुर की आरती, शांति और नीलम ने बताया कि कई बार अधिकारियों से मिलकर पीएम आवास योजना में नाम शामिल करने की गुहार लगाई थी। इस बार सर्वे होने के बाद आवास मिलने की आस बढ़ गई। इन लोगों को कहना है कि हमारे मकान कच्चे होने की वजह से बारिश के दिनों में काफी समस्या होती है। बढ़ती महंगाई में आवास बनाना हुआ मुश्किल जिले में ऐसे परिवार रहते हैं। जिन्हें दो वक्त की रोटी के लिए हाड़तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। इन लोगों को एक अदद पक्की छत के लिए सरकार के इमदाद मिलने की आस है। वहीं, लाभ पा चुके लोगों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के साथ भवन निर्माण की सामग्री की कीमतें आसमान छू रही हैं लिहाजा योजना के तहत दी जाने वाली रकम बढ़ाई जानी चाहिए। एक लाख 20 हजार रुपये में आवास बना पाना टेढ़ी खीर है, इसलिए कुछ लोगों के आवास अभी अधूरे पड़े हुए हैं। जिले के कई लाभार्थियों ने अपना आवास तो बना लिया है लेकिन प्लास्टर और रंगाई-पुताई नहीं करा सके। खराब हो गए प्रधानमंत्री आवास से जुड़े शौचालय जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये की रकम दी जाती है। इस रकम से कामचलाऊ शौचालय ही बन पाता है। लाभार्थियों का कहना है कि आवास के साथ इस रकम को दोगुना करने पर सरकार को विचार करना चाहिए। जब महंगाई कम थी तब तो काम चल जाता था। मौजूदा समय में हर सामान की कीमत दो से तीन गुनी हो चुकी है। हर पात्र लोगों को जल्द मिलेगा आवास, सर्वे कराया गया जिले में 16 ब्लॉक अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत पात्रों का सर्वे पूरा हो गया है। बताया जा रहा है कि निर्धारित तिथि 15 मई तक एक लाख 45 हजार 715 लोगों का सर्वे हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा आवेदन परसपुर ब्लाक व सबसे कम मुजेहना में हुए हैं। 38 हजार 978 लोगों ने आवास प्लस एप पर स्वयं आवास के लिए आवेदन किया है। विभाग ने ग्राम पंचायत स्तर पर जीरो पावर्टी सर्वे कराकर हर घर आवास देने की योजना की कवायद तेजी से चल रही है। अधिकारियों के अनुसार ब्लाकवार सर्वे में बीते 17 मई परसपुर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 23466 आवेदन और मुजेहना में 3446 सबसे कम आवेदन पीएम आवास के लिए आए। झंझरी में 6973, पंडरी कृपाल में 5026, छपिया में 5046, मनकापुर में 5764, इटियाथोक में 5838, बभनजोत में 5944 लोगों ने आवेदन आवास प्लस एप पर किया है। वजीरगंज में 6396, रुपईडीह में 8474 हलधरमऊ में 8765, बेलसर में 11205, नवाबगंज में 11961, कटराबाजार में 12306, कर्नलगंज में 12548, तरबगंज में 12557 लोगों का सर्वे विभागीय टीम ने किया है। कांशीराम कॉलोनी की स्थिति दयनीय शहर के पंतनगर स्थित कांशीराम कॉलोनी के लोगों ने बताया कि यहां इमारत बनने के बाद सुविधाएं दिन-ब-दिन कम होती गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और पालिका हम लोगों के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार करती है। कॉलोनी में पानी की आपूर्ति टंकी से न होने पर सीढ़ी चढ़कर तीसरी मंजिल तक पानी ले जाना पड़ता है। बसपा शासनकाल में शहर में गरीबों के लिए कांशीराम कॉलोनी बनवाई गई थी। शहर में चार जगहों पर तीन मंजिला आवास बनाकर लोगों को रहने के ठिकाना दिया गया था। यहां रहने वाले शीशराम ने कहा कि कॉलोनी में बना शायद ही कोई आवास खाली हो। शुरुआती दौर में तो यहां पर पेयजल, पार्क, सड़क, नाली हर वह सुविधा थी, जिसकी लोगों को जरूरत होती है, लेकिन इन्हें दुरुस्त रखने पर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा, व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं। फिर चाहे वह पेयजल की बात हो या जल निकासी की। सबका हाल लगभग एक जैसा ही है। कॉलोनी में बिजली विभाग की व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। तारों के मकड़जाल से आए दिन दिक्कत होती है। शहरी लोगों की कब पूरी होगी आवास की आस शहरी क्षेत्र में किराए के घर में आशियाना बनाकर जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए केंद्र सरकार ने जिले के लोगों के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2019 में शहरी गरीबों को आवास देने की कवायद की थी। पांच साल बाद भी सिविल लाइन क्षेत्र में एसपी आवास के सामने 45 करोड़ रुपए से आठ बीघा जमीन में पांच सौ से अधिक आवास का निर्माण आवास विकास परिषद ने कराया है। जिसमें एक कमरा, बाथरूम, किचन और बरामदा बनाए जाने हैं। तीन मंजिला की चमचमाती इमारत दूर से ही सूनी नजर आती है। जानकारों की माने तो आवास विकास परिषद को तीन साल के भीतर एक हजार आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया था। प्रस्तुति: सच्चिदानंद शुक्ल/रंजीत तिवारी फोटो: पंकज तिवारी पिंटू बोले लोग ----------------------- ग्राम पंचायत में शासन के निर्देशानुसार आवास के लिए जीरो पॉवर्टी सर्वे कार्य किया गया है। जल्द ही ग्राम पंचायत के वास्तविक जरूरतमंदों को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिलेगा। -विवेक मिश्रा, प्रधान जगन्नाथपुर ब्लॉक कर्मियों ने गांव में आवास योजना का सर्वे कार्य किया है। बताया गया है कि सर्वे कार्य पूरा होने के बाद ही हम लोगों को आवास योजना का लाभ मिलेगा। पक्की छत न होने से बारिश में सांसत हो जाती है। - नीतू जिले में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना का लक्ष्य बढ़ाकर हमारे जैसे जरूरतमंदों को लाभ दिया जाए। इससे सभी पात्रों को सुविधा होगी। मौजूदा समय में पारिवारिक बंटवारे के चलते अब घर की मांग बढ़ी है। गांव में आवास का सर्वे कराया गया है। -नीलम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई बदलाव करने की जरूरत है। योजना के तहत बनाए जा रहे आवास मौजूदा समय में छोटे हैं। इनका क्षेत्रफल और दी जाने वाली रकम दोनों बढ़ाई जाए। -उर्मिला देवी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए नियमों में बदलाव करने की आवश्यकता है। क्योंकि पुराने नियमों के तहत लोगों को कई तरह की समस्याओं को झेलना पड़ता है। पुराने आवासों के मरम्मत का प्रावधान भी होना चाहिए। - आरती बोले जिम्मेदार ---------------------- शासन की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक पात्रों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ जिले में दिया जा रहा है। बीते दिनों प्रधानमंत्री आवास के लिए जिले में सर्वे कराया गया था। सत्यापन के बाद शासन के निर्देशानुसार आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए अग्रिम कार्रवाई होगी। -चंद्रशेखर, परियोजना निदेशक सरकार को पीएम और सीएम आवास योजना के तहत लक्ष्य बढ़ाना चाहिए क्योंकि छोटी ग्राम पंचायतों में आवास का लक्ष्य बहुत कम होता है। इससे तमाम जरूरतमंदों को वर्षों इंतजार करना पड़ता है। महंगाई को देखते हुए आवास योजना के तहत दी जाने वाली रकम में भी इजाफा करने की जरूरत है। -उमापति त्रिपाठी, अध्यक्ष प्रधान संघ
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