पीएचसी पर चिकित्सक होते तो शायद बच जाती मासूम की जान
Gonda News - रुपईडीह में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों के न रहने के कारण एक तीन वर्षीय बच्ची अनन्या की मृत्यु हो गई। स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर जिलाधिकारी से 24 घंटे...

रुपईडीह। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रात में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों के न रहने से उपचार के अभाव में मार्ग दुर्घटना में घायल तीन वर्षीय अनन्या की मृत्यु होने पर मंगलवार देर रात स्थानीय लोगों ने जमकर नाराजगी जताई। स्वास्थ्य केंद्र पर विरोध-प्रदर्शन व नारेबाजी करके जिलाधिकारी से यहां 24 घंटे चिकित्सक की तैनाती किए जाने की मांग की। लोगों का कहना है कि हादसे के बाद बच्ची को पीएचसी पहुंचाया गया। लेकिन वहां चिकित्सक समेत कोई भी स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसलिए बच्ची को समय पर उपचार नहीं मिला। परिजन व ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि में अगर स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक उपस्थित मिलते और बच्ची का उपचार हो जाता तो शायद उसकी जान बच जाती।
ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर करीब 2:00 बजे के बाद कोई भी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारियों के न रहने के चलते आए दिन दुर्घटना में घायल लोगों की जान चली जाती है। इससे पहले ही ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं परंतु विभागीय अधिकारियों द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि रात में कुछ लोगों ने फोन करके शिकायत की थी। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रात में कोई चिकित्सक नहीं रहता है। फिर भी शिकायत मिली तो मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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