Water Supply Issues in Gonda District Residents Struggle for Clean Drinking Water बोले गोण्डा : चार-पांच साल से बन रहीं टंकियां, पानी को तरस रहे लोग, Gonda Hindi News - Hindustan
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बोले गोण्डा : चार-पांच साल से बन रहीं टंकियां, पानी को तरस रहे लोग

Gonda News - गोंडा जिले में जल जीवन मिशन के तहत स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में देरी हो रही है। 1192 ग्राम पंचायतों में पानी की टंकियों का निर्माण किया गया है, लेकिन पाइपलाइन की कमी और अधिकारियों की लापरवाही के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाMon, 26 May 2025 11:38 AM
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बोले गोण्डा : चार-पांच साल से बन रहीं टंकियां, पानी को तरस रहे लोग

जिले में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में घरों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए पानी की टंकियों का निर्माण चार-पांच साल पहले शुरू हुआ था। इसके बाद भी लोगों को इन टंकियों से पीने का पानी मुहैया नहीं हो सका है। हिन्दुस्तान ने बोले गोंडा मुहिम के तहत पेयजल के मुद्दे पर ग्रामीणों से बात की तो उनका दर्द उभरकर सामने आया। लोगों ने कहा कि सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए लेकिन हमको पानी नहीं मिला। गोण्डा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से जल जीवन मिशन के तहत हर ग्राम पंचायत में पानी की टंकी का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

पानी टंकी निर्माण कार्य पिछले चार सालों से चल रहा है लेकिन इक्का-दुक्का गांवों को छोड़कर अभी तक कहीं भी पाइप लाइन से पेयजल की सप्लाई सुचारू नहीं हो पाई है। इसकी वजह से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पेयजल की सुचारू आपूर्ति होगी। जिले की 1192 ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन के जरिए स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की कवायद अरसे से चल रही है। इससे पहले विभिन्न योजनाओं के जरिए ग्राम पंचायतों में पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। निर्माण के बाद इन टंकियों के संचालन का जिम्मा ग्राम पंचायतों को सौंप दिया गया। लेकिन संसाधनों के अभाव में ग्राम पंचायतें इन टंकियों की उचित देखरेख नहीं कर सकी। इसकी वजह से तमाम टंकियां सिर्फ सफेद हाथी बनकर खड़ी है। जल निगम के एक्सईएन के मुताबिक पांच नवनिर्मित टंकियों को निर्माण के बाद हैंडओवर कर दिया था। जबकि 158 पर अभी काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि सालों पहले निर्मित 148 पेयजल परियोजनाओं को क्रियाशील करने के लिए शासन स्तर से नई एजेंसी नामित हुई है। यह एजेंसी दस साल तक इन टंकियों की देखरेख करेगी। जानकारों के मुताबिक जल जीवन मिशन के तहत जिले में सुस्त गति से पानी की टंकियों के निर्माण का काम चल रहा है। बीते दिनों डीएम नेहा शर्मा ने अफसरों की कमेटी बनाकर जांच के निर्देश दिए थे। बैठकों में पानी आपूर्ति पर जोर, मौके पर कुछ नहीं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की समीक्षा बैठकों में जल जीवन मिशन के तहत गांवों में घर-घर स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने पर काफी जोर दिया जाता है। लेकिन कार्यदायी संस्थाओं की सुस्ती से तमाम पेयजल परियोजनाएं अभी भी अधूरी पड़ी हैं। समय पूरा होने के बाद भी अभी तक अधिकांश पानी टंकियों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। झंझरी ब्लॉक के ग्राम पंचायत पथवलिया के कुशहवा मजरे में पानी टंकी का निर्माण वर्षों बाद करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद पानी लोगों को नसीब नही हो सका है। यह तो सिर्फ मात्र बानगी है। जिले में निर्माणाधीन अधिकांश पानी टंकियों का हाल ऐसा ही है। अधिवक्ता आनंद शुक्ला का कहना है कि पानी की टंकियों के निर्माण में गावों में खोदे गए रास्ते की कोई सुध नही लेता है। नहीं पूरी हो सकी टंकी निर्माण मुजेहना क्षेत्र के दर्जनों ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत हर गांव में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की सरकार की मंशा अभी साकार नहीं हो पाई है। एक पम्प व टंकी बनवाकर पाइप लाइनों के माध्यम से हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए सरकार प्रति यूनिट के लिए ढाई करोड़ रुपये से अधिक धन आवंटित कर काम शुरू भी कर दिया था। लेकिन चार वर्ष बाद भी यह महत्वाकांक्षी योजना पूरी नहीं हो सकी। कहीं पर पाइपलाइन बिछाकर पानी टंकी नहीं बनाई गई तो कहीं पर टंकी बनाई गई पाइपलाइन नहीं बिछाई गई। कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही पर लोगों में खासा रोष है। ग्राम पंचायत मेघवा के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गुड्डू सिंह ने बताया कि उनके गांव में लगभग चार वर्ष पहले शुरू हुआ पानी टंकी का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत में 13 मजरों में से चार-पांच में पाइप लाइन बिछाने का काम भी आधा-अधूरा हुआ है। बनकटी सूर्यबली सिंह के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लकी सिंह ने बताया कि पंडित पुरवा में लगभग चार वर्ष पूर्व पानी टंकी बनाने का काम शुरू हुआ था। बोरिंग करके पंप हाउस का निर्माण कराकर छोड़ दिया गया है। ग्राम पंचायत में 26 मजरे शामिल हैं लेकिन 10 मजरों में ही पाइपलाइन बिछाई जा सकी है। ग्राम पंचायत बेलहरी के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संदीप मिश्र ने बताया गांव में टंकी बनाने के बाद पाइपलाइन बिछाई गई है। पम्प चलाने के बाद सिंहपुर और जोतिया गांव के कुछ घरों में ही पानी पहुंच पा रहा है। जबकि, दोनों बेलहरी में अभी भी पानी नहीं पहुंचा है। नगर पंचायत धानेपुर के वार्ड संख्या एक के अंबेडकरनगर में पहले से ही पानी टंकी बनाई गई थी। पाइप लाइन भी बिछी है यहां भी वाटर सप्लाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि मंशाराम वर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत माधवगंज से पानी टंकी हैंडओवर हुई थी। यहां बिछी पाइपलाइन इतनी खराब किस्म है कि पानी चलते ही जगह-जगह लीकेज हो जाता है। इसको सुधारने का काम तेजी से चल रहा है। सरदार पटेल नगर के रहने वाले दीप नारायण, बसंत लाल, बाबू प्रजापति आदि दर्जनों लोगों ने कहा कि एक दिन पानी आता है चार दिन नहीं आता। बनकटी सूरज बली सिंह के पंडित पुर निवासी बलराम पासवान ने कहा कि सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए लेकिन कार्यदायी संस्था के लापरवाही कारण शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। चिन्तवती और उर्मिला ने कहा कि जब पानी टंकी बनने लगी थी तो यह आशा हुई थी कि अब घरेलू कामकाज में सुविधा मिलेगी और शुद्ध जल पीने को मिलेगा, लेकिन सपनों पर पानी फिर गया। पाइपलाइन में लीकेज से नहीं मिली निजात सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दर्जनों गांव में जल जीवन मिशन के तहत टंकी बनकर तैयार हो चुकी है, लेकिन पाइप लाइन में लीकेज की वजह से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। लोगों का कहना है कि टंकी से जैसे ही पानी छोड़ा जाता है वैसे जगह-जगह बहने लगता है। इस वजह से आपूर्ति को बंद कर दिया जाता है। झंझरी ब्लॉक कंसापुर, पंडरी कृपाल के सुभागपुर के लोगों का कहना है कि पाइप लाइन बिछाने के समय ही बड़ी लापरवाही बरती गई है। वजीरगंज ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में अधूरी पड़ी पेयजल व्यवस्था वजीरगंज ब्लॉक क्षेत्र में कुल 75 गांव पंचायत है। जिसमें से 52 गांव में पानी की टंकी स्वीकृत है। इनमें सहिबापुर, पेडराही, माथेपुर, नियामतपुर, नयपुर, कोडर की पानी टंकी संचालित है बाकी 50 गांव पंचायत में निर्माणाधीन है। ब्लॉक के 23 ग्राम पंचायत में अभी कोई टंकी स्वीकृत नहीं है। प्रस्तुति: धर्म प्रकाश शुक्ल/आलोक ओझा/सच्चिदानंद शुक्ल बोले लोग --------------------------- सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए पानी टंकी का निर्माण कर रही है। कार्यदायी संस्थाओं और अफसरों की लापरवाही के चलते अब तक हम लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। -उर्मिला हमारे यहां पानी टंकी निर्माण कार्य कराया जा रहा है लेकिन पानी कब मिलेगा। इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। पानी टंकी की पाइपलाइन बिछाने को लेकर गांव की सड़कें भी क्षतिग्रस्त कर दी गई है। -जगतराम सरकार पेयजल को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है लेकिन जिम्मेदार अफसर इसको लेकर पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं। गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल कब मिलेगा इसकी कोई जानकारी देने वाला नहीं है। -तिलक राम पाइपलाइन बिछाने के कार्य को तेजी से कराया गया लेकिन गांव की पूरी सड़क तहस-नहस कर दी गई है इसके चलते आए दिन लोगों को चोट लग रही है, सड़क की मरम्मत कराई जाए। -शुभम गुप्ता गांव में पानी की टंकी बनकर तैयार हो चुकी है लेकिन एक बूंद भी अभी तक हम लोगों को पानी नहीं मिल सका है। गांव के लोग शुद्ध पेयजल को लेकर आस लगाए बैठे हैं लेकिन कब मिलेगा इसके बारे में कुछ पता नहीं है। -राजेंद्र नाथ बीते विधानसभा चुनाव के दौरान पेयजल के लिए पानी टंकी बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कराया गया था। चुनाव होने के साथ ही निर्माण कर एकाएक धीमा हो गया जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। -डब्लू बोले जिम्मेदार ----------------------- जिले के सभी ग्राम पंचायतों में पाइप लाइन के जरिए स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने को जलजीवन मिशन के तहत तेजी से काम चल रहा है। निर्माण पूरा होने के बाद टंकियों को ग्राम पंचायतों को हैंडओवर किया जा रहा है। इन पर मालिकाना हक संबंधित पंचायतों का होगा। शासन की ओर से पूर्व में निर्मित पानी टंकियों के संचालन के लिए नई एजेंसी तय की गई है। यह एजेंसी 10 साल तक पेयजल मुहैया कराने में सहयोग करेगी। -धर्मेद्र कुमार, एक्सईएन जल निगम

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