बोले गोंडा : रोजगारपरक कोर्स बढ़ें, लड़कियों को मिलें अवसर
Gonda News - गोंडा में 12वीं परीक्षा परिणाम के बाद लगभग 40,000 छात्रों में आगे की पढ़ाई को लेकर चिंता बढ़ गई है। छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल में दाखिले के लिए कोचिंग ले रहे हैं, जबकि कुछ छात्र सेल्फ स्टडी कर रहे...

बीते दिनों 12वीं की परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद आगे दाखिले को लेकर छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावकों की उधेड़बुन बढ़ गई है। जिले के तमाम छात्र-छात्राओं ने इंजीनियरिंग और मेडिकल में प्रवेश के लिए कोचिंग का सहारा लिया है। वहीं, सेल्फ स्टडी के दम पर तमाम छात्र-छात्राएं बीए या बीएससी की पढ़ाई के साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश परीक्षा में बैठने की बात कह रहे हैं। इनमें तमाम बच्चे इस साल ही नीट की परीक्षा में शामिल हुए। जिले में स्थित 90 डिग्री कॉलेजों में स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए पर्याप्त सीटें हैं। हालांकि, अनुदानित और सरकारी कॉलेजों में पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रम समेत कई अन्य व्यावसायिक कोर्स उपलब्ध नहीं है, जो कोर्स उपलब्ध हैं वह सेल्फ फाइनेंस हैं।
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को इन कोर्सों में पढ़ाई करना किसी सपने से कम नहीं होता है। बालिका शिक्षा की बात करें तो जिला मुख्यालय पर सिर्फ एक निजी पीजी कॉलेज हैं जिसमें लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर सकती हैं। जिले के मनकापुर और सदर तहसील को छोड़कर बाकी दो अन्य तहसील क्षेत्रों में कोई अनुदानित या सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं हैं। गोंडा। अप्रैल के अंतिम हफ्ते के बाद विभिन्न बोर्डों की ओर से घोषित 12 वीं के नतीजों के बाद जिले के करीब 40 हजार छात्र-छात्राओं की उधेड़बुन आगे की राह तय करने के लिए शुरू हो गई थी। जिले में प्रमुख रूप से व्यवसायिक संस्थानों की बात करें तो स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में बीते साल से प्रवेश शुरू हुआ है। वहीं जिला मुख्यालय पर स्थापित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि दोनों संस्थानों में प्रवेश नीट और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के जरिए ही होगा। इसके अलावा जिले में दो राजकीय पालीटेक्निक और आईटीआई संस्थान मौजूद हैं। पॉलीटेक्निक में भी दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है। हिन्दुस्तान ने बोले गोंडा मुहिम के तहत प्रवेश को लेकर अभिभावकों और बच्चों से बात की उनके सामने कई असमंजस दिखा। तमाम लोगों का कहना है कि जिले में डिग्री स्तर के संस्थान तो हैं लेकिन इनमें उच्च व्यवसायिक दक्षता वाले पाठ्यक्रमों का अभाव है। निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए मोटी फीस चुकानी पड़ती है जो आम आदमी के बस की बात नहीं है। ऐसे में बच्चों को लखनऊ, प्रयागराज और दिल्ली से बड़े शहरों में भेजना अभिभावक बेहतर समझते हैं। मां पाटेश्वरी विवि से संबद्ध हुए जिले के कॉलेज मौजूदा सत्र से जिले के सभी डिग्री कॉलेज बलरामपुर जिले स्थित मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय से संबद्ध हो गए हैं। इस साल विश्वविद्यालय के समर्थ पोर्टल के जरिए ही कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया होगी। विवि की ओर जारी अधिसूचना के मुताबिक सभी महाविद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2025-26 में स्नातक व परास्नातक के पहले सेमेस्टर में प्रवेश के आवेदन 27 मई से शुरू हो गए हैं। स्नातक/परास्नातक, बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड और एलएलबी सहित अन्य संचालित पाठ्यक्रमों के प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को सबसे पहले मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के समर्थ पोर्टल के लिंक पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। ऑनलाइन पंजीकरण प्रकिया 30 जून तक चलेगी। एक जुलाई से सभी कॉलेजों में प्रवेश लिए जाएंगे। जिले में कुल 90 डिग्री कॉलेज गोंडा जनपद में कुल 90 डिग्री कॉलेज हैं। इनमें एक राजकीय डिग्री कॉलेज और दो अनुदानित कॉलेजों के साथ 90 निजी डिग्री कॉलेज हैं। एलबीएस पीजी कॉलेज के प्रो. जितेंद्र सिंह ने कहा कि परिणाम निकलने के बाद 12वीं पास बच्चों के सामने यह सवाल उठता है कि आगे क्या किया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में एक राजकीय और दो अनुदानित डिग्री कॉलेज सहित कुल 90 डिग्री कॉलेज संचालित हो रहे हैं। एलबीएस में बीए, बीएससी और बीकॉम में लगभग तीन हजार सीटों पर इस बार प्रवेश लिए जाएंगे। एलबीएस और एएनडी में चलते हैं ये पाठ्यक्रम जिले के एलबीएस पीजी कॉलेज में बीएससी कृषि, बीसीए, बीबीए जैसे व्यवसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। हालांकि ये कोर्स सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत चलाए जा रहे हैं। प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार पांडेय ने बताया कि एलबीएस पीजी कॉलेज में बीए की 1450, बीएससी की 600 और बीकॉम 300 सीटें उपलब्ध हैं। कॉलेज में सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत बीएससी एजी में 300, बीसीए में 60 और बीबीए में 60 सीटों पर प्रवेश लिए जाएंगे। प्रो. पांडेय के मुताबिक कॉलेज में स्वीकृत 66 पदों के सापेक्ष 44 शिक्षक कार्यरत हैं। यहां रिक्त 22 पदों को भरने के लिए अधियाचन भेजा गया है। वहीं, बभनान स्थित आचार्य नरेंद्र देव पीजी कॉलेज में भी विभिन्न व्यवसायिक पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बभनान स्थित आर्चाय नरेंद्र देव किसान पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि कॉलेज में फैशन डिजायनिंग, पीजीडीसीए कोर्स के साथ परंपरागत बीएससी, बीए, बीकॉम, बीपीएड और बीएड कोर्स उपलब्ध हैं। कॉलेज में बीए की 1920, बीएससी की 480 और बी. कॉम 300 (सेल्फ फाइनेंस) की सीटें हैं। प्राचार्य ने बताया कि हमारे कॉलेज में 100 से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारी हैं। फिलहाल शिक्षकों की कमी नहीं है। अनुदानित कॉलेज होने की वजह से यहां बच्चे प्रवेश लेना ज्यादा पसंद करते हैं। प्रस्तुति: रंजीत तिवारी/सच्चिदानंद शुक्ल बोले लोग ----------------------- जिले में लगभग 90 डिग्री कॉलेज संचालित है। एलबीएस पीजी कॉलेज में पहले की अपेक्षा एडमिशन में मारामारी कम हो गई। आखिर क्या वजह है कि बच्चों का मोह इस कॉलेज से भंग हो रहा है। छात्र अब रोजगारपरक शिक्षा की तरफ भाग रहे हैं इससे कॉलजों के समक्ष सीटें भरना मुश्किल हो रहा है। -शिवम पांडे, राष्ट्रीय अध्यक्ष छात्र पंचायत डिग्री कॉलेज में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। अब तक करीब 100 से ज्यादा छात्राओं ने हमारे लोकवाणी केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन किया है। आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ने का अनुमान है। -अर्जुन नौकरी नहीं मिलने की वजह से बहुत सारी छात्राएं स्नातक की पढ़ाई के बजाय टेक्निकल पढ़ाई करने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। हमारे घर के बच्चों ने पॉलीटेक्निक और आईटीआई के फॉर्म भरे हैं। - राजेश जायसवाल पिछले साल शहर के प्रतिष्ठित डिग्री कॉलेज में एडमिशन के लिए छात्र-छात्राओं का बाकायदा इंतजार किया जा रहा था क्योंकि सीटें ज्यादा थी लेकिन छात्र एडमिशन कराने कम संख्या में आ रहे थे जो भी आया उसका एडमिशन हो गया। - राकेश जिले में हजारों छात्र-छात्राओं यूपी बोर्ड की परीक्षा में सफलता हासिल की है। लेकिन इस लिहाज से डिग्री कॉलेज में एडमिशन के लिए छात्र कम संख्या में ही आते हैं। -कौशलेंद्र प्रताप बोले जिम्मेदार ------------------------- वर्तमान परिवेश में शिक्षा में कोचिंग का दखल बढ़ गया है। बच्चों और अभिभावकों में बड़े शहरों में अच्छी शिक्षा को लेकर एक तरह का औरा बन गया है। हर व्यक्ति मान बैठा है कि बिना कोचिंग के बच्चा सफल नहीं होगा। एलबीएस पीजी कॉलेज से पढ़कर तमाम लोग आज उच्च पदों पर बैठे हैं। कॉलेज में डिग्री स्तर के कई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण विवि के समर्थ पोर्टल पर चल रही है। -प्रो. रवींद्र कुमार पांडेय, एलबीएस पीजी कॉलेज गोंडा
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