बकरीद का सजा बाजार, तकबीरे तशरीक पढ़ना वाजिब
Gorakhpur News - गोरखपुर में ईद-उल-अजहा का त्योहार सात जून को मनाया जाएगा। शिक्षक कारी मुहम्मद अनस रजवी ने बताया कि कुर्बानी देना वाजिब है। फज्र की नमाज से लेकर 10 जून तक तकबीरे तशरीक पढ़ी जाएगी। सेवईंयों का बाजार सज...

गोरखपुर, निज संवाददाता। शहर में बड़े ही अदबो-एहतराम के साथ ईद-उल-अजहा का त्योहार सात जून को मनाया जाएगा। ऐसे में मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक कारी मुहम्मद अनस रजवी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम में कुर्बानी देना वाजिब है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार छह जून को फज्र की नमाज से लेकर हर फर्ज नमाज के बाद तकबीरे तशरीक पढ़ी जाएगी। जिसका सिलसिला 10 जून की असर की नमाज तक जारी रहेगा। जमात से जो नमाज अदा की जाएगी उसमें ही तकबीरे तशरीक पढ़ी जाएगी। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार के इमाम हाफिज रहमत अली ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम में दो खास ईद है, ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अजहा।
ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अजहा के दिन रोजा रखना हराम है क्योंकि यह दिन मेहमान नवाजी का है। साथ ही कहा कि कुर्बानी का फोटो व वीडियो न बनाएं और न ही अपने कुर्बानी के जानवर की नुमाइश करें। वहीं त्योहार के मद्देनजर उर्दू बाजार, नखास चौक, घंटाघर, जाफरा बाजार, गोरखनाथ आदि जगहों पर सेवईंयों का बाजार सज चुका है। जहां मोटी, बारीक, लच्छेदार के साथ कई वैराइटी की सेवईंयां मौजूद हैं। उर्दू बाजार स्थित सेवईं सेंटर के मालिक मुहम्मद कैस व मुहम्मद आरिफ ने बताया कि उनके यहां छड़ व सादी सेवईं, छत्ते वाली सेवईं, किमामी सेवईं, बनारसी, भुनी सेवईं, लाल लच्छा, सफेद लच्छा, बनारसी लच्छा, सूतफेनी, रूमाली, दूध फेनी आदि बिक रही है। इस समय सबसे ज्यादा मांग में बनारसी किमामी सेवईं है, जो हाथों हाथ खरीदी जा रही है। ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अजहा में सेवईं की खूब बिक्री होती है। वहीं कुर्बानी के लिए तमाम रंग व नस्ल के बकरे बाजार में बिक रहे हैं।
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