बटाईदार के नाम पर उर्वरक लेने पर अब देना होगा खेत मालिक का आधार कार्ड
Gorakhpur News - गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। कृषि विभाग ने बटाईदारों के माध्यम से अनुदानित उर्वरकों के वितरण

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। कृषि विभाग ने बटाईदारों के माध्यम से अनुदानित उर्वरकों के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब यदि कोई किसान यह कह कर उर्वरक खरीदता है कि वह उर्वरक बटाई पर लिए खेत में उपयोग करेगा, तो उसे खेत के मालिक का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के कार्यालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, खुदरा उर्वरक विक्रेताओं (रिटेलरों) को यह निर्देश दिया गया है कि वे ऐसी स्थिति में पीओएस मशीन में खेत मालिक का आधार नंबर और नाम दर्ज करें और उर्वरक खरीदने आए व्यक्ति (बटाईदार कृषक) से अंगूठे की बायोमैट्रिक पुष्टि करा कर ही यूरिया और डीएपी का वितरण करें।
बटाईदार के लिए विशेष प्रक्रिया रिटेलर द्वारा पीओएस मशीन में जब किसान (फार्मर) और अन्य (अदर) का विकल्प दिखाई दे, तो बटाईदार के मामले में अन्य विकल्प का चयन कर, संबंधित विवरण अंकित करना आवश्यक होगा। बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद ही बटाईदार को उसकी जोत और फसल की संस्तुत मात्रा के अनुसार अनुदानित उर्वरक मिलेगा। गलत वितरण पर होगी कड़ी कार्रवाई कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि किसी रिटेलर द्वारा अनुदानित उर्वरक का वितरण बटाईदार के नाम पर नियमों के विपरीत या अन्य प्रयोजन के लिए किया गया, तो उसे उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। बोले उप कृषि निदेशक सभी खुदरा उर्वरक विक्रेताओं से अपील की है कि वे निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। ताकि अनुदानित उर्वरक केवल पात्र किसानों तक ही सीमित रहे। किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या दुरुपयोग पर रोक लग सके। किसानों से भी अपील किया कि इस व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग करें। - धनंजय सिंह, उप कृषि निदेशक
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