Water Crisis in Gorakhpur New Tube Wells Await Power Connection 10 करोड़ खर्च कर लगाए गए 30 ट्यूबवेल बने शोपीस, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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10 करोड़ खर्च कर लगाए गए 30 ट्यूबवेल बने शोपीस

Gorakhpur News - गोरखपुर में गर्मी के इस मौसम में जलापूर्ति की स्थिति गंभीर हो गई है। नगर निगम ने नए ट्यूबवेल स्थापित किए, लेकिन बिजली विभाग की देरी के कारण पानी की आपूर्ति ठप है। इससे एक लाख से अधिक लोग पानी के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSun, 18 May 2025 09:50 AM
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10 करोड़ खर्च कर लगाए गए 30 ट्यूबवेल बने शोपीस

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। भीषण गर्मी में जहां लोगों को राहत मिलनी थी, वहीं अब प्यास और परेशानी बढ़ती जा रही है। नगर निगम ने करीब 10 करोड़ रुपये खर्च कर शहर के नए और पुराने वार्डों में जलापूर्ति सुधारने के लिए बड़े ट्यूबवेल तो लगवा दिए, लेकिन निगम की ढीली पैरवी और बिजली विभाग की लेटलतीफी ने पूरा सिस्टम ही ठप कर रखा है। नतीजा एक लाख से ज्यादा आबादी आज भी पानी की एक-एक बूंद को तरस रही है। नगर निगम की सीमा में हाल ही में जुड़े 32 गांवों को मिलाकर अब कुल वार्डों की संख्या 80 हो चुकी है।

जनसंख्या भी एक लाख से अधिक बढ़ चुकी है। इस बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने कई नए वार्डों और कुछ पुराने इलाकों में बड़े ट्यूबवेल स्थापित कराए। यदि ये ट्यूबवेल शुरू हो जाते, तो गर्मियों में जलसंकट काफी हद तक कम हो सकता था। लेकिन समस्या वहां शुरू होती है, जहां बिजली विभाग ने इन ट्यूबवेलों को बिजली कनेक्शन देना ही नहीं शुरू किया। कहीं आगणन ही नहीं दिया गया, तो कहीं कनेक्शन की फाइलें धूल फांक रही हैं। झरना टोला जैसे इलाकों में तो लोग पिछले दो साल से लगाए गए मिनी ट्यूबवेल से पानी की एक बूंद को तरस रहे हैं। यहां 10 हजार से ज्यादा की आबादी अब भी बाल्टी लेकर लाइन में खड़ी दिखती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिम्मेदार विभागों की आपसी तालमेल की कमी और लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा, बिजली विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता की गई है। उन्हें तत्काल ट्यूबवेलों को कनेक्शन देने और आगणन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। विभागीय समन्वय और पर्यवेक्षण की कमी सवाल उठता है कि जब गर्मी से पहले व्यवस्था सुधारने की योजना बनी थी, तो आखिर इसे जमीन पर लागू क्यों नहीं किया गया? सरकारी योजनाएं और करोड़ों की लागत, लेकिन जब तक विभागों के बीच समन्वय नहीं होगा, तब तक जनता यूं ही प्यास से जूझती रहेगी। अब देखना ये है कि निगम प्रशासन कब जागेगा और इन ट्यूबवेलों को जीवनदायिनी जल देने लायक बनाएगा। यहां लगे नए ट्यूबवेल को कनेक्शन का इंतजार भरवलिया, बड़गो, देवी प्रसाद नगर, विष्णुपुरम (वी मार्ट गली), रामजानकी नगर, हनुमंत नगर गोरखनाथ पुल के बगल में, राजेंद्र प्रसाद नगर, सूरजकुंड धाम नगर, उर्वरकनगर, माधव नगर, विकास नगर विस्तार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर, सिविल लाइन द्वितीय रियाज हॉस्पीटल के सामने, बिछिया, खोराबार, रानीडीहा, गोपलापुर, शिवपुर, संझाई और गुलरिहा में लगे ट्यूबवेल को अब तक कनेक्शन नहीं उपलब्ध हो सका है।

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