भक्ति के लिए अनुभव एवं आत्मसमर्पण आवश्यक:पंडित श्याम स्वरूप
Hapur News - -श्रीमती ब्रह्मादेवी सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पांच दिवसीय समर्थ शिशु श्रीराम कथा जारी

मोदीनगर मार्ग स्थित श्रीमती ब्रह्मादेवी सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पांच दिवसीय समर्थ शिशु श्रीराम कथा चल रही है। रविवार को शैक्षिक गोष्ठी के अन्तर्गत हुकुमचन्द भुवन्ता ने शिक्षा का प्रभावशाली एवं रूचिकर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला।
हुकुमचन्द भुवन्ता ने कहा कि शिक्षकों में सीखने की जिज्ञासा सदैव रहनी चाहिए। हम सभी आपस में एक-दूसरे से सीखते सीखाते रहें। समर्थ शिशु श्रीराम कथा के समापन दिवस में पंडित श्याम स्वरूप मनावत ने भक्त ध्रुव चरित्र सुनाते हुए कहा कि एक मां अपनी सन्तान को उचित प्रेरणा, प्रार्थना, पुरुषार्थ, परामर्श के द्वारा प्रभु को प्राप्त करा सकती है क्योंकि भक्ति न तो आयु, आय, अधिकार के बंधन में है अपितु भक्ति के लिए अनुभव एवं आत्मसमर्पण आवश्यक है। कार्यक्रम में स्वाति गर्ग व्यवस्थापिका, संजय गर्ग, हरीश मित्तल, अनिल अग्रवाल, डोमेश्वर साहू, हुकुमचन्द भुवन्ता, आशा बेन थानकी, हिना बेन तुम्मर, शिवकुमार, नम्रता दत्त, जयेश त्रिवेदी, गोविन्द महन्त, प्रदीप, अवनीश भटनागर, कुलदीप कसाना, मीनाक्षी यादव प्रधानाचार्या एवं प्रबन्ध समिति के सदस्य मौजूद रहे।
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