Mass Pilgrimage to Ganga on Vaishak Amavasya Over 400 000 Devotees Seek Salvation वैशाख अमावस्या पर चार लाख से अधिक ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी, Hapur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsHapur NewsMass Pilgrimage to Ganga on Vaishak Amavasya Over 400 000 Devotees Seek Salvation

वैशाख अमावस्या पर चार लाख से अधिक ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी

Hapur News - वैशाख अमावस्या के अवसर पर चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए अनुष्ठान किए। इस दिन गंगा स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है। श्रद्धालुओं ने हवन-यज्ञ भी किए और...

Newswrap हिन्दुस्तान, हापुड़Sun, 27 April 2025 05:20 PM
share Share
Follow Us on
वैशाख अमावस्या पर चार लाख से अधिक ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी

वैशाख अमावस्या के उपलक्ष्य में देश की राजधानी दिल्ली समेत आसपास के कई राज्यों से आए चार लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने मोक्ष दायिनी गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाकर पितरों को मोक्ष और उनकी आत्मा शांति को विभिन्न अनुष्ठान संपन्न किए। वैशाख अमावस्या पर पतित पावनी गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाने का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करना विशेष धार्मिक मान्यता के साथ ही और आध्यात्मिक अनुष्ठान भी माना जाता है। इसी के चलते दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब समेत वेस्टर्न यूपी के श्रद्धालुओं का आगमन शनिवार की दोपहर से ही प्रारंभ हो गया था। भारी भीड़ जुटने से मुक्ति धाम ब्रजघाट में दिन ढलते ही हर तरप चहल के साथ ही बाजारों में रंगत बढ़ गई थी। सैकड़ों धर्मशाला, आश्रम और मंदिर परिसर फुल होने से महिला बच्चों समेत हजारों श्रद्धालुओं को पक्के घाट, मुख्य बाजार, शिवचौक, रेलवे रोड समेत इधर उधर खुले आकाश के नीचे रात बितानी पड़ी। देर रात में अधिकांश श्रदधालु मोक्ष दायिनी के किनारे पर एकत्र हो हए थे, जहां शुभ मुहूर्त प्रारंभ होते ही हर हर गंगे के जयकारों के बीच डुबकी लगाने का क्रम प्रारंभ होकर सूर्यास्त होने तक निरंतर चलता रहा।

गढ़ खादर क्षेत्र में लठीरा के कच्चे घाट और महाभारत काल में रानी दरौपदी की सैरगाह रही पुष्पावती पूठ में भी एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान समेत विभिन्न अनुष्ठान किए। भद्रकाली मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रमाशंकर तिवारी और पंडित विनोद शर्मा ने बताया कि गंगा स्नान को पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति का साधन माना जाता है। श्रद्धालु केवल स्नान ही नहीं करते, बल्कि इस दौरान हवन-यज्ञ और दान-पुण्य भी करते हैं। अमावस्या के दिन गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि इससे पितरों को भी शांति मिलती है।

--महानगरों से आए धनाढ्यों ने शीतल जल और शर्बत का भंडारा किया

दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, मुरादाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत समेत विभिन्न महानगरों से आए धनाढ्यों ने गंगा मैया में स्नान समेत विभिन्न अनुष्ठान करते हुए गंगा भक्तों की सुविधा को तीर्थनगरी में आवागमन से जुड़े रास्तों के किनारे जगह जगह शीतल जल और शर्बत के भंडारे लगाकर जल सेवा की।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।