रिसोर्स रिकवरी सेंटर शोपीस, लगे कूड़े के ढेर
Hardoi News - -लाखों खर्च फिर भी दुर्गंध से परेशान होते लोग-कागजों पर संचालित हो रहा रिकवरी सेंटरफोटा 04 बेनीगंज महादेव पुरवा में बना रिसोर्स रिकवरी सेंटर, पड़ा कूड़ा

बेनीगंज, संवाददाता। गांवों की साफ-सफाई और निकलने वाले सूखे गीले कचड़े के निस्तारण के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए रिसोर्स रिकवरी सेंटर निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। सरकारी धन केवल धोखा साबित हो रहा है। संचालन केवल कागजों पर हो रहा है। जिम्मेदारों की इस लापरवाही से मच्छर पनप रहे हैं। इससे लोगों की नींद हराम हो रही है। ग्राम पंचायत बेनीगंज देहात के मजरा महादेव पुरवा में लगभग चार वर्ष पहले बना आरआरसी सेंटर का निर्माण किया गया था। कूड़ा निस्तारण के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए। नागरिकों का कहना है कि दिखावे के लिए कुछ कूड़ा डाल देने के बाद निस्तारण दूर की कौड़ी हो गई है। आरआरसी सेंटर का कोई पुरसाहाल नहीं है। निर्माण के बाद स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है।
ग्राम पंचायत बेनीगंज देहात में नई बस्ती, उल्जा, बेलहैया, अल्लीपुर, चिंताखेड़ा गांवों में सफाई कर एकत्र कूड़े को आरआरसी सेंटर पर एकत्र कर निस्तारण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत पर है। यहां कूड़े का नियमित निस्तारण न होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एक हजार से अधिक आरआरसी सेंटर बन चुके
ग्राम पंचायतों मे 1000 से अधिक आरआरसी सेंटर बन चुके हैं। 40 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि इस योजना पर खर्च की गई है। ताकि गांव का गीला और सूखा कूड़ा अलग हो। इसके बाद कूड़े का निस्तारण कर गांवो की आय बढ़ाई जा सके।
आरआरसी सेंटर संचालित है। एक सफाई कर्मी जो नई बस्ती में घर घर जा कर कूड़ा एकत्र करता है। उसे आरआरसी सेंटर पर पहुंचा कर निस्तारित करता है। गांवों में सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ है।
संतोष कुमार, ग्राम विकास अधिकारी
गांवों में सफाई के लिए न तो सफाई कर्मी है, न हीं कूड़ा ले जाने के लिए संसाधन है। कूड़ा निस्तारण की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इस व्यवस्था के संचालन के लिए कोई मद भी नहीं है। समस्या के बारे में उच्चाधिकारियों को बताकर समाधान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
रियासत, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नूरजहां
ग्राम पंचायतों में निर्मित समस्त आरआरसी सेंटर का निर्माण कार्य पूरा कराया जा रहा है। जो बनकर तैयार हुए हैं उनका संचालन कराया जा रहा है। गांवों का भ्रमण कर रहे हैं। लापरवाही बरतने वाले प्रधानों और सचिवों का वेतन रोका जा रहा है।
विनय कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी हरदोई
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