Husbands and sons of women gram pradhan will no longer be able to make payments using digital signatures महिला ग्राम प्रधानों के पति-बेटे अब नहीं कर सकेंगे डिजिटल सिग्नेचर से भुगतान, चेहरे की होगी मिलान, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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महिला ग्राम प्रधानों के पति-बेटे अब नहीं कर सकेंगे डिजिटल सिग्नेचर से भुगतान, चेहरे की होगी मिलान

महिला ग्राम प्रधानों के पति-बेटे अब डिजिटल सिग्नेचर से भुगतान नहीं कर सकेंगे। अब कंप्यूटर पर प्रधान के चेहरे का मिलान तथा पंचायत घर की लोकेशन मिलने पर ही ग्राम पंचायतों के खातों से भुगतान किया जा सकेगा।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानMon, 28 April 2025 07:43 AM
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महिला ग्राम प्रधानों के पति-बेटे अब नहीं कर सकेंगे डिजिटल सिग्नेचर से भुगतान, चेहरे की होगी मिलान

अब महिला प्रधान के पति या बेटे ग्राम पंचायत के खाते से डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से कोई भी भुगतान नहीं कर सकेंगे। अब कंप्यूटर पर प्रधान के चेहरे का मिलान तथा पंचायत घर की लोकेशन मिलने पर ही ग्राम पंचायतों के खातों से भुगतान किया जा सकेगा। वर्तमान में ग्राम पंचायतों के भुगतान के लिए गेटवे प्रणाली लागू हैं। इसके बावजूद उन प्रधानों व पंचायत सचिवों की कमी नहीं है जो, पंचायत घर में लगे कंप्यूटर व गेटवे प्रणाली से इतर लाखों रुपये का भुगतान करते रहे हैं।

शासन ने अब पति तथा बेटे प्रथा पर रोक लगाकर महिला प्रधानों को सशक्त बनाने के लिए पंचायती राज निदेशक ने डीपीआरओ को प्रधानों तथा ग्राम पंचायत सचिवों समेत पंचायत सहायकों की यूपीपीआरडी पोर्टल पर प्रोफाइल तैयार कराने का निर्देश दिया है। प्रोफाइल में प्रधानों, पंचायत सचिवों व पंचायत सहायकों के नाम, फोटो तथा मोबाइल नंबर पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। प्रोफाइल बनाने के लिए पंचायत गेटे-वे एप का प्रयोग किया जा रहा है। इस एप को प्रधान, सचिव व पंचायत सहायक को अपने-अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करना होगा। पंचायत सचिव अपनी तथा प्रधान समेत पंचायत सहायक की प्रोफाइल तैयार करेगा। तीनों के चेहरे के फोटो को प्रोफाइल पर अपलोड होंगे। एडीओ एप प्रोफाइल पर जाकर प्रधान व पंचायत सचिव समेत पंचायत सहायकों के चेहरे के फोटो को सत्यापित करेंगे। प्रधानों तथा पंचायत सचिवों की प्रोफाइल बनने के बाद लोकेशन आधारित भुगतान व्यवस्था लागू होगी। इससे ग्राम पंचायत के खाते से तभी भुगतान हो पाएगा, जब प्रधान तथा सचिव के चेहरे और पंचायत घर में होने की लोकेशन मिलेगी। अब न तो बाहर से भुगतान कर पाएंगे और न महिला प्रधान की जगह पति या बेटे समेत अन्य परिजन प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर लगाकर भुगतान कर पाएंगे।

संभल के डीपीआरओ उपेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि प्रधानों, पंचायत सचिवों व पंचायत सहायकों की प्रोफाइल तैयार होने से ग्राम पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता आएगी। प्रधान के स्थान पर अन्य कोई परिजन डिजिटल सिग्नेचर से भुगतान नहीं कर पाएगा। गेटवे एप के माध्यम से प्रोफाइल तैयार कराई जा रही है। इसके अलावा परिवार रजिस्टर को भी डिजिटल किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। साथ ही साथ किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा जिससे सभी को लाभ होगा।

ये भी पढ़ें:फर्जी प्रमाणपत्र पर सिपाही करता रहा नौकरी, भांडा फूटते देख ले लिया वीआरएस, FIR

अब महिला प्रधान के पति या बेटे ग्राम पंचायत के खाते से डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से कोई भी भुगतान नहीं कर सकेंगे। अब कंप्यूटर पर प्रधान के चेहरे का मिलान तथा पंचायत घर की लोकेशन मिलने पर ही ग्राम पंचायतों के खातों से भुगतान किया जा सकेगा। वर्तमान में ग्राम पंचायतों के भुगतान के लिए गेटवे प्रणाली लागू हैं। इसके बावजूद उन प्रधानों व पंचायत सचिवों की कमी नहीं है जो, पंचायत घर में लगे कंप्यूटर व गेटवे प्रणाली से इतर लाखों रुपये का भुगतान करते रहे हैं।

शासन ने अब पति तथा बेटे प्रथा पर रोक लगाकर महिला प्रधानों को सशक्त बनाने के लिए पंचायती राज निदेशक ने डीपीआरओ को प्रधानों तथा ग्राम पंचायत सचिवों समेत पंचायत सहायकों की यूपीपीआरडी पोर्टल पर प्रोफाइल तैयार कराने का निर्देश दिया है। प्रोफाइल में प्रधानों, पंचायत सचिवों व पंचायत सहायकों के नाम, फोटो तथा मोबाइल नंबर पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। प्रोफाइल बनाने के लिए पंचायत गेटे-वे एप का प्रयोग किया जा रहा है। इस एप को प्रधान, सचिव व पंचायत सहायक को अपने-अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करना होगा। पंचायत सचिव अपनी तथा प्रधान समेत पंचायत सहायक की प्रोफाइल तैयार करेगा। तीनों के चेहरे के फोटो को प्रोफाइल पर अपलोड होंगे। एडीओ एप प्रोफाइल पर जाकर प्रधान व पंचायत सचिव समेत पंचायत सहायकों के चेहरे के फोटो को सत्यापित करेंगे। प्रधानों तथा पंचायत सचिवों की प्रोफाइल बनने के बाद लोकेशन आधारित भुगतान व्यवस्था लागू होगी। इससे ग्राम पंचायत के खाते से तभी भुगतान हो पाएगा, जब प्रधान तथा सचिव के चेहरे और पंचायत घर में होने की लोकेशन मिलेगी। अब न तो बाहर से भुगतान कर पाएंगे और न महिला प्रधान की जगह पति या बेटे समेत अन्य परिजन प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर लगाकर भुगतान कर पाएंगे।

संभल के डीपीआरओ उपेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि प्रधानों, पंचायत सचिवों व पंचायत सहायकों की प्रोफाइल तैयार होने से ग्राम पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता आएगी। प्रधान के स्थान पर अन्य कोई परिजन डिजिटल सिग्नेचर से भुगतान नहीं कर पाएगा। गेटवे एप के माध्यम से प्रोफाइल तैयार कराई जा रही है। इसके अलावा परिवार रजिस्टर को भी डिजिटल किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। साथ ही साथ किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा जिससे सभी को लाभ होगा।

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संभल जिले में 391 महिला प्रधान

संभल जिले में 391 ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान हैं। इनमें उन महिला प्रधानों की कमी नहीं, जिनके डिजिटल सिग्नेचर से लाखों रुपये का भुगतान उनके पति या परिजन करते रहे हैं, लेकिन उन्हें खबर तक नहीं रहती। अब प्रोफाइल बनने का सबसे अधिक लाभ महिला प्रधानों को होगा। महिला प्रधानों को नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा।