Innocent victim of brutality dies, condition deteriorated after rape seven days ago in Banda दरिंदगी की शिकार मासूम की मौत, रेप के बाद आइस बॉक्स में मिली थी बच्ची, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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दरिंदगी की शिकार मासूम की मौत, रेप के बाद आइस बॉक्स में मिली थी बच्ची

यूपी के बांदा में सात दिन पहले दरिंदगी का शिकार हुई तीन साल की मासूम ने दम तोड़ दिया है। एक युवक ने बच्ची से रेप के बाद उसे आईस बॉक्स में डालकर जंगल में फेंका था। वहां से बरामदगी के बाद उसका इलाज चल रहा था।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, बांदा, वरिष्ठ संवाददाताWed, 11 June 2025 09:25 PM
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दरिंदगी की शिकार मासूम की मौत, रेप के बाद आइस बॉक्स में मिली थी बच्ची

दरिंदगी की शिकार तीन साल की मासूम बच्ची की आखिर मौत हो गई। कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती बच्ची को बचाने के लिए पांच विशेषज्ञों की टीम दिन-रात एक किए रही, लेकिन आरोपी सुनील निषाद ने उसे ऐसे जख्म दिए थे कि उसे बचाया नहीं जा सका। करीब 168 घंटे बाद बुधवार सुबह उसकी सांसें थम गईं। उधर, बच्ची की मौत की खबर सुनकर गांव में आक्रोश फैल गया। इसके चलते पुलिस तैनात की गई है।

चिल्ला थाना क्षेत्र एक गांव की तीन साल की मासूम को पड़ोसी सुनील निषाद पुत्र लोटन प्रसाद टॉफी का लालच देकर तीन जून की शाम चार बजे घर के बाहर से अगवा कर ले गया था। आरोप है कि सुनील निषाद उसे अपने कमरे में ले गया और शराब पीने के बाद दरिंदगी की। इसके बाद मरणासन्न हालत में मासूम को मछलियां बेचने के लिए घर में रखे आइस बॉक्स में रखकर साइकिल से घर से करीब छह किलोमीटर दूर पदार्थपुर के जंगल की झाड़ियों में फेंक आया।

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उधर, बच्ची का कहीं पता न चलने पर घरवाले रात नौ बजे चिल्ला थाने पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। एसपी पलाश बंसल ने तीन टीमें गठित कर बच्ची की तलाश शुरू कराई। शक के आधार पर सुनील को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने वारदात कबूल करते हुए बच्ची को जंगल से बरामद कराया। इसके तुरंत बाद आरोपी ने फायरिंग कर भागने का प्रयास किया तो पुलिस ने पैर में गोली मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया था।

उधर रात 2:35 बजे पुलिस मासूम को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। उसकी हालत नाजुक देख करीब सवा चार बजे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। न्यूरो और पीडियाट्रिक डॉक्टर के न होने, मासूम की हालत नाजुक और बार-बार झटके आते देख दोपहर 12 बजे कानपुर रेफर कर दिया गया। हैलट अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में पांच विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में मामूस का इलाज चल रहा था। डॉक्टरों के मुताबिक पूरे शरीर और जननांग में चोट होने की वजह से संक्रमण फैलता गया। इसके चलते मासूम की मौत हो गई।

आइस बॉक्स में दिख गए थे बच्ची से दरिंदगी के निशान

बच्ची से दरिंदगी करने का आरोपी सुनील निषाद उस समय शक के घेरे में आ गया था, जब ग्रामीणों ने उसके कपड़ों में खून लगा देखा। हालांकि तब उसने कहा कि वह गिर गया था। इस वजह से चोट आई है पर उसके शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं थे। पुलिस जब पहुंची तो ग्रामीणों ने उस पर शक जताया। इस पर पुलिस ने सुनील के मछली वाले उस आइस बॉक्स को चेक किया, जिसमें वह बच्ची को भरकर जंगल में फेंक आया था। बॉक्स में खून के निशान और मल मिला तो पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की। इसके बाद उसने घटना कबूल की थी।

आरोपित सुनील निषाद ने मछलीवाले आइस बॉक्स में रखकर मासूम को मरणासन्न हालत में पदार्थपुर जंगल में फेंका था। शाम करीब छह बजे वह साइकिल के कैरियर पर मछली वाला आई बॉक्स रखकर घर लौटा। उस वक्त भी नशे में धुत था। मासूम की खोजबीन में जुटे आसपास के लोगों ने उसके कपड़े में खून लगा देखा तो रोककर पूछा तो उसने गिरने की बात बताई। हालांकि, शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं दिखाई दिए।

इधर, काफी खोजबीन के बाद भी जब मासूम नहीं मिली तो घरवालों और आसपास के लोगों ने चिल्ला थाने में मामले की जानकारी दी। पुलिस की तीन टीमें खोजबीन में लगीं। पुलिस ने गांव के कई संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिसमें सुनील निषाद भी शामिल था। सभी के घर की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान सुनील निषाद के घर में आइस बॉक्स खोलकर देखा गया तो उसमें खून लगा मिला। इससे पुलिस का शक उस पर गहरा गया। सख्ती पर उसने मासूम को अगवाकर दुष्कर्म के बाद पदार्थपुर के जंगल में फेंकने की बात बताई। पुलिस टीम को जंगल ले जाकर झाड़ियों से मासूम को बरामद भी कराया।

आक्रोशितों के हाथ लगता तो होती बड़ी घटना

सुनील निषाद ने ही मासूम के साथ दरिंदगी की है। इस बात की जानकारी घरवालों और ग्रामीणों को हुई तो उनका आक्रोश फूट पड़ा। पुलिस किसी तरह आक्रोशितों से बचाकर मासूम की बरामदगी को उसे पदार्थपुर जंगल ले गई। इधर, आक्रोशित लोागों ने बांदा-कानपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। उनकी मांग थी कि दरिंदे को उन्हें सौंपा जाए। सड़क पर इंसाफ करेंगे। मुठभेड़ में दरिंदे के घायल होने की बात सामने आने पर जाम लगाए लोगों का गुस्सा कम हुआ। सीओ सदर राजवीर सिंह गौर सुबह पांच बजे किसी तरह सभी को समझा-बुझाकर हाइवे से हटा पाए थे।

हत्या की धारा बढ़ाते हुए रासुका लगाने की भी तैयारी

बांदा मंडल कारागार में बंद आरोपित के खिलाफ वारदात के 24 घंटे के अंदर दो एफआईआर चिल्ला थाने में दर्ज हुईं। पहली एफआईआर मासूम के पिता की तहरीर पर अपहरण और गलत तरीके संबंध बनाने की धाराओं में दर्ज है। दूसरी चिल्ला थाने के एसएसआई राम दिनेश तिवारी की तहरीर पर हत्या के प्रयास और आयुध अधिनियम में दर्ज है। आरोपित को कड़ीसजा दिलाने के लिए हत्या की धारा बढ़ाते हुए उस पर रासुका लगाने की तैयारी है।

दरअसल मुठभेड़ में आरोपित के गिरफ्तार होते ही एसपी पलाश बंसल ने चिल्ला थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि हफ्तेभर में सभी साक्ष्य एकत्र कर चार्जशीट दाखिल की जाए, जिससे जल्द कड़ी सजा दिलाई जा सके। मासूम की गंभीर हालत को देखते हुए चार्जशीट अब तक अदालत में दाखिल नहीं की जा सकी।

एसपी बांदा पलाश बंसल के अनुसार पहली प्राथमिकता अदालत में ठोस पैरवी करते हुए आरोपित को कड़ी सजा दिलाने की है। साथ ही उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की तैयारी की गई है। एक-दो दिन में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी। मजबूत साक्ष्यों और पैरवी से माहभर के अंदर सजा दिलाने की कोशिश रहेगी।

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