कौशल विकास प्रशिक्षण लेने वाले सभी युवाओं को नौकरी दिलाना जरूरी, गाइडलाइन जारी
कौशल विकास प्रशिक्षण लेने वाले सभी युवाओं को नौकरी दिलाना जरूरी कर दिया गया है। नौकरी दिलाने के साथ ही एक साल की मॉनिटरिंग भी की जाएगी। इसे लेकर मंगलवार को गाइडलाइन जारी कर दी गई।

अब कौशल विकास का प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को 90 दिनों में रोजगार दिलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रमों व रोजगार के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। रोजगार दिलाने के बाद एक वर्ष तक युवा को नौकरी में कोई कठिनाई न हो इसके लिए उसकी निगरानी भी की जाएगी। वहीं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 70 प्रतिशत तक मासिक उपस्थिति वाले युवाओं को रोजगार मेले में सम्मिलित किया जाएगा। प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं को बेहतर ढंग से रोजगार मिले इसके लिए यह व्यवस्था की गई है।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत 910 ट्रेनिंग पार्टनर हैं। 8669 प्रशिक्षण केंद्रों पर ट्रेनिंग दी जा रही है। 383618 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं अभी तक 647992 युवाओं को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्रशिक्षण हासिल होने के बाद युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े इसके लिए यह व्यवस्था लागू की गई है।
उप्र कौशल विकास मिशन प्रशिक्षण प्रदाता कंपनियों पर सख्ती कर रहा है। यही नहीं अब 75 प्रतिशत प्लेसमेंट उत्तर प्रदेश में ही कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे जिलों में रोजगार पाने वाले युवाओं का आगे सत्यापन भी कराया जाएगा। प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों को 49 रुपये से लेकर 35 रुपये तक प्रति प्रशिक्षु प्रति घंटा के हिसाब से भुगतान किया जाता है। अगर 300 घंटे का कोई प्रशिक्षण कोर्स है तो एक अभ्यर्थी का संस्था को 14700 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है। कौशल विकास प्रशिक्षण योजना की शुरुआत से अब तक बीते 11 वर्षों में 16.55 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है।
सरकार की तरफ से हर जिले में इन युवाओं को फिलहाल रोजगार मेला के माध्यम से नौकरी हासिल कराई जाती है। इन मेलों में आने वाली कंपनियों के लिए भी कुछ जरूरी नियम बनाए गए हैं। अब नौकरी हासिल करने के बाद एक साल तक मॉनिटरिंग के फैसले से युवाओं को काफी लाभ हो सकेगा।