यूपी के बिजली विभाग में 'नेतागिरी' पड़ी भारी, कर्मचारी नेता पर 5.5 करोड़ रुपए का लगा जुर्माना
यूपी में संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने वाले एक कर्मचारी नेता पर बिजली विभाग ने 5.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

यूपी के बिजली विभागा में नेतागिरी करना एक कर्मचारी नेता को बहुत भारी पड़ गया है। अयोध्या में विद्युत विभाग ने श्रमिक संघ के नेता पर कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ आंदोलन करने को लेकर 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। अयोध्या के विद्युत वितरण खंड के मुख्य अभियंता (वितरण) अशोक कुमार चौरसिया ने कर्मचारी संघ के नेता को नोटिस जारी कर 1,500 बिजली कर्मचारियों की बर्खास्तगी के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने पर 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने को कहा है।
विद्युत मजदूर पंचायत उत्तर प्रदेश की अयोध्या इकाई के जिला अध्यक्ष जय गोविंद ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्हें चौरसिया द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस मिला है, जिसमें 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इतिहास में किसी भी विभाग या न्यायालय द्वारा ऐसा नोटिस नहीं दिया गया है।
जब मुख्य अभियंता से यह पूछा गया कि उन्होंने किस कानून की धारा तहत जुर्माना लगाने का नोटिस जारी किया है तब उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' से कहा,''मुझे कोई धारा या कानून नहीं पता है, मैंने सिर्फ नोटिस जारी किया है। कानून की धाराएं पुलिस और न्यायालय तय करेंगे।'' पिछले महीने 1500 आउटसोर्सिंग बिजली कर्मचारियों की सेवाओं को मानकों के अनुपालन का कारण बताकर समाप्त कर दिया गया था। मुख्य अभियंता द्वारा जय गोविंद को भेजे पत्र में कहा गया था कि 22 अप्रैल से 10 मई तक, वह लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और उच्च तीव्रता वाले लाउडस्पीकर का उपयोग कर रहे थे, जिससे विभागीय कार्य, बिजली आपूर्ति और राजस्व वसूली प्रभावित हुई थी।
नोटिस उत्तर प्रदेश राजकीय विद्युत उपक्रम अधिनियम 1958 की धारा तीन के तहत जारी किया गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि वह नोटिस प्राप्ति की तिथि से 30 दिन के भीतर जुर्माना अदा नहीं करते हैं तो नोटिस की लागत समेत पूरी राशि भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल की जाएगी।