Fever Patient s Condition Worsens Family Blames Hospital Staff in Chhibramau मरीज की हालत बिगड़ने पर तीमारदारों ने काटा हंगामा, Kannauj Hindi News - Hindustan
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मरीज की हालत बिगड़ने पर तीमारदारों ने काटा हंगामा

Kannauj News - छिबरामऊ के सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती 11 वर्षीय बालिका की अचानक स्थिति बिगड़ गई, जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि गलत तरीके से दवा लगाने के कारण यह स्थिति बनी। चिकित्सक ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, कन्नौजWed, 14 May 2025 10:18 PM
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मरीज की हालत बिगड़ने पर तीमारदारों ने काटा हंगामा

छिबरामऊ, संवाददाता। सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती बुखार पीडि़त बालिका की अचानक हालत बिगड़ गई। इस पर उसके परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि गलत तरीके से दवा लगने के बाद बालिका की हालत बिगड़ी है। इसको लेकर चिकित्सक से भी काफी देर तक नोकझोंक हुई। वहीं कुछ लोगों ने दवा लगाने वाली स्टाफ नर्स की तलाश करनी शुरू कर दी। कई लोग अस्पताल में बने नर्सिंग कैंपस में पहुंच गए और कक्ष में ताला पड़ा देख वहां भी हंगामा किया। उधर, चिकित्सक ने गंभीर हालत में बालिका को कानपुर के लिए रेफर कर दिया।

दिलू नगला गांव निवासी रमाकांत की बेटी रिया (11) को बुखार आ रहा था। गंभीर स्थिति में परिजनों ने उसे सौ शैय्या अस्पताल में मंगलवार की सुबह लगभग पौने 11 बजे भर्ती कराया था। चिकित्साधिकारी डॉ.हसीब ने ओपीडी में इंट्री कराकर इलाज करना शुरू किया। रात में बालिका की अचानक हालत बिगड़ने लगी। परिजनों का आरोप है कि गलत तरीके से दवा लगने के कारण बालिका की हालत बिगड़ गई। इस पर परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। साथ ही चिकित्सक से भी काफी नोकझोंक हुई। इसके बाद कुछ लोगों ने दवा लगाने वाली स्टाफ नर्स की तलाश करते हुए उसके आवास पर जाकर वहां कमरे में ताला लटका देख वहां भी हंगामा किया। उधर, बालिका की गंभीर हालत देख आनन-फानन में उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। दवा लगवाकर घर चले जाते मरीज छिबरामऊ। सौ शैय्या अस्पताल में पिछले काफी समय से एक नया खेल चल रहा है। यहां लोकल के मरीज आते हैं और दवा लगवाकर घर चले जाते हैं और फिर दोबारा आकर दवा लगवाते हैं। जब कहीं कोई बात बनती-बिगड़ती है, तो तीमारदार हंगामा करते हैं। साथ ही इसका पूरा दोष चिकित्सकों पर मड़ दिया जाता है। वहीं डॉक्टर भी मामला फंसते देख तत्काल मरीज की बीएसटी तैयार कर देते हैं। चिकित्साधिकारियों का कहना है कि लोकल की वजह से वह लोग दवाब में काम करते हैं। तीमारदारों की मनमानी और काम बिगडऩे पर उनकी गालियां सुननी पड़ती हैं। बिना बीएसटी के दवा नहीं लगाएंगी स्टाफ नर्सें छिबरामऊ। सौ शैय्या अस्पताल में कार्यरत सभी स्टाफ नर्स सीएमएस चिकित्साधिकारी डॉ.सुनील कुमार से मिलीं और उन्हें इमरजेंसी में ड्यूटी के दौरान आने वाली तमाम समस्याओं से अवगत कराया। स्टाफ नर्सों का कहना है कि मरीजों को भर्ती कर बिना बीएसटी के ही इलाज कराया जाता है। यहां तक कि कई बार मौखिक रूप से ही इलाज करने को बाध्य किया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में आखिर वह लोग करें भी तो क्या करें। ऐसे में सीएमएस ने सभी स्टाफ नर्सों को निर्देश दिए कि अब वह लोग ओरल रूप से इलाज नहीं करेंगे, बल्कि जब तक बीएसटी में चिकित्सक द्वारा दवा मेंशन न की जाए, तब तक मरीज को दवा न लगाई जाए। क्या बोले जिम्मेदार इस संबंध में इमरजेंसी इंचार्ज चिकित्साधिकारी डॉ.संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि लोकल के चलते मरीज के तीमारदार मनमानी करते हैं। अस्पताल में दवा लगने के बाद बजाय भर्ती करने के घर ले जाते हैं और फिर दवा लगवाने आते हैं और जब काम बिगड़ता है, तब पूरा दोष डॉक्टरों पर मड़ देते हैं। यह रवैया ठीक नहीं है। मरीज को प्रॉपर भर्ती किया जाना चाहिए। उधर, इस संबंध में इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डॉ.हसीब ने बताया कि मरीज के तीमारदारों की लापरवाही से उसकी हालत बिगड़ी थी। हालांकि उन लोगों ने घंटों मरीज के पास खड़े रहकर उसकी देखरेख की। इसके बाद भी तीमारदारों ने काफी हंगामा किया। यहां तक कि उनके साथ गालीगलौज और स्टाफ नर्स के आवास के बाहर भी हंगामा किया। यह व्यवहार उचित नहीं है। उन्होंने तत्काल इस मामले की जानकारी सीएमएस डॉ.सुनील कुमार सिंह को दे दी थी।

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