बीवी की शिकायत पर पुलिस ने पीटा, युवक ने दी जान, दरोगा-कांस्टेबल और पत्नी पर FIR, सभी फरार
यूपी के कानपुर में बीवी की शिकायत पर पुलिस की पिटाई से आहत युवक के खुदकुशी करने के बाद आरोपी दरोगा, हेड कांस्टेबल और पत्नी और मृतक के ससुर पर एफआईआर दर्ज हो गई है। सभी फरार है।
यूपी के कानपुर में सजेती में बीवी की शिकायत पर पुलिस की पिटाई से आहत युवक के खुदकुशी करने के बाद मंगलवार को आरोपी दरोगा, हेड कांस्टेबल और पत्नी और ससुर ग्राम प्रधान और के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। घटना के बाद आरोपी फरार हो गए। इससे पहले दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।
कोटरा गांव के जीत कुमार निषाद उर्फ जीतू का अपनी पत्नी सुमन से अक्सर विवाद होता रहता था। पिता रमेश के मुताबिक चार जून को दंपति में झगड़ा हुआ, जिसके बाद सुमन ने पुलिस सहायता केंद्र के प्रभारी सब इंस्पेक्टर गौरव सौलिया से शिकायत की। जानकारी पर सुमन के पिता प्रधान रामकिशोर भी आ गए। आरोप है कि रामकिशोर के कहने पर दरोगा गौरव ने हेड कांस्टेबल रवि के साथ मिलकर जीतू को पट्टे से बेरहमी से पीटा। बाद में उसे छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की। 20 हजार मिलने पर पांच जून की सुबह उसे छोड़ा गया। इधर, शिकायत करने के बाद पत्नी अपनी तीनों बेटियों के साथ मायके चली गई।
रमेश के मुताबिक बाकी के 30 हजार रुपये के लिए पुलिस जीत पर दबाव बना रही थी। पुलिस की प्रताड़ना से जीतू काफी दुखी था, सोमवार शाम उसने घर में पंखे पर लटककर जान दे दी। परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो भड़क उठे। जीतू की पत्नी, ससुर व पुलिसकर्मियों पर आरोप लगा हंगामा शुरू कर दिया। विधायक सरोज कुरील भी पहुंच गईं और पुलिसकर्मियों को फटकारा। सोमवार रात एक बजे डीसीपी पहुंचे। दोनों पुलिसकर्मियों, प्रधान रामकिशोर व पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
पति के अंतिम दर्शन तक नहीं करने आई सुमन, हो गई फरार
प्रधान पिता का रौब गांठने वाली सुमन का कलेजा पति की मौत के बाद भी नहीं पसीजा। घटना के कई घंटे बाद तक परिवार के लोग उसके आने का इंतजार करते रहे लेकिन न तो वह खुद आई और न ही बेटियां पिता के अंतिम दर्शन करने पहुंचीं। कई सालों से सूरत में रहकर प्राइवेट नौकरी करने वाला जीतू दो महीने से गांव कोटरा में था। पिता व अन्य परिजनों का कहना है कि सुमन जीत को सूरत जाने के लिए कहती थी और अक्सर लड़ाई का बहना ढूंढती थी। मामूली विवाद में झगड़कर मायके चली जाती थी। उसकी 18 वर्षीय बेटी आकांक्षा, 13 वर्षीय अरुणा व आठ साल की साक्षी भी मंगलवार को नहीं आईं। पिता पर एफआईआर होने के बाद वह भी फरार हो गई। एसीपी के मुताबिक अंतिम संस्कार के बाद आरोपियों की तलाश होगी।
पुलिस पर लगे थे आरोप
आरोप है कि बीती छह जून को गांव के ही एक वृद्ध ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाई है। गांव निवासी 65 वर्षीय भोला निषाद ने बीती छह जून को फंदा लगाकर जान दी थी। पुलिस ने पिता और बड़े भाई को सहायता केंद्र बुलाया और जमकर पीटा। था
गांव में चौकी खुलने का हुआ था विरोध
पिछले साल नवंबर में गांव की अस्थायी पुलिस सहायता केंद्र खोला गया था। विधायक सरोज कुरील का आरोप है कि इस केंद्र में तैनात एसआई गौरव पर अक्सर रुपये मांगने के आरोप लगते रहे हैं और बीते दिनों गांव में एक आत्महत्या के मामले पर भी पुलिस की भूमिका संदिग्ध लग रही है। जीतू के पिता रमेश का आरोप है कि उनके बेटे को पकड़ने के बाद पुलिस ने रात भी चौकी में रखा गया और पांच जून की सुबह रुपये लेकर