गुरु अर्जन देव के शहीदी दिवस पर हजारों ने छका लंगर
Kanpur News - श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज का 421 वां शहीदी दिवस श्रद्धा के साथ मनाया गया। गुमटी गुरुद्वारा में संगत ने शबद कीर्तन किया और लंगर का आनंद लिया। कथावाचक ज्ञानी मंदीप सिंह ने गुरु जी की शहादत की कहानी...

पंचम पिता श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज का 421 वां शहीदी दिवस श्रद्धा के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा कीर्तनगढ़ (गुमटी गुरुद्वारा) में गुरमत समागम के दौरान शबद कीर्तन से संगत निहाल हुई। हजारों की संगत ने गुरु का अटूट लंगर छका। इस अवसर पर छबील भी लगाई गई। गुरु सेवक जत्था ने गुरु अर्जन देव जी का दो दिवसीय आयोजन किया था। अंतिम दिन रविवार को यहां भव्य आयोजन हुआ जिसमें हजारों की संगत सुबह से ही पहुंच गई। कथावाचक ज्ञानी मंदीप सिंह संगरूर पंजाब ने बताया कि गुरु जी को जहांगीर ने 30 मई 1606 में लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान यासा व सियासत कानून के तहत लोहे के गर्म तवे पर बैठाकर शहीद कर दिया गया था।
कथावाचक ने कहा कि वो विनम्रता के पुंज थे एवं जिसमें श्री दरबार साहिब (अमृतसर) से आए भाई स्वरूप सिंह रूप ने कीर्तन जत्यउ जिन्ह अर्जुन देव गुरु, फिरि संकट जोकि गरभ न आयउ...भानि मथुरा कछु भेद नहीं, गुरु अरजुनु परतरत्य हरि. ..ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। सुबह से ही जो बोले सो निहाल के जयकारे लगाते संगत आना शुरू हो गई थी। एक ही पंगत में बैठकर संगत ने लंगर छका। मीठे शरबत की छबील भी लगाई गई। हजारों की संगत के साथ राहगीरों ने भी शरबत ग्रहण किया। दीवान में जत्थे के प्रधान दविन्दर सिंह सागरी ने 12वीं में 98 प्रतिशत फीसदी अंक प्राप्त करने वाले बच्चे को यशप्रीत सिंह गुजराल को सिरोपा देकर सम्मानित किया। मेहमान जत्थेबंदियों को भी सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। रात को भी दीवान सजा जिसमें रागी जत्थों ने शबद कीर्तन किया। प्रधान दविन्दर सिंह सागरी टीटू, ज्ञानी मदन सिंह, मोहन सिंह झास, भूपिन्दर सिंह सलूजा, दविन्दर सिंह सचदेवा, गुरदीप सिंह गांधी, जसपाल सिंह पनेसर, जसमिन्दर सिंह झास, सुरजीत सिंह बग्गा, मीतू सागरी, तरविन्दर सिंह, मक्खन सिंह आदि शामिल थे।
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