Kanungo has been suspended who inherited the land of a person who died 40 years ago 40 साल पहले मर चुके शख्स की जमीन वरासत करने वाला कानूनगो सस्पेंड, लेखपाल पर भी ऐक्शन, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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40 साल पहले मर चुके शख्स की जमीन वरासत करने वाला कानूनगो सस्पेंड, लेखपाल पर भी ऐक्शन

यूपी के बांदा जिले में 40 साल पहले मर चुके शख्स की जमीन वरासत करने वाला कानूनगो सस्पेंड हो गया है।इस मामले में लेखपाल पर भी ऐक्शन हुआ है। एडीएम वित्त एवं राजस्व ने हलका लेखपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानTue, 3 June 2025 07:37 AM
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40 साल पहले मर चुके शख्स की जमीन वरासत करने वाला कानूनगो सस्पेंड, लेखपाल पर भी ऐक्शन

यूपी के बांदा जिले में करीब 40 साल पहले मर चुके शख्स की नॉन जेड एरिया की विवादित भूमि की वरासत करने में काननूगो को निलंबित कर दिया गया है। जांच के बाद एडीएम वित्त एवं राजस्व ने हलका लेखपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।

शहर कोतवाली क्षेत्र में छोटी बाजार मुचियाना निवासी शेख मोहम्मद उजैर ने एसडीएम सदर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि बाबा मोहम्मद मूसा का नाम जमींदारी विनाश के पहले से आज तक मौजा भवानीपुरवा (नॉन जेड एरिया) की भूमि में बतौर मौरूसी काश्तकार दर्ज होता चला आ रहा है। वह और परिवार के लोग बतौर वारिस काबिज हैं। जमीन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

इस साल 15 जनवरी को कूटरचित दस्तावेज के आधार पर जमीन का वसीयतनामा चित्रकूट कर्वी कोतवाली क्षेत्र के द्वारिकापुरी निवासी बेबी शम्स जहां के पक्ष में कर दिया गया, जबकि मूसा की मृत्य काफी पहले हो चुकी है। बेबी शम्स जहां न तो परिवार की सदस्य हैं और न ही मृतक की वारिसान में शामिल हैं। शेख मोहम्मद ने हलका लेखपाल और कानूनगो की भूमिका संदिग्ध बताते हुए जांच कराने की मांग की। एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार ने बताया कि संलिप्तता मिलने पर कानूनगो योगेंद्र कुमार द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया है। हलका लेखपाल मुन्ना कश्यप के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई। उन्होंने बताया कि नॉन जेड एरिया की भूमि की वरासत का अधिकार एसडीएम को है। काननूगो नहीं कर सकता है।

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कौन होते हैं मौरूसी काश्तकार:

मौरूसी काश्तकार का मतलब है कि वह काश्तकार (कृषक) जो भूमि पर अपने पूर्वजों के समय से चला आ रहा हक रखता है। जमीन पर खेती करने का अधिकार उसे वंशानुगत प्राप्त है। दूसरे शब्दों में, एक ऐसा कृषक है, जिसके पास कृषि भूमि पर स्थायी, कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त किरायेदारी अधिकार है।

क्या होता है नॉन जेड एरिया:

वह भूमि जो जमींदारी उन्मूलन अधिनियम के दायरे में नहीं आती है, यानी निजी काश्तकारों की भूमि होती है। इसका मतलब है कि इस भूमि पर जमींदारी व्यवस्था नहीं लागू हुई है। भूमि का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास रहता है।

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