Water Crisis in Bhoreyan Village Residents Struggle for Basic Needs ग्रामीणों के घरों में एक साल से नहीं पहुंच रहा पानी, Bhabua Hindi News - Hindustan
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ग्रामीणों के घरों में एक साल से नहीं पहुंच रहा पानी

भोरेयां गांव के लोग एक साल से पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। गर्मी में पानी की कमी से खाना पकाने, स्नान करने, और कपड़े धोने में कठिनाई हो रही है। सरकारी नल योजना बंद पड़ी है और ग्रामीण निजी चापाकल का...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआWed, 4 June 2025 09:06 PM
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ग्रामीणों के घरों में एक साल से नहीं पहुंच रहा पानी

भोरेयां गांव के लोगों को पानी का इंतजाम करने में झेलनी पड़ रही परेशानी घर में खाना पकाने, बर्तन व कपड़ा धोने, स्नान करने में हो रही है दिक्कत (बोले भभुआ) रामपुर, एक संवाददाता। प्रखंड की खरेंदा पंचायत के भोरेयां गांव के वार्ड पांच में निवास करने वाले ग्रामीणों के घरों में एक साल से पेयजलापूर्ति नहीं की जा रही है। इससे ग्रामीणों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के इस मौसम में उन्हें पानी का इंतजाम करने में दौड़ लगानी पड़ रही है। घर में खाना पकाने, बर्तन व कपड़ा धोने, स्नान करने में दिक्कत हो रही है।

कभी-कभी तो घर के पुरुष बिना स्नान किए ही काम पर चले जाते हैं। हर घर नल का जल योजना से गांव में टंकी लगाई गई है। लेकिन, वह शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। ऐसे में ग्रामीण किसी के घर के निजी चापाकल व कुआं के पानी से काम चला रहे हैं। तापमान बढ़ने के कारण कुआं पर पानी भी नीचे चला गया है। चापाकल से भी कम पानी निकल रहा है। लेकिन, ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान कराने की दिशा में न तो लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फिक्रमंद दिख रहे हैं और न ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि आगे आ रहे हैं। योजना पर लाखों रुपए खर्च भी विभागीय अनदेखी के कारण ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत इस योजना पर हर वार्डमें काम कराया गया है। लेकिन, भोरेयां के ग्रामीणों को एक साल से पेयजल संकट का सामाना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से इस समस्या को दूर करने के लिए कई बार गुहार लगाई गई, पर किसी ने उनकी नहीं सुनी। यही कारण है कि वह एक साल से पेयजल की समस्या से जूझते आ रहे हैं। देखरेख के लिए आवंटित राशि के बारे में नहीं चलता पता वार्ड सदस्य रविनंदन तिवारी ने बताया कि अब योजना की देखरेख की जिम्मेदारी पीएचईडी के जिम्मे है। इसकी देखरेख के लिए विभाग द्वारा प्रति वर्ष 80 हजार रुपए आवंटित किए जाते हैं। उसे उस पैसे को क्या किया जाता है, उन्हें भी पता नहीं चल पाता है। ग्रामीण राजेन्द्र बैठा व इरफान अंसारी ने बताया कि वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा लाखों खर्च कर वार्ड 5 के घरों में पेयजलापूर्ति के लिए योजना पर काम कराया गया। पाइप बिछाई गई। कनेक्शन दिए गए। लेकिन, जगह-जगह पाइप में छिद्र होने व पानी बह जाने तथा तकनीकी खराबी के कारण करीब एक वर्ष से पानी आपूर्ति बंद है। इससे ग्रामीणों को काफी परेशान हो रही है। ग्रामीणों ने इस समस्या का समाधान कराने की मांग पीएचईडी से की है। फोटो- 04 जून भभुआ- 1 कैप्शन- प्रखंड के खरेंदा पंचायत क्षेत्र के भोरेयां गांव के वार्ड 5 की बंद पड़ी नल-जल योजना।

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