बैकफुट पर करणी सेना, राणा सांगा के नाम पर आगरा में 12 को होने वाला आयोजन रद्द, यह बताया कारण
राणा सांगा विवाद में आगरा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर हमला करने के बाद एक बार फिर 12 अप्रैल को आने का ऐलान करने वाली करणी सेना ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है। करणी सेना की तरफ से युवा अध्यक्ष ने फेसबुक पर लाइव आकर इस बात की जानकारी दी। कारण भी बताया है।

आगरा में महाराणा सांगा की जयंती मनाने का एलान करने के बाद करणी सेना बैकफुट पर आ गई है। कुबेरपुर के पास गढ़ी रामी गांव में 12 अप्रैल को होने वाला कार्यक्रम रद कर दिया गया है। इसकी घोषणा राजपूत करणी सेना युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने शनिवार शाम अपने फेसबुक पेज पर लाइव वीडियो में की है। 26 मार्च को सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर हमला करने के मामले में करणी सेना देशभर में चर्चा का विषय बन गई थी। सुमन के आवास पर हुई पुलिस के साथ भिड़ंत में करणी सेना के तमाम कार्यकर्ता घायल भी हुए थे। पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थीं।
इस घटना के बाद करणी सेना ने 12 अप्रैल को दोबारा आगरा आने का एलान किया था। हालांकि तब जगह नहीं खोली गई थी। कुछ दिन पहले ओकेंद्र राणा ने कुबेरपुर के पास गढ़ी रामी में राणा सांगा जयंती मनाने की घोषणा कर दी थी। यहां कई राज्यों से समर्थकों का जुटना तय हुआ था। सेना की आगरा टीम कार्यक्रम की तैयारियों में लगी हुई थी। सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महीपाल सिंह मकराना ने भी समर्थकों से आगरा पहुंचने की अपील की थी। शनिवार शाम को अचानक ओकेंद्र राणा ने अपने फेसबुक पेज समेत सोशल मीडिया पर कार्यक्रम रद करने का एलान कर दिया। हालांकि हिन्दुस्तान इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
राजनैतिक बनाना चाहते थे कुछ लोग
ओकेंद्र का कहना है कि बीते दिनों शेरसिंह राणा ने आगरा आकर कार्यक्रम में बसपा प्रमुख मायावती को बुलाने की बात की। कुछ और लोग भी कार्यक्रम में खास मकसद के साथ शामिल होने को कह रहे थे। यानि वह लोग इसे भाजपा के खिलाफ राजनैतिक कार्यक्रम बनाना चाहते थे। जबकि वे सीकरी सांसद राजकुमार चाहर और विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह जैसे समाज के प्रमुख लोगों को बुलाना चाहते थे। कार्यक्रम कहीं राजनैतिक न हो जाए, इसलिए रद कर दिया गया।
दलितों से नहीं, रामजीलाल सुमन से दुश्मनी
राणा ने वीडियो में कहा कि सांसद सुमन के समाज से उनकी दुश्मनी नहीं है। वे किस समाज से आते हैं, इससे कोई मतलब नहीं है। वे सभी का आदर करते हैं। लेकिन उनकी निजी दुश्मनी सिर्फ सांसद से है। आगरा में हिसाब-किताब नहीं हो पाया तो कोई बात नहीं। वे दिल्ली में या अन्य किसी स्थान पर इस काम को कर सकते हैं। चूंकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सुमन का समर्थन किया है। इसलिए अब वे यूपी के हर जिले में जाकर अपने समाज से सपा की खिलाफत को कहेंगे।