शातिरों का नाम खतौनी से गायब, महिला का नाम दर्ज
Kausambi News - सिराथू के कैमा गांव की फूलकली की जमीन को लेखपाल ने गलत तरीके से उसके मृत होने का दावा कर पड़ोसियों के नाम कर दिया था। फूलकली ने शिकायत की तो प्रशासन हरकत में आया। कार्रवाई के तहत महिला का नाम खतौनी...

सिराथू के कैमा गांव की एक महिला को मृत दिखाकर लेखपाल ने उसकी जमीन पड़ोसियों के नाम कर दी थी। महिला ने शिकायत की तो हड़कंप मच गया। कार्रवाई से बचने के लिए आनन-फानन पड़ोसियों का नाम खतौनी से खारिज करके महिला का नाम दर्ज कर दिया गया है। ये कार्रवाई आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद तहसील प्रशासन ने की है। सिराथू के कैमा गांव की फूलकली पत्नी स्व. विन्देश्वरी के पास गांव में लगभग पांच विस्वा जमीन थी। वह मेहनत मजदूरी करके किसी तरह परिजनों का भरण पोषण करती थी। उसकी जमीन पर गांव के ही तीरथलाल व कंधईलाल पुत्रगण स्व. विन्देश्वरी की निगाह गड़ी थी।
मौका पाते ही वर्ष 2023 में दोनों भाईयों ने लेखपाल से साठगांठ करके फूलकली की जमीन को अपने नाम वरासत करवा लिया। लेखपाल ने भी बिना किसी जांच के फूलकली की जमीन को शातिरों के नाम वरासत कर दिया। इसके लिए फूलकली को अभिलेखों में मृत बताया गया गया था। इसकी जानकारी हाल ही में फूलकली को हुई तो उसके होश उड़ गए। फूलकली ने मामले की शिकायत अधिकारियों से की। एसडीएम योगेश कुमार गौड़ ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया गया। प्रकरण में कर्मचारियों ने अपनी गर्दन फंसती देखी तो आनन-फानन वरासत को निरस्त को निरस्त करके फूलकली का नाम दोबारा खतौनी में दर्ज करा दिया गया। फूलकली को इंसाफ तो मिल गया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि फर्जी वसीयत करने वाले लेखपाल पर क्या कार्रवाई हुई। यह कोई छोटी गलती का परिणाम नहीं था, न ही मामूली चूक थी। लेखपाल पर कार्रवाई के सवाल पर अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं।
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